इन 4 कारणों से कम उम्र में भी होने लगती है वेजाइना में ड्राईनेस

यूं तो वेजाइना में ड्राईनेस मेनोपॉज के बाद होती है लेकिन कुछ ले‍डीज में यह प्रॉब्‍लम कम उम्र में होने लगती है। इसलिए ड्राईनेस का कारण जानना बेहद जरूरी है।

  • Pooja Sinha
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 2018-12-14, 17:30 IST
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आमतौर पर वेजाइना में ड्राईनेस बढ़ती उम्र के साथ मेनोपॉज के बाद होती है। ऐसा महिलाओं में एस्‍ट्रोजन के कम बनने के कारण होती है। लेकिन अगर यह प्रॉब्‍लम कम उम्र में होने लगे तो परेशानी का कारण हो सकता है। इससे महिलाओं में वेजाइनल डिस्‍चार्ज, खुजली, जलन, सेक्‍स के दौरान पेन और हल्‍की ब्‍लीडिंग जैसी समस्‍या होने लगती है। इसलिए यह जानना बहुत जरूरी है कि महिलाओं में कम उम्र में भी ड्राईनेस का क्‍या कारण हो सकता है ताकि समय पर इसका ट्रीटमेंट किया जा सकें।

लेडी डॉक्‍टर सीमा का कहना है कि ''महिला की वेजाइना में लुब्रिकेशन सर्वाइकल सर्विक्‍स के कारण होती है, जो महिला को वेजाइनल इंफेक्‍शन से बचाने, सेक्‍स के दौरान लुब्रिकेशन, वेजाइना को क्‍लीन रखने के काम आती है। लेकिन वेजाइना में लुब्रिकेशन ना होने पर इसमें ड्राईनेस आ जाती है।'' आइए वेजाइना में ड्राईनेस के कारणों के बारे में डॉक्‍टर सीमा से जानें।

चिंता और तनाव

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आज के समय में शायद ही कोई ऐसा हो जिसकी लाइफ में स्‍ट्रेस न हो। लेकिन क्‍या आप जानती हैं कि स्‍ट्रेस के चलते वेजाइना में लुब्रिकेशन की कमी आ जाती है। जी हां बहुत अधिक स्‍ट्रेस के कारण वेजाइना में सही तरह से ब्‍लड सर्कुलेशन नहीं हो पाता है। इससे एस्‍ट्रोजन कम बनता है और वेजाइना में ड्राईनेस आ जाती है।

हार्मोनल बदलाव

वेजाइना में ड्राइनेस का कारण एस्‍ट्रोजन हार्मोन की कमी है। हालांकि ऐसा मेनोपॉज के बाद होता है, लेकिन ब्रेस्‍टफीडिंग कराने वाली या फिजिकल प्रॉब्‍लम से जूझ रही कम उम्र की महिलाओं में भी एस्ट्रोजन की कमी के कारण ऐसा होता है। एस्ट्रोजन हार्मोन वेजाइना टिश्‍युओं को हेल्‍दी रखने के साथ-साथ वेजाइना में लुब्रिकेशन और इलास्टिसिटी बनाए रखता है। लेकिन एस्ट्रोजन लेवल कम होने पर वेजाइना में ड्राईनेस आने लगती है।

मेडिसिन और कीमोथेरेपी
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कोल्‍ड और डिप्रेशन से बचने के लिए कई महिलाएं दवाओं का इस्‍तेमाल करती हैं। लेकिन क्‍या आप जानती है कि इस तरह की दवाओं से भी वेजाइना के टिश्‍यु ड्राई होने लगते हैं। इसके अलावा जब एक महिला कीमोथेरेपी से गुजरती है तो इसका असर उसकी ओवरी पर पड़ता है और एस्ट्रोजन कम बनने लगते है।

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क्‍लींजर

कुछ महिलाएं बाजार में मिलने वाले वेजाइनल क्‍लींजर का इस्‍तेमाल जरूरत से ज्‍यादा करती है। इसके अलावा बहुत सी महिलाएं वेजाइना को साफ करने के लिए साबुन का इस्‍तेमाल भी रोजाना करती हैं। लेकिन क्‍या आप जानती हैं कि ऐसा करने से वेजाइना के नेचुरल बैलेंस बिगड़ जाता है और इसमें ड्राइनेस आ जाती है। स्विमिंग पूल में इस्तेमाल होने वाले केमिकल भी वेजाइना में ड्राईनेस का कारण बन सकता है।



इस तरह डिलीवरी के समय, पीरियड्स, ब्रेस्‍टफीडिंग के समय इस हार्मोन्स में कमी आ जाती है। इसके अलावा दवाओं के इस्‍तेमाल और किसी भी कैंसर के इलाज के लिए रेडियोथेरेपी या कीमोथेरेपी से भी एस्ट्रोजन हार्मोन्स में कमी आने से वेजाइना में ड्राइनेस आ जाती है।

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