तेल के बगेर इंडियन किचन की कल्पना नहीं की जा सकती। इंडियन खानों में तेल की क्या अहमियत है, यह किसी इंडियन से पूछे। तेल को कई तरीकों से और कई चीजों में इस्तेमाल किया जाता है, चाहे बात सब्जी बनाने, पकौड़े तलने, पराठे बनाने की हो या तड़का लगाने की। घरों में कचौड़ी, पूरियां, समोसे जैसी चीजें आमतौर पर बनती हैं। इसमें से बचे तेल का इस्तेमाल 2-3 बार ओर किया जाता है. तेल खाने का टेस्ट और फ्लेवर बढ़ाता है। पर आमतौर पर एक बात जिसपर कोई भी ध्यान नहीं देता वो है घरों में एक बार इस्तेमाल किए गए तेल को बार-बार इस्तेमाल किया जाना। इस सोच के साथ की तेल बर्बाद ना ऐसा किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तेल का बार-बार इस्तेमाल आपके हेल्थ पर बुरा असर डाल सकता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी की इससे कई सारी बीमारियां हो सकती है। वहीं, एक सवाल जो हमारे दिमाग में आता है वो है बचे तेल को कितनी बार इस्तेमाल कर सकती हैं।
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इसलिए बचे हुए तेल का बार-बार इस्तेमाल करना आपके लिए हो सकता है बेहद खतरनाक। आइए जानते कैसे-
बचा हुआ तेल हो सकता है कैंसर का कारण
अगर इस्तेमाल किये हुए तेल को दोबारा इस्तेमाल किया जाता है तो इससे सूजन और जलन जैसी बीमारियां हो सकती हैं। साथ ही कैंसर होने का खतरा भी बढ़ सकता है। इसके अलावा तेल को बार-बार इस्तेमाल करने से कलेस्ट्रॉ बढ़ सकता और धमनियां ब्लॉक हो सकती हैं।
बचा हुआ तेल हो सकता है हार्ट संबधी बीमारियां का कारण
एक ही तेल को बार-बार इस्तेमाल करने से हार्ट संबधी बीमारियां, ऐल्टशाइमर्ज़ डिज़ीज़, असिडिटी, पार्किंसन्स डिज़ीज हो सकती है।
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- एक बार इस्तेमाल किए गए तेल को दोबारा इस्तेमाल करने से बचें। लेकिन तेल की मात्रा अगर ज्यादा हो और आप इसको फेंकना नहीं चाहते तो कुछ मामलों में ऐसा किया जा सकता है। हालांकि यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि किस प्रकार का ऑयल इस्तेमाल कर रही हैं, वो सरसों का तेल है या रिफाइंड ऑयल। सरसों का तेल का इस्तेमाल दोबारा कर सकती है लेकिन रिफाइंड ऑयल के दोबारा इस्तेमाल से हमेशा बचें।
- रिफाइंड ऑयल के दोबारा इस्तेमाल से बिल्कुल ना करें। डॉक्टर्स भी इसी की सलाह देते हैं। रिफाइंड ऑयल का दोबारा इस्तेमाल हेल्थ के लिए बहुत ही हानिकारक होता है।
- सभी तेल एक दूसरे से काफी अलग होते हैं। कुछ में स्मोकिंग पाइंट ज्यादा होता है। यानी डीप फ्राइंग के दौरान कुछ में धुआं ज्यादा निकलता है तो कुछ में कम। कुछ तेल ऐसे होते हैं जिन्हें गरम करने पर बिल्कुल भी धुआं या झांस नहीं निकलता, जैसे कि सनफ्लॉवर तेल, सोयाबीन का तेल, मूंगफली का तेल आदि। ऐसे तेल जिनका स्मोकिंग पाइंट ज्यादा न हो उन्हें फ्राई करने के लिए दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
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कुकिंग के बाद बचे तेल को ठंडा होने दें और इसे एयरटाइट डब्बे में छानकर रखें। इससे उस तेल के फूड पार्टिकल्स निकल जाएंगे। दोबारा इस्तेमाल करते समय अगर अगर तेल पहले की तुलना में ज्यादा धुआं छोड़े तो उस तेल का यूज़ ना करें। आप तेल को दोबारा इस्तेमाल करने से पहले ये देख लें कि इसका रंग और इसकी मोटाई कैसी है। अगर तेल का रंग काला पड़ गया है तो समझ लें की यह तेल खराब हो गया है, इसका यूज़ बिल्कुल ना करें।
Photo courtesy- (Cooking Light, Live Your Life More, Life & Health Network & Business Insider)
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