प्रेग्नेंसी में घातक है थायरॉइड का बढ़ना, जानें लक्षण और बचाव के उपाय

प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलावों के चलते कई बार महिलाओं में थायरॉइड का लेवल बढ़ जाता है। यह मां और बच्चे दोनों के लिए सही नहीं है। इससे बचने के कुछ कुछ उपाय जरूरी हैं।

thyroid during pregnancy causes symptoms and risks

How can I prevent thyroid during pregnancy: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अपना खास ख्याल रखना चाहिए। इस वक्त पर महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं। जिसका असर महिलाओं की हेल्थ पर भी होता है। प्रेग्नेंसी में थायरॉइड हार्मोनल बच्चे के विकास में अहम भूमिका निभाता है और इसके इंबैलेंस होने पर कई मुश्किले हो सकती हैं। प्रेग्नेंसी में थायरॉइड लेवल बढ़ने से मिसकैरिज, प्रीटर्म बर्थ और बच्चे में डेवलपमेंट इश्यूज हो सकते हैं। ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान, थायरॉइड लेवल का सही होना बहुत जरूरी है। प्रेग्नेंसी में थायरॉइड लेवल बढ़ने के कारण, इसे मैनेज करने के टिप्स और जरूरी जांचों के बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डॉक्टर विज्ञान मिश्रा, चीफ ऑफ लैब, न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक, नोएडा, दे रहे हैं।

प्रेग्नेंसी में थायरॉइड बढ़ने के कारण

thyroid level in pregnancy

प्रेग्नेंसी में थायरॉइड लेवल में उतार-चढ़ाव कई कारणों से हो सकता है। थायरॉइड के कारण बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास पर असर होता है। इस वक्त पर महिलाओं को हाइपोथायरॉइडिज्म और हाइपरथायरॉइड दोनों की समस्या हो सकती है। प्रेग्नेंसी में थायरॉइड लेवल में बदलाव के कारणों में हशीमोटो डिजीज या ग्रेव्स डिजीज भी हो सकती है। इसके अलावा, हार्मोनल बदलाव और आयोडीन की कमी भी इसका एक बड़ा कारण है।

प्रेग्नेंसी में थायरॉइड लेवल मैनेज करने के टिप्स

thyroid during pregnancy

  • जिन महिलाओं को पहले से थायरॉइड की समस्या है या फिर थायरॉइड का खतरा जिन्हें अधिक है, उन्हें नियमित रूप में थायरॉइड फंक्शन टेस्ट करवाना चाहिए।
  • खाने में आयोडीन की मात्रा सही रखें क्योंकि यह थायरॉइड फंक्शन के लिए बहुत जरूरी है।
  • आयोडीन की मात्रा न बहुत अधिक और न बहुत कम होनी चाहिए।
  • अगर आपको थायरॉइड की दवाई लेने की सलाह दी गई है, तो इसे जरूर लें।
  • योग और एक्सरसाइज जरूर करें।

थायरॉइड के लिए जरूरी टेस्ट

  • प्रेग्नेंसी में थायरॉइड के खतरे से बचने के लिए TSH, T4 और T3 का टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।
  • इसके अलावा थायरॉइड एंटीबॉडीज टेस्ट भी बहुत जरूरी है।
  • वहीं, थायरॉइड ग्लैंड में किसी भी तरह के विकार दो जांचने के लिए अल्ट्रासाउंड भी बहुत जरूरी है।

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Image Credit:Freepik

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