केरल में मम्प्स इन्फेक्शन बच्चों में तेजी से फैल रहा है। वहीं इसके मामले अन्य राज्यों में भी देखने को मिल रहे हैं। इस समस्या में बच्चों के गालों में सूजन आ जाती है, जिसकी वजह से उन्हें खाने पीने में परेशानी होती है। इसके अलावा बुखार आना और खांसी जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। आइए जानते हैं यह बीमारी कितनी गंभीर है और इसका कारण क्या है। इस बारे में Dr. Swapnil Brajpuriya, Sr. Consultant & Head - ENT, Asian Hospital Faridabad जानकारी दे रहे हैं।
मम्प्स का कारण बनने वाले वायरस का पैरामाइक्सो वायरस है। मम्प्स को हम गलसुआ के नाम से भी जानते हैं। यह एक प्रकार का वायरल इंफेक्शन होता है, जो मुख्य रूप से लार ग्रंथियां को प्रभावित करता है। इन ग्रंथियां को पैरोटिड ग्रंथियां कहा जाता है यह ग्रंथियां लार बनती हैं। इसके कारण गालों में सूजन हो जाती है और चेहरे की बनावट भी बिगड़ जाती है। इसके कारण गले में तेज दर्द होता है। वैसे तो यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन इससे सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। सही इलाज मिलने पर 5 से 7 दिनों में यह बीमारी ठीक हो जाती है।
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