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    प्रेग्नेंसी में क्यों जरूरी है फर्स्ट ट्राइमेस्टर मैटरनल सीरम स्क्रीनिंग टेस्ट? जानें इसकी प्रक्रिया

    प्रेग्नेंसी के दौरान फर्स्ट ट्राइमेस्टर मैटरनल सीरम स्क्रीनिंग टेस्ट बच्चे की सेहत से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दे सकता है। 
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    Updated at - 2020-09-09,12:33 IST
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    process of meternal screening test

    प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ खास तरह के टेस्ट जरूरी होते हैं और इनसे मां और बच्चे दोनों को बहुत फायदा होता है। कई टेस्ट्स माता-पिता को बच्चे से जुड़ी आगे की प्लानिंग करने में मदद करते हैं। ऐसा ही एक टेस्ट है फर्स्ट ट्राइमेस्टर मेटरनल सीरम स्क्रीनिंग टेस्ट। फर्स्ट ट्राइमेस्टर स्क्रीनिंग टेस्ट एक प्रीनेटल टेस्ट है जो किसी भी क्रोमोसोमल कंडीशन के साथ बच्चे के जन्म के जोखिम को निर्धारित करने में मदद करता है। क्रोमोसोमल कंडीशन विशेष रूप से डाउन सिंड्रोम (ट्राइसॉमी 21) ट्राइसॉमी 18, और ट्राइसॉमी 13 के लिए टेस्ट की जाती है। 

    क्या है फर्स्ट ट्राइमेस्टर स्क्रीनिंग टेस्ट?

    ये टेस्ट मुख्य रूप से दो स्टेप्स में किया जाता है-

    • बच्चे के गले में स्पष्ट स्थान के आकार की जांच के लिए एक अल्ट्रासाउंड एग्जामिनेशन किया जाता है, जिसे न्युकल ट्रांसलूसेंसी कहा जाता है

    • प्रेग्नेंसी से जुड़े प्लाज्मा प्रोटीन (पीएपीपी-ए) और ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) के स्तर की जांच के लिए एक ब्लड टेस्ट किया जाता है

    ये टेस्ट्स मुख्य रूप से प्रेग्नेंसी के 11वें और 14वें हफ्ते के बीच में किए जाते हैं। इस टेस्ट रिजल्ट के आधार पर आपकी और आपके परिवार की हेल्थ हिस्ट्री का डिटेल्ड रिव्यू किया जाता है और डॉक्टर्स ये पता लगाने की कोशिश करते हैं कि कहीं बच्चे में क्रोमोसोमल कंडीशन के साथ पैदा होने का रिस्क तो नहीं है। अगर इनमें से किसी टेस्ट रिजल्ट में हाई रिस्क कैटेगरी आती है तो आगे और टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है।

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    फर्स्ट ट्राइमेस्टर स्क्रीनिंग टेस्ट क्यों महत्वपूर्ण है?

    यह टेस्ट्स पैदा होने वाले बच्चे के डाउन सिंड्रोम, ट्राइसोमी 18 कंडीशन या ट्राइसोमी 13 जैसे किसी भी जोखिम की जांच करने में मदद करते हैं। जहां ट्राईसोमी 18 और ट्राईसोमी 13 कंडीशन्स से ग्रस्त बच्चे 1 साल से ज्यादा नहीं जी पाते वहीं डाउन सिंड्रोम वाले बच्चे जिंदगी भर मानसिक और सामाजिक विकास से जूझते रहते हैं। 

    क्योंकि ये टेस्ट प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में करवाया जाता है ये यह आपको खुद को तैयार करने और अपनी प्रेग्नेंसी के आगे के कोर्स को तय करने के लिए और समय देता है। जहां ये टेस्ट ऑप्शनल होता है वहीं कई हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स इस टेस्ट को  करने की सलाह देते हैं। यह टेस्ट आपको यह निर्धारित करने में सक्षम बनाता है कि बच्चे में क्रोमोसोमल कंडीशन की संभावना है या नहीं और यह निश्चित ट्रीटमेंट नहीं करता है। 

    screening test first trimester

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    यह आपको तय करना है कि आप इस टेस्ट का विकल्प चुनना चाहती हैं या नहीं। आपको इस प्रेग्नेंसी के माध्यम से अपने जीवन में टेस्ट के परिणाम की भूमिका की सीमा निर्धारित करने की ज़रुरत है। अगर आपको लगता हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान यह आपको ज्यादा चिंतित और परेशान कर सकता है, तो आप अपने हेल्थकेयर प्रोवाइडर से सलाह ले सकती हैं और तय कर सकती हैं कि आपको टेस्ट छोड़ना चाहिए या नहीं। हालांकि, अपने डॉक्टर से विस्तृत चर्चा के बाद ही निर्णय लें, जो आपके दोनों परिवारों की मेडिकल हिस्ट्री और जेनेटिक हिस्ट्री से अवगत है।  

    डॉक्टर बेला भट्ट (एमडी (ओबीगायनी), एफआईसीओजी, एफएमएफ (यूके) सोनोलॉजिस्ट) को उनकी एक्सपर्ट सलाह के लिए धन्यवाद।  

    Reference:

    https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/conditionsandtreatments/pregnancy-tests-maternal-serum-screening

    https://www.mayoclinic.org/tests-procedures/first-trimester-screening/about/pac-20394169

    https://kidshealth.org/en/parents/prenatal-screen.html

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