प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद (एआईआईए) का उद्घाटन किया और कहा कि उनकी सरकार आयुर्वेद और योग के साथ पब्लिक हेल्थ केयर सिस्टम को जोड़ने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) की तर्ज पर स्थापित संस्थान का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आयुर्वेद ट्रीटमेंट का सिर्फ एक तरीका नहीं है बल्कि इसमें सोशल, पब्लिक और environmental हेल्थ शामिल है।"
"इस आवश्यकता को समझना, हमारी सरकार पब्लिक हेल्थ सेवा प्रणाली को योग, आयुर्वेद और अन्य आयुष विधियों के साथ इकट्ठा करने पर जोर दे रही है।" आयुर्वेद के विस्तार के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हर जिले में इसके साथ जुड़ा एक हॉस्पिटल हो जो अच्छी हेल्थ सेवा प्रदान करता है, प्रधानमंत्री ने कहा।
आयुर्वेद को बढ़ावा
इस मौके पर मोदी जी ने यह भी कहा, "आयुर्वेद बढ़ाने के लिए देश के हर जिले में अच्छी सुविधाओं से लैस एक आयुर्वेदिक अस्पताल जरूर होगा। आयुष मंत्रालय उस दिशा में तेजी से काम कर रहा है और सिर्फ तीन सालों में 65 आयुष अस्पतालों की स्थापना की गई है। मेरी आप सबको शुभकामनाएं हैं कि वेलनेस का ऐसा माहौल बने कि आपको यहां तक आने की नौबत ना आए। आज इस इंस्टीट्यूट से आयुर्वेद को नई एनर्जी मिल रही है। यह संस्थान रिसर्च और हेल्थ प्रैक्टिस का केंद्र बनेगा।"
हद तक उलट गई है स्थिति
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोई भी देश प्रगति नहीं कर सकता अगर वह यह भूल जाए कि अपनी विरासत में गर्व कैसे करना है। उन्होंने यह भी कहा कि ''ब्रिटिश शासन के दौरान भारत के जिन पारंपरिक तरीकों को कमजोर करने के प्रयास किए गए, उसमें दवा, खेती और विज्ञान शामिल थे। लेकिन पिछले तीन सालों में स्थिति काफी हद तक उलट गई है," मोदी ने कहा।
"हमारी विरासत, जो श्रेष्ठ है, लोगों के मन में स्थापित की जा रही है।"
Article Source-IANS
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