Vagina की सेहत खराब कर सकती है यह 1 चीज, डाइट से तुरंत हटा दें

क्‍या आपकी सुबह की शुरुआत कॉफी के एक कप से होती है और आप पूरे दिन में 2 से 3 कप से ज्‍यादा कॉफी पीती हैं? इसका असर आपकी हेल्‍थ के साथ वजाइना की हेल्‍थ पर भी पड़ता है। जी हां, ज्‍यादा कैफीन शरीर के अंदरूनी संतुलन और हार्मोन को बिगाड़ता है, जिससे इंटीमेट हेल्थ पर बुरा असर होता है।
 Caffeine's Impact on Vaginal Hydration and Lubrication

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम में से कई महिलाएं अपने दिन की शुरुआत एक कप कॉफी की चुस्‍की से करती हैं। कॉफी भले ही आपको तुरंत ताजगी और ऊर्जा देती है, लेकिन सच्चाई ये है कि बहुत ज्‍यादा कैफीन लेने से महिला के शरीर का अंदरूनी बैलेंस बिगड़ सकता है। इसका सीधा असर इंटीमेंट हेल्‍थ पर पड़ता है। दरअसल, जो कुछ भी हम खाते-पीते हैं, वो हमारे रिप्रोडक्टिव अंगों और हार्मोन के बैलेंस को सीधे तौर पर प्रभावित करता है और इसका असर वजाइना की हेल्‍थ पर भी दिखता है।

कैफीन एक ऐसा पदार्थ है, जो शरीर की एड्रेनल ग्‍लैंड्स को तेजी से काम करने के लिए उकसाता है। इससे हमारा शरीर 'लड़ो या भागो' (fight or flight) वाली कंडीशन में आ जाता है, मानो किसी खतरे का सामना कर रहा हो। कभी-कभार एक कप कॉफी पीना ठीक हो सकता है, लेकिन अगर आप रोज 2-3 कप से ज्‍यादा कॉफी पीती हैं, तो यह शरीर में पानी की कमी , हार्मोनल असंतुलन, तनाव में बढ़ोतरी और एसिडिटी का कारण बन सकता है।

ये सभी कारक मिलकर शरीर के अंदर ऐसा माहौल बनाते हैं, जो वजाइना के नाजुक पीएच बैलेंस और वहां मौजूद गुड बैक्टीरिया (माइक्रोबियल बैलेंस) के लिए बिल्कुल भी सही नहीं होता है। ज्‍यादा कॉफी पीने से वजाइना की हेल्‍थ पर क्‍या असर हो सकता है? इस बारे में हमें विस्‍तार से ग्लोबल होलिस्टिक हेल्थ गुरु और स्पिरिचुअल लाइफ कोच,डॉक्‍टर मिकी मेहता बता रहे हैं।

पेट की एसिडिटी का वजाइना पर असर

जब ज्‍यादा कॉफी पीने से पेट में लगातार एसिडिटी बनी रहती है, तब यह सीधे तौर पर नहीं, लेकिन अप्रत्‍यक्ष रूप से वजाइना के पीएच को प्रभावित करती है। महिलाओं में जेनिटल एरिया ज्‍यादा खुला और सेंसिटिव होता है, इसलिए यह असंतुलन वजाइना में जलन, ड्राईनेस या इंफेक्‍शन जैसी समस्‍याएं हो सकती है।

Is coffee bad for your pelvic floor

आयुर्वेद के मुताबिक, ज्‍यादा कॉफी पीने से शरीर में वात और पित्त दोष बढ़ जाते हैं। वात दोष शरीर में ड्राईनेस और मूवमेंट को कंट्रोल करता है, जबकि पित्त दोष गर्मी और सूजन से जुड़ा है। जब ये दोष असंतुलित हो जाते हैं, तो उनके लक्षण वजाइना में ड्राईनेस, जलन, बार-बार इंफेक्‍शन और खुजली के रूप में सामने आ सकते हैं।

इसे जरूर पढ़ें:वजाइना को नुकसान पहुंचाती हैं रोजाना की ये 5 गलतियां, महिलाएं ऐसा करने से बचें

आपको इस बात का ध्‍यान रखना होगा कि आपके खान-पान की चीजें आपको बैलेंस करें, न कि आपके शरीर में असंतुलन पैदा करें।

नमी की कमी और गर्मी का बढ़ना

कॉफी में डिहाइड्रेटिंग और हीटिंग गुण होते हैं। यह शरीर के टिश्‍युओं से नमी को खींच लेते हैं। यह वजाइना की हेल्‍थ के लिए विशेष रूप से चिंताजनक है, क्‍योंकि वजाइना का लुब्रिकेशन कम्‍फर्ट, सेफ्टी और सेक्‍शुअल हेल्‍थ के लिए जरूरी है। नमी की कमी से वजाइना में अनकम्फर्टेबल महसूस हो सकता है।

बार-बार यूरिन आना और डिहाइड्रेशन

कॉफी में यूरिन बढ़ाने वाले गुण होते हैं और इसे पीने से आपको बार-बार यूरिन आता है। इससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है और जरूरी इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन हो सकता है। इसका असर सिर्फ किडनी और ब्‍लैडर पर ही नहीं पड़ता है, बल्कि वजाइना के टिश्‍यु पर भी पड़ता है, जिससे ड्राईनेस, जलन और सूजन होने का खतरा बढ़ जाता है।

frequent urination

हार्मोनल संतुलन पर असर

कैफीन एस्ट्रोजन हार्मोन के काम में रुकावट डाल सकता है और पीरियड्स को भी अनियमित कर सकता है। यह कॉर्टिसोल (तनाव हार्मोन) को भी बढ़ाता है, जिसका रिप्रोडक्टिव हार्मोन जैसे प्रोजेस्टेरोन पर बुरा असर पड़ता है।

समय के साथ, इन हार्मोनल गड़बड़ियों से PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम), अनियमित पीरियड्स या सेक्‍शुअल इच्‍छा में कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं और ये सभी वजाइना की हेल्‍थ से जुड़े हैं।

पाचन और वजाइना के गुड बैक्‍टीरिया पर असर

हेल्‍दी वजाइना के लिए बैलेंस माइक्रोबायोम का होना जरूरी है। ज्‍यादा कैफीन पेट के स्वास्थ्य को बिगाड़ता है, जिसका सीधा असर वजाइना के गुड बैक्‍टीरिया फ्लोरा पर पड़ता है, जिससे फायदेमंद बैक्‍टीरिया कम हो जाते हैं।

इसका असर सिर्फ पाचन और पोषक तत्वों के अवशोषण पर ही नहीं पड़ता है, बल्कि हानिकारक बैक्टीरिया के बढ़ने का खतरा भी बढ़ जाता है। इससे शरीर या वजाइना से तेज गंध और इंफेक्‍शन का खतरा ज्‍यादा बढ़ जाता है।

यूटीआई (UTI) का बढ़ता है खतरा

ज्‍यादा कैफीन पीने से बार-बार यूरिन आता है। साथ ही, ब्‍लैडर कमजोर हो सकता है और पेट के गुड बैक्‍टीरिया यानी फ्लोरा भी बिगड़ सकते हैं, जिससे यूरिन ट्रेक्‍ट इंफेक्‍शन का खतरा बढ़ जाता है।

uti infection

आयुर्वेद में, हमारी आंत, ब्‍लैडर और रिप्रोडक्टिव अंग आपस में जुड़े हुए सिस्टम माने जाते हैं। जब ज्‍यादा कॉफी पीने से पाचन और पेट के बैक्टीरिया बिगड़ते हैं, तब भोजन के ठीक से न पचने और ज्‍यादा जहरीले पदार्थों के जमा होने से ब्‍लैडर और रिप्रोडिटव अंगों पर तनाव पड़ता है। यह वजाइना के बैलेंस को बिगाड़ देता है।

यह असंतुलन यीस्ट इन्फेक्शन, बैक्टीरियल वेजिनोसिस और बार-बार होने वाले यूटीआई के खतरे को बढ़ा सकता है। कई बार महिलाएं वजाइना में अनकम्‍फर्टेबल महसूस करती है लेकिन, उन्हें यह एहसास ही नहीं होता कि उनकी रोज़ाना की कॉफी ही इसका कारण हो सकती है।

कॉफी का विकल्प क्या है?

ऊर्जा के लिए सिर्फ कॉफी पर निर्भर रहने के बजाय, आप कुछ नेचुरल तरीके अपना सकती हैं, जो शरीर को अंदर से जगाते हैं-

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  • श्वास-प्रश्वास अभ्यास और योगासन करें।
  • ऑयल पुलिंग करें।
  • हर्बल चाय पिएं, जैसे तुलसी-मुलेठी या कैमोमाइल।
  • सुबह नींबू के साथ गर्म पानी पिएं (अगर खट्टेपन से बचना है तो कोकम का इस्तेमाल करें)।
  • शरीर की अंदरूनी गर्मी को संतुलित रखने और हाइड्रेटेड रहने के लिए अदरक का पानी और मौसमी फल अपनी डाइट में शामिल करें।

आप इस बात का ध्‍यान रखना होगा कि आपकी वजाइना की हेल्‍थ पूरे शरीर की हेल्‍थ का आईना होती है। अगर आपको ड्राईनेस, खुजली, इंफेक्‍शन या वजाइना में किसी भी तरह की असहजता महसूस हो रही है, तो अपनी रोजाना की कैफीन की मात्रा पर जरूर ध्यान दें।

संयम ही कुंजी है। खुद को हाइड्रेट रखें। ठंडा और सात्विक भोजन लें और शांत करने वाले उपायों को आजमाएं। अपने शरीर की बात सुनें। वह छोटे-छोटे लक्षणों के ज़रिए आपसे बात करता है। शायद अब समय आ गया है कि आप अपनी तीसरी कॉफी की जगह हर्बल चाय का कप चुनें।

इसे जरूर पढ़ें: वेजाइना को हेल्‍दी रखने के लिए करें ये 7 काम

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Image Credit: Shutterstock & Freepik

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FAQ

  • वजाइना में कौन से बैक्टीरिया पाए जाते हैं?

    वजाइना में मुख्य रूप से लैक्टोबैसिली नामक बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो हेल्‍दी वजाइना माइक्रोबायोम का जरूरी हिस्सा हैं।