PMS के दौरान आखिर क्यों करता है कार्ब्स खाने का मन?

पीरियड्स से पहले या पीरियड्स के दौरान कई महिलाओं को कार्ब्स खाने की इच्छा होती है। ऐसा क्यों होता है, इसका जवाब आप न्यूट्रिशनिस्ट अंजलि मुखर्जी ने दिया है। आइए जानते हैं कि आपके हार्मोन्स कैसे प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के दौरान ये क्रेविंग्स उत्पन्न करते हैं।

 
why do we crave carbs during pms by expert

जब मुझे पीरियड्स शुरू होते हैं, तो उनमें 2-3 दिन मैं अक्सर लो फील करती हूं। इसी दौरान मुझे कुछ न कुछ खाने की क्रेविंग्स जरूर होती है। कई बार मीठा खाने का मन करता है, तो कई बार बर्गर खाने का मन करता है। ये क्रेविंग्स प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमस) के दौरान अक्सर शुरू होती हैं। आपको भी आश्चर्य होता होगा कि आपको महीने भर मीठा खाने का मन नहीं करता फिर अचानक पीरियड्स शुरू होते ही आप क्यों कुकी जार की ओर दौड़ने लगती हैं।

दरअसल, यह हमारे हार्मोन के उतार-चढ़ाव के कारण होता है। जानी-मानी न्यूट्रिशनिस्ट अंजलि मुखर्जी कहती हैं कि कई महिलाओं को मेंस्ट्रुअल साइकिल शुरू होने के दौरान अलग-अलग तरह के कार्ब्स खाने की क्रेविंग्स हो सकती है। यह नॉर्मल है, लेकिन क्या ऐसी क्रेविंग्स में ये चीजें खा लेना ठीक है? पीएमएस के दौरान कार्ब्स खाने का मन करता है, तो इसके अन्य कई कारण हो सकते हैं। चलिए इस आर्टिकल में विस्तार से इस बारे में जानें।

हार्मोन्स का उतार-चढ़ाव पैदा करता है क्रेविंग्स

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पीएमएस शरीर के भीतर हार्मोनल उतार-चढ़ाव, न्यूरोट्रांसमीटर बदलाव और शारीरिक प्रतिक्रियाओं को प्रभावित करता है। एस्ट्रोजन एक ऐसा हार्मोन है, जो मासिक धर्म से पहले के दिनों में तेजी से घटता है। एस्ट्रोजन के स्तर में यह गिरावट सेरोटोनिन को प्रभावित कर सकती है, जो एक न्यूरोट्रांसमीटर है और मूड स्विंग्स और चेंज होने के गुणों के लिए जाना जाता है।

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सेरोटोनिन से कैसा बदलता है मूड?

सेरोटोनिन मूड, भूख और नींद को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कम सेरोटोनिन का स्तर चिड़चिड़ापन, उदासी और चिंता की भावनाओं से जुड़ा होता है। पीएमएस के दौरान अनुभव होने वाले सामान्य लक्षण यही होते हैं और तभी आप अक्सर लो फील करती हैं। सेरोटोनिन में कमी की भरपाई के लिए, शरीर कार्बोहाइड्रेट की मांग करने लगता है, जो इंसुलिन के रिलीज को ट्रिगर करता है।

कार्बोहाइड्रेट के सेवन से मूड होता है बेहतर

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कार्बोहाइड्रेट का सेवन इंसुलिन के उत्पादन को उत्तेजित करता है, जो ट्रिप्टोफैन को छोड़कर, अमीनो एसिड को कोशिकाओं में अवशोषित होने में मदद करता है। अन्य अमीनो एसिड के बाहर होने से, ट्रिप्टोफैन अधिक आसानी से मस्तिष्क में प्रवेश कर सकता है, जिससे सेरोटोनिन का सिंथेसिस बढ़ जाता है। सेरोटोनिन में यह वृद्धि मूड को बेहतर बनाती है, जिससे पीएमएस की भावनात्मक अशांति से राहत मिलती है।

एनर्जी को मिलता है बूस्ट

कई बार एनर्जी को बूस्ट करने के लिए प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के दौरान शरीर को कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता हो सकती है। कार्बोहाइड्रेट शरीर के लिए एनर्जी के मेन सोर्स के रूप में काम करते हैं, जिससे वे खत्म होती स्टोरेज को फिर से भरने के लिए एक नेचुरल विकल्प बन जाते हैं।

क्या पीएमएस के दौरान कार्ब्स खाना ठीक है?

कई बार आपको अपने शरीर की सुननी चाहिए, क्योंकि कुछ क्रेविंग्स आपके शरीर के बारे में जरूरी संकेत देती हैं। कई बार ऐसा होता है कि आपके शरीर को ज्यादा कैलोरी की आवश्यकता होती है। हां, इसका मतलब यह नहीं है कि आपको रोजाना हाई-कार्ब्स चीजें ही खानी चाहिए लेकिन अगर आपका शरीर कभी-कभी ऐसी कुछ मांग कर रहा है, तो उसे लिमिट में पूरा करने में कोई हर्ज नहीं है। अपने शरीर और उसकी जरूरतों पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है।

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हेल्दी ऑप्शन से पूरी करें अपनी क्रेविंग्स

कार्ब्स खाने के बाद हमें अक्सर इस बात का बुरा लगा है और हम गिल्ट में रहते हैं कि आप अनहेल्दी चीजें खा रहे हैं। हालांकि, आप हेल्दी ऑप्शन्स से अपनी क्रेविंग्स को पूरा कर सकते हैं।

अगर आपको कार्ब्स खाने का बहुत ज्यादा मन कर रहा है, तो चिप्स, ब्रेड, पास्ता, बर्गर आदि खाने की बजाय अपने आहार में बीन्स, दाल, ब्राउन राइस और ओट्स जैसी चीजें शामिल कर सकते हैं। इन चीजों को खाकर आप थका हुआ महसूस नहीं करेंगी और सेरोटोनिन में वृद्धि के कारण आप बेहतर महसूस कर सकती हैं।

वहीं, अगर आपको मीठा खाने का मन करता है, तो आपको अपना वह शौक भी पूरा करना चाहिए। मगर कुकी जार, डेजर्ट, पेस्ट्री और केक खाना आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है। इस लिए आप एक या दो कुकीज लें। इसके अलावा आप स्मूदी खा सकती हैं। फ्रूट योगर्ट खा सकती हैं। सेब के टुकड़े पर एक चम्मच शहद डालकर उसका मजा ले सकती हैं।

अपनी क्रेविंग्स को पहचानें और लिमिट से ज्यादा मीठा और कार्ब्स खाने से बचें। ये चीजें आपके स्वास्थ्य के साथ आगे चलकर खिलवाड़ कर सकती हैं। हमें उम्मीद है यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसे लाइक और शेयर करें और ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।

Image Credit: Freepik

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