डिप्रेशन की शिकार हो चुकी महिलाएं अच्छी तरह जानती हैं कि यह समस्या उन्हें कितना अकेला, कमजोर और डर के साए में जीने वाला बना देती है। अन्य बीमारियों की तरह इसे आसानी से पहचाना नहीं जा सकता और इसे नापने के लिए किसी तरह के डिवाइस नहीं होते। इसीलिए डिप्रेशन की स्थितियों को लेकर आपको विशेष सतर्कता रखने की जरूरत है।
खुद से करना पड़ता है संघर्ष
जहां अन्य बीमारियां आप पहचान सकते हैं और उनकी पहचान कर सकते हैं, वहीं डिप्रेशन की पहचान करना मुश्किल होता है। इसमें सबसे बड़ी मुश्किल यह होती है कि इसमें आपको अपने मूड स्वींग्स से खुद लड़ना पड़ता है, क्योंकि कोई दूसरा आपकी तकलीफ नहीं समझता। अगर आप चाहती हैं कि डिप्रेशन हमेशा के लिए आपसे दूर रहे तो आपको कुछ खास चीजों पर फोकस करना चाहिए।
साइक्लिंग से ज्यादा अच्छा है बास्केटबॉल
लांसेट साइकेट्री में प्रकाशित एक स्टडी में यह बात पाई गई कि मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाने में टीम स्पोर्ट्स बहुत अच्छा काम करता है। इसीलिए सॉकर या बास्केटबॉल अकेले वाली फिजिकल एक्टिविटी जैसे कि साइक्लिंग, रनिंग और वॉकिंग से ज्यादा बेहतर हैं।
एक्सरसाइज से हमेशा नहीं होता फायदा
स्टडी में एक और बात सामने आई कि अगर 90 मिनट से ज्यादा एक्सरसाइज की जाए तो उसका हमेशा बहुत ज्यादा फायदा नहीं होता। इसकी जगह हफ्ते में 3-5 बार 45 मिनट तक एक्सरसाइज करने के ज्यादा फायदे देखने को मिले।
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इन बातों को ध्यान में रखते हुए अगर आप खुद को मेंटली फिट रखना चाहती हैं तो टीम के साथ किसी खेल में हिस्सा लें। खेलों में हिस्सा लेते हुए आपका वक्त अच्छा कट जाता है, दूसरी महिलाओं के साथ स्वस्थ प्रतियोगिता की भावना आपके भीतर विकसित होती है, साथ ही उनके साथ आपका कनेक्ट भी स्थापित होती है। इससे आपके मन में पैदा होने वाले डर, नेगेटिविटी और शंकाएं खुद-ब-खुद दूर हो जाते हैं।
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