हेल्दी माइंड और बॉडी के लिए सही मात्रा में न्यूट्रिएंट्स की जरूरत होती है। लेकिन, कई बार सही मात्रा में न्यूट्रिएंट्स नहीं लेने की वजह से शरीर पर नकारात्मक असर दिखने लगते हैं। इन्हीं में से एक आंखों का कमजोर होना भी है। ऐसे तो आजकल आंखें कमजोर होने के पीछे घंटों का स्क्रीन टाइम है, जिसकी वजह से छोटे-छोटे बच्चों को भी चश्मा लगने लगा है। लेकिन, आंखों के कमजोर होने के पीछे कुछ विटामिन्स और मिनरल्स की कमी भी होती है। Ophthalmologist डॉ. नीरज संधूजा की मानें तो आंखों को स्वस्थ रखने में विटामिन बी 12 और विटामिन डी, दोनों ही अहम रोल निभाते हैं।
डॉ. नीरज संधूजा नेत्र रोग विशेषज्ञ और वियान आई एंड रेटिना सेंटर के फाउंडर और डायरेक्टर हैं। डॉक्टर के मुताबिक, विटामिन बी 12 और विटामिन डी, दोनों की कमी ही किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकती है। साथ ही, दोनों की कमी की गंभीरता भी अलग-अलग होती है। आइए, यहां डॉक्टर से जानते हैं कि कौन-से विटामिन की कमी का आंखों पर क्या असर होता है।
डॉक्टर के मुताबिक, रेटिना और ऑप्टिक नर्व को सही तरीके से काम करने और स्वस्थ रखने के लिए विटामिन बी 12 जरूरी माना गया है। इसी के साथ यह साफ और स्वस्थ आई साइट के लिए भी बेहद जरूरी है। ऐसे में विटामिन बी 12 की कमी से ऑप्टिक न्यूरोपैथी हो सकती है, जिसमें ऑप्टिक नर्व पर निगेटिव असर पड़ता है। ऑप्टिक नर्व पर असर पड़ने की वजह से आई साइट धुंधली, डबल विजन या समय पर इलाज नहीं मिलने की वजह से अंधापन भी हो सकता है।
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शरीर में विटामिन बी 12 की कमी से रेटिना को भी धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाने लगता है। इसकी वजह से आई साइट जाने का खतरा भी बढ़ सकता है। ऐसे में समय पर इसका इलाज करना जरूरी हो जाता है।
डॉक्टर के मुताबिक, विटामिन डी की कमी का असर आंखों की हेल्थ पर उतना तेज और जल्दी नहीं होता है, जितना विटामिन बी 12 का हो सकता है। हालांकि, विटामिन डी की कमी को उम्र संबंधी मैक्युलर डिजनरेशन (Age-Related Macular Degeneration यानी AMD) से जोड़ा गया है। साथ ही, विटामिन डी की कमी को ड्राई आई सिंड्रोम से भी कनेक्ट किया जाता है, जिसमें आंखों में जलन, रेडनेस, असहजता और आंसू के प्रोडक्शन में कमी हो सकती है। कई रिसर्च में ऐसा माना गया है कि, विटामिन डी की कमी से मोतियाबिंद और अन्य सूजन संबंधी नेत्र रोग हो सकते हैं।
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डॉक्टर की मानें तो आंखों की रोशनी और अन्य परेशानियों से बचने के लिए शरीर को आवश्यक मात्रा में विटामिन बी 12 और विटामिन डी देना चाहिए। चाहे आप उसे डाइट में शामिल करें या फिर सप्लीमेंट्स लें।
विटामिन बी-12 मुख्य रूप से मांस, मछली, अंडे और दूध से मिल सकता है। वहीं, अगर आप शाकाहारी या वीगन हैं तो डॉक्टर उन्हें सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं।
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विटामिन डी की कमी सूरज की रोशनी से पूरी की जा सकती है। अगर आप सूरज की रोशनी में ज्यादा समय नहीं बिता सकते हैं, तो इस विटामिन डी की कमी को ऑयली फिश (सेल्मन और मैकेरल), फोर्टिफाइड मिल्क प्रोडक्ट्स और एग यॉक (अंडे की जर्दी) से भी पूरा किया जा सकता है।
डॉक्टर के मुताबिक, विटामिन बी 12 और विटामिन डी, दोनों की कमी ही आंखों की रोशनी पर असर डालती है। लेकिन, विटामिन बी 12 की कमी का आंखों पर ज्यादा गंभीर असर हो सकता है। इसलिए, समय-समय पर बॉडी चेकअप और न्यूट्रिएंट्स पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है।
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