क्या जली हुई मोमबत्ती को घूरने से बच्चों की आंखों की सेहत में सुधार होता है?

क्या आपको मालूम है कि कुछ मिनट तक जली हुई मोमबत्ती को घूरने से आंखों को कितना फायदा हो सकता है। इसे हम कैंडल गेजिंग के नाम से जानते हैं। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
  • Aiman Khan
  • Editorial
  • Updated - 2025-06-23, 14:42 IST
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प्राचीन काल से कई ऐसी तकनीक चली आ रही है, जिसका इस्तेमाल आज भी करके लोग सेहत में सुधार करते हैं। ऐसी ही एक तकनीक है त्राटक, जिसे कैंडल गेजिंग के नाम से जाना जाता है। यानी मोमबत्ती की लौ पर एकटक देखना। दिखने में यह साधारण सा अभ्यास है, लेकिन इसके फायदे जबरदस्त हैं। खासकर बच्चों के लिए यह तकनीक खूब लाभ प्रदान करता है। इस बारे में जानने के लिए हमने एक्सपर्ट से बात की है। Dr. Digvijay Singh MBBS (AIIMS), MD(AIIMS), FAICO, Superspecialist ophthalmologist इस बारे में जानकारी दे रहे हैं।

बच्चों के लिए त्राटक के फायदे

एक्सपर्ट बताते हैं कि बच्चों के लिए त्राटक का मुख्य लाभ है कि यह बच्चों के आंखों की मांसपेशियों की शक्ति को बेहतर बनाने में मदद करता है।आकल के बच्चे स्क्रीन पर बहुत अधिक समय बिताते हैं। चाहे पढ़ाई की वजह से हो या खेलने की वजह से। यह उनकी आंखों पर काफी दबाव डालता है।

Trataka for eye health

त्राटक करने से तनाव को कम करने में मदद मिलती है। यह आंखों की मांसपेशियों को टोन करता है और उनकी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को बढ़ाता है।शारीरिक लाभों के अलावा, त्राटक या कैंडल गेजिंग ध्यान अवधि और एकाग्रता को बेहतर बनाने के लिए जाना जाता है।

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क्या छोटे बच्चों के लिए यह सुरक्षित है?

Candle gazing benefits

एक्सपर्ट बताते हैं कि त्राटक वैसे तो बहुत फायदेमंद है, लेकिन 6 या 7 साल के कम उम्र के बच्चों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। छोटे बच्चों की ध्यान अवधि स्वाभाविक रूप से कम होती है और उन्हें बिना पलक झपकाए लंबे समय तक अपनी नजर बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है। इससे बच्चा इरिटेट हो सकता है।

इसके अलावा अगर गलत तरीके से किया जाए, तो त्राटक से आंखों में सूखापन, सिरदर्द या यहां तक कि आंखों में खिंचाव भी हो सकता है। बच्चों को पहले 10 से 15 सेकेंड ही त्राटक कराएं और जब बच्चा बड़ा हो जाए, तो समय अवधि बढ़ा दें।
हमेशा यह सुनिश्चित करें कि बच्चा थकने या आंखों में पानी आने लगे, तो तुरंत पल झपकाएं या आंखें बंद कर लें।

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Image Credit- Freepik

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