आयुष्मान खुराना की पत्नी और फिल्ममेकर-ऑथर ताहिरा कश्यप ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए जानकारी दी है कि 7 साल बाद वह दोबारा ब्रेस्ट कैंसर का शिकार हो गई हैं। साल 2018 में उन्हें ब्रेस्ट कैंसर हुआ था। उस समय इलाज और सर्जरी के बाद वह कैंसर फ्री हो गई थीं। उन्होंने ब्रेस्ट कैंसर से एक लंबी लड़ाई लड़ी थी औक वह उस समय पर अपनी हेल्थ से जुड़ी अपडेट्स अक्सर सोशल मीडिया पर शेयर करती थीं। अब 7 साल बाद दोबारा ताहिरा को इस मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। आखिर इलाज के बाद भी कैंसर क्यों लौट आता है, चलिए एक्सपर्ट से समझते हैं। यह जानकारी डॉक्टर अमित उपाध्याय दे रहे हैं। वह पीएसआरआई हॉस्पिटल, नई दिल्ली मे सीनियर कंस्लटेंट ऑन्कोलॉजिस्ट हैं।
ताहिरा कश्यप दोबारा हुई ब्रेस्ट कैंसर का शिकार
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ताहिरा कश्यप ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए बताया है कि 7 साल के बाद उन्हें दोबारा ब्रेस्ट कैंसर हो गया है। इस पोस्ट में उन्होंने रेगुलर मैमोग्राम की अहमियत के बारे में भी बताया है और कहा है कि उनके लिए राउंड 2 शुरू हो गया है। ताहिरा ने पोस्ट के कैप्शन में हिम्मत और हौंसले के साथ इसका सामना करने की बात की है और लोगों के लिए खास मैसेज भी दिया है। बता दें कि ताहिरा 2018 में कैंसर का शिकार हुई थीं और ब्रेस्ट कैंसर से एक लंबी लड़ाई लड़ने के बाद वह ठीक हो गई थीं। उन्हें तब स्टेज जीरो ब्रेस्ट कैंसर हुआ था, जिसका अर्ली स्क्रीनिंग में पता चल गया था।
आखिर इलाज के बाद क्यों लौट आता है कैंसर?
ताहिरा कश्यप पूरी तरह से ठीक होने के 7 साल बाद फिर से ब्रेस्ट कैंसर का शिकार हुई हैं। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां कैंसर पेशेंट्स ठीक होने के बाद दोबारा कैंसर की चपेट में आ जाते हैं। इस बारे में एक्सपर्ट का कहना है कि कई बार यह कैंसर का वापिस आना कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है। कैंसर का स्टेज कौन सा था, टाइप कौन सा था, क्या इलाज पूरी तरह से हुआ था या नहीं और कहीं कोई दवाई बीच में तो नहीं छोड़ दी गई थी, कैंसर के लौटने की संभावना इन सभी चीजों पर निर्भर करती है। कई बार यह जेनेटिक कारणों से अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण भी वापिस आ सकता है। कई बार इलाज के दौरान, कैंसर के कुछ सेल्स, शरीर के किसी और हिस्से में चले जाते हैं, जो उस समय स्कैन में पकड़ में नहीं आ पाते हैं। लेकिन, बाद में यह समय के साथ कैंसर को दोबारा जन्म देते हैं। कई बार कीमोथेरेपी के समय कुछ सेल्स बच जाते हैं, जो पूरी तरह खत्म नहीं हो पाते हैं और ये सेल्स कैंसर को जन्म देते हैं। कैंसर ठीक होने के बाद भी रेगुलर स्क्रीनिंग और डॉक्टर की दी गई दवाइयों को सही समय और बताई गई अवधि तक सेवन बहुत जरूरी है।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock, Instagram/Tahira Kashyap
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