माना जाता है कि अगर आपकी बॉडी की इम्यूनिटी मजबूत होगी तो आप आसानी से कई तरह की बीमारियों से बच रह सकती हैं। और छोटी-मोटी बीमारियां तो आपको छू भी नहीं पाएगी। जी हां हमारी बॉडी का इम्यून सिस्टम हमें कई बीमारियों से बचाती है। लेकिन यह सिस्टम कभी-कभी आपके बॉडी के खिलाफ भी हो जाता है और हेल्दी सेल्स पर हमला करके टिश्यु को नष्ट करके बीमारियों का कारण बन सकती है। इस स्थिति के चलते ऑटोइम्यून डिजीज हो सकता है। क्या आप जानती हैं कि तनाव और अनहेल्दी भोजन इसके मुख्य कारण है।
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉक्टर के.के. अग्रवाल का कहना है कि ऑटोइम्यून डिजीज अक्सर कई अन्य हेल्थ प्रॉब्लम्स की नकल करते हैं और इसलिए, इनके लिए सटीक निदान खोजना बहुत मुश्किल होता है। वे शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, लंबे लक्षणों को देखना जरूरी है, खासकर जब वे लंबे समय तक रहें तो जांच करवानी चाहिए।
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क्या हो सकती है परेशानियां उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ में नई एलर्जी, केमिकल, फूड्स या गंध के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि, शक्ति की कमी, क्योंकि किसी भी बीमारी की अनुपस्थिति से इम्यून सिस्टम खुद पर हमला करने में बिजी हो जाता है, ब्रेन फॉग, और यहां तक कि चिंता और अवसाद शामिल हैं। कुछ जोखिम वाले कारकों वाले लोग दूसरों की तुलना में ऑटोइम्यून डिजीज के लिए अधिक संवेदनशील होते हैं। उन्होंने बताया कि एआईडी के कुछ उदाहरणों में मल्टिप्लेस्क्लेरोसिस, टाइप 1 डायबिटीज, रूयूमेटाइड आर्थराइटिस और क्रोनिक थायरॉयडिटिस शामिल हैं।
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बीमारी का पता कैसे चलें
डॉक्टर अग्रवाल ने कहा,
स्ट्रेस दूर करने के आसान टिप्स
ऑटोइम्यून डिजीज की रोकथाम में हमारे खाने के पैटर्न की प्रमुख भूमिका है। यह अनहेल्दी डाइट से बचने के लिए जरूरी है, क्योंकि प्रोसस्ड फूड्स न केवल सूजन पैदा कर सकते हैं, बल्कि इम्यून प्रतिक्रिया को भी बंद कर सकते हैं।
हेल्दी और बैलेंस डाइट पेट के हेल्थ और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए चमत्कार की तरह काम करता है। विटामिन ए और डी, सेलेनियम, जिंक, ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रो-बायोटिक्स और ग्लूटामाइन जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लें।
दिन में कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज जरूर करें, जो शरीर के प्राकृतिक सूजनरोधी तंत्र को मजबूत करने में हेल्प करता है।
Source: IANS