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40 की उम्र के आस-पास महिलाओं को वजन कम करने में मुश्किल क्यों आती है? जानें 5 कारण

40 की उम्र के आस-पास अक्सर महिलाओं के लिए वजन कम करना मुश्किल होता है। इस समय पर कई कारणों से वेट लॉस करने में दिक्कत आती है। पेरिमेनोपॉज के समय वजन घटाना क्यों आसान नहीं होता है, चलिए एक्सपर्ट से समझते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-04-15, 19:50 IST

महिलाओं के शरीर में उम्र के अलग-अलग पड़ावों पर होने वाले हार्मोन बदलावों का असर, उनके शरीर के फंक्शन्स, वजन और भी कई चीजों पर होता है। पेरिमेनोपॉज और मेनोपॉज का समय महिलाओं के लिए काफी चैलेंजिंग हो सकता है। लेट 30s और 40s की शुरुआत में महिलाओं के शरीर में काफी हार्मोनल बदलाव होते हैं। इसे पेरिमेनोपॉज का समय कहा जाता है। इस समय पर महिलाओं का वजन भी बढ़ता है और वजन कम करना आसान भी नहीं होता है। पेरिमेनोपॉज यानी 40 की उम्र के आस-पास महिलाओं के लिए वजन कम करना क्यों मुश्किल होता है, चलिए एक्सपर्ट से समझते हैं। यह जानकारी डाइटिशियन मनप्रीत दे रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।

40 की उम्र के आस-पास महिलाओं में वजन कम करना क्यों मुश्किल होता है? (Why am I gaining weight so fast during perimenopause)

 

 

 

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  • इस समय पर एस्ट्रोजन हार्मोन में कमी आती है। इसका असर, वजन पर भी होता है। इसकी वजह से वजन बढ़ने लगता है, हॉट फ्लैशेज और मूड स्विंग्स भी हो सकते हैं।
  • उम्र के साथ मेटाबॉलिज्म धीमा होने लगता है। इसकी वजह से कैलोरीज बर्न होने की रफ्तार कम हो जाती है और वजन कम करना मुश्किल होता है।
  • पेरिमेनोपॉज का असर, इंसुलिन सेंसिटिविटी पर होता है। इस समय पर इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ने लगता है। एस्ट्रोजन के कम होने की वजह से ब्लड शुगर और फैट स्टोरेज पर असर होता है।
  • उम्र के साथ मसल मास कम होने लगता है। इसके कारण, कैलोरीज बर्न होना मुश्किल होता है और वजन बढ़ने लगता है।
  • 40 की उम्र के आस-पास थायराइड ग्लैंड की कार्यक्षमता पर भी असर होता है और इसकी वजह से थायराइड हार्मोन का प्रोडक्शन प्रभावित होता है। इससे मेटाबॉलिज्म स्लो होता है और वजन कम करना मुश्किल हो जाता है।

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belly fat and perimenopause

  • इस समय पर स्लीप साइकिल भी प्रभावित होती है। नींद की कमी के कारण, स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल बढ़ जाता है और इसकी वजह से शरीर में फैट अधिक स्टोर होता है। खासकर, चेहरे और पेट के आस-पास चर्बी जमने लगती है।
  • लेप्टिन में बदलाव के कारण, भूख अधिक लगती है। इस समय पर अक्सर हाई कैलोरी फूड्स की क्रेविंग होती है और इस वजह से भी वजन बढ़ने लगता है।

 

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पेरिमेनोपॉज और मेनोपॉज में होने वाले हार्मोनल बदलावों का असर, महिलाओं की ओवरऑल हेल्थ पर होता है। इस समय पर अपना खास ध्यान रखना जरूरी है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock

 

 

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