बार-बार उंगलियां चटकाने की आपको भी है गंदी आदत? हड्डियों की इस बीमारी के हो सकते हैं शिकार

Side Effects of Cracking Fingers: अगर आपको भी बार-बार उंगलियां चटकाने की आदत है, तो आपको भी संभलने की जरूरत है, क्योंकि इससे आपको बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। चलिए एक्सपर्ट से इस बारे में जानते हैं।
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Side Effects of Cracking Fingers: उंगलियां चटकाने की आदत कई लोगों की इतनी गंदी हो जाती है कि वे हर समय यही करते रहते हैं। कुछ लोग तो जब भी खाली बैठे रहते हैं, तो वे हाथ और पैरों की उंगलियां चटकाने शुरू कर देते हैं। कई लोग ये हरकत तनाव या बेचैनी के दौरान करते हैं। ऐसे लोगों का मानना है कि उंगलियां चटकाने से हाथ-पैर की दर्द में राहत मिलती है। हालांकि, यह आपको अस्थायी राहत दे सकती है, लेकिन उंगलियां चटकाना आपकी हड्डियों और जोड़ों के लिए हानिकारक हो सकती है। बार-बार उंगलियां चटकाने से आप एक गंभीर हड्डी की बीमारी के शिकार भी हो सकते हैं। इसी क्रम में आइए आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. सीपी पाल से जानते हैं कि लगातार उंगलियां चटकाने की आदत आपको किस तरह से नुकसान पहुंचा सकती है।

उंगलियां चटकाने से क्या होता है?

Joint Health and Cracking Fingers

एक्सपर्ट के मुताबिक, हड्डियों और जोड़ों के बीच खास लिक्विड होता है, जो हड्डियों को जोड़ने का काम करता है। साथ ही, यह हड्डियों को एक-दूसरे से रगड़ खाने से भी रोकने का काम करता है। उस लिक्विड में मौजूद गैस जैसे कार्बनडाई ऑक्साइड नई जगह बनाती है, जिससे वहां बुलबुले बन जाते हैं। ऐसी स्थिति में अगर आप हड्डी चटकाने से बुलबुले फूट जाते हैं और इस वजह से गठिया रोग होने की संभावना बढ़ सकती है। इसके अलावा, अगर आपको अर्थराइटिस की समस्या है, तो उंगलियां चटकाने से आपकी परेशानी बढ़ सकती है।

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उंगलियां चटकाने से हड्डियों की बीमारी का खतरा

cracking fingers problems

उंगलियां चटकाने की आदत से ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसे हड्डियों की समस्या हो सकती है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें जोड़ों की चोट और सूजन बढ़ती है। इससे हड्डियों का घिसना शुरू होता है। अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो यह स्थिति हड्डियों और जोड़ों को स्थायी रूप से नुकसान का कारण बन सकती है। अगर आपके परिवार में हड्डियों से संबंधित कोई समस्या पहले से है, तो यह आदत आपके लिए और भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है। उम्र के साथ हड्डियों में कमजोरी आने लगती है। ऐसे में, 40-50 की उम्र के बाद लोगों को हड्डियों का विशेष खयाल रखना जरूरी होता है। इससे बचने के लिए लोग अपने शरीर की स्ट्रेचिंग कर सकते हैं। हां पर, आपको ओवर स्ट्रेचिंग से बचने की जरूरत है।

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Image credit- Freepik


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