Ahoi Ashtami Aarti 2024: अहोई अष्टमी के दिन करें माता की आरती, जानें सही नियम

अहोई अष्टमी के दिन माता पार्वती की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। इस दिन पूजा के बाद आरती से शुभ परिणाम मिल सकते हैं। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
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हिंदू पंचांग के कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन अहोई अष्टमी मनाने की मान्यता है। इस दिन माता पार्वती के अहोई स्वरूप की पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि माता अहोई की पूजा करने से माताओं को संतान सुख की प्राप्तिहो सकती है। साथ ही अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। आपको बता दें, अहोई अष्टमी का व्रत सुख-समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।

अगर जो माताएं अहोई अष्टमी के दिन पूजा कर रही हैं, तो इस दिन माता की आरती करने की विशेष रूप से करनी चाहिए। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार अहोई माता की आरती के बारे में जानते हैं। साथ ही किन नियमों का पालन करना जरूरी है। इसके बारे में भी जानते हैं।

अहोई माता की आरती पढ़ें

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अहोई माता की पूजा करने के बाद उनकी आरती जरूर करें। इससे दांपत्ति को संतान सुख का आशीर्वाद मिलता है और माता पार्वती के साथ-साथ भगवान शिव की कृपा भी बनी रहती है।

जय अहोई माता,
जय अहोई माता ।
तुमको निसदिन ध्यावत,
हर विष्णु विधाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥

ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमला,
तू ही है जगमाता ।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥

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माता रूप निरंजन,
सुख-सम्पत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्यावत,
नित मंगल पाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥

तू ही पाताल बसंती,
तू ही है शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव प्रकाशक,
जगनिधि से त्राता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥

जिस घर थारो वासा,
वाहि में गुण आता ।
कर न सके सोई कर ले,
मन नहीं घबराता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥

तुम बिन सुख न होवे,
न कोई पुत्र पाता ।
खान-पान का वैभव,
तुम बिन नहीं आता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥

शुभ गुण सुंदर युक्ता,
क्षीर निधि जाता ।
रतन चतुर्दश तोकू,
कोई नहीं पाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥

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श्री अहोई माँ की आरती,
जो कोई गाता ।
उर उमंग अति उपजे,
पाप उतर जाता ॥

ॐ जय अहोई माता,
मैया जय अहोई माता ।

अहोई माता की आरती करने के नियम क्या हैं?

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अगर आप अहोई माता की आरती कर रहीं हैं, तो इस बात का खास ध्यान रखें कि उनकी पूजा शाम के समय होती है और फिर उनकी आरती विशेष रूप से करने से सौभाग्य में भी वृद्धि हो सकती है। अहोई माता की आरती घी के दीपक से करनी चाहिए। इससे शुभ परिणाम मिल सकते हैं। इससे व्यक्ति की सभी मनोकामनाएंभी पूरी हो सकती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होता है।


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Image Credit- HerZindagi

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