आजकल की तनावपूर्ण जीवनशैली में मेंटल हेल्थ को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं, सोशल मीडिया पर जहां आपको लाइफ कोच इस बारे में सुझाव देते नजर आ जाएंगे तो वहीं हमारे आसपास भी इस विषय पर गूढ़ ज्ञान देने वाले बहुत सारे लोग मिल आएंगे। लेकिन सवाल यह है इस विषय में इतनी सारी जानकारी मौजूद होने के बावजूद मानसिक समस्याएं क्यों बढ़ रही हैं।
असल में इसकी वजह मेंटल हेल्थ को लेकर हमारा अव्यवहारिक दृष्टिकोण है, जो चीजों को आसान बनाने के बजाय जटील बना देता है। हमें समझना होगा कि हमारी सोच, हमारी जीवनशैली और हमारी दैनिक जीवन से जुड़ी छोटी-छोटी आदतें हमारे मानसिक सेहत पर असल डालती हैं। ऐसे में अगर हम अपनी आदतों और जीवनशैली को बेहतर बनाने का प्रयास करें तो निश्चित तौर पर इसका मानसिक सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
इस आर्टिकल हम आपको ऐसी ही कुछ छोटी-छोटी आदतों और गतिविधियों के बारे में बता रहें है, जिन्हें अपनाने से मानसिक सेहत काफी बेहतर हो सकती है।
प्रकृति के साथ समय व्यतीत करें
सोशल मीडिया के इस युग में हम आभासी दुनिया के इतने आदी हो चुके हैं कि असल दुनिया को ही भूल गए हैं। बंद कमरों में हमारा ज्यादातर वक्त आभासी दुनिया के साथ तालमेल बिठाने में बीत रहा है। इस तरह से देखा जाए तो ऑनलाइन गतिविधियों में व्यस्तता ने हमें प्रकृति से दूर कर दिया है। जबकि प्रकृति ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है और इसलिए प्रकृति से बढ़ती यह दूरी हमारे लिए नुकसानदायक साबित हो रही है। खासतौर पर इसका मानसिक सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए मानसिक सेहत को बेहतर बनाने रखने के लिए जरूरी है कि हम प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाए। इसके लिए आपको हर रोज कुछ समय प्रकृति के साथ व्यतीत करना होगा और ऐसा करने से आप खुद को अंदर से अधिक ऊर्जावान महसूस करेंगे।
क्रिएटिव एक्टिविटी के लिए निकालें वक्त
रोजमर्रा की जिम्मेदारियां हमारे जीवन को निरस और तनावपूर्ण बना देती हैं, ऐसे में इससे राहत पाने के लिए जरूरी है कि हर रोज हम कुछ वक्त क्रिएटिव एक्टिविटी के लिए निकालें । दरअसल, क्रिएटिव एक्टिविटी हमारे तनाव को दूर करने के साथ ही मूड को बेहतर बनाती है, जिससे बॉडी में सेरोटोनिन, एंडोर्फिन और डोपामाइन जैसे हैप्पी हार्मोन का उत्पादन बढ़ता है। ये हैप्पी हार्मोन हमारे मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने का काम करते हैं। इसलिए हर रोज हमें सिंगिंग, डांसिंग, पेंटिंग या अपनी पसंद अनुसार किसी क्रिएटिव एक्टिविटी को जरूर करना चाहिए।
नई चीजें सीखने की कोशिश करें
जब आप किसी नई चीज को सीखते हैं तो इससे आपके अंदर आत्मविश्वास की भावना जागती है और यह आत्मविश्वास आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाता है। इसलिए आपको हर रोज कुछ वक्त नई चीजों सीखने या नई आदतों को विकसित करने में लगाना चाहिए। जैसे कि आप कोई नई भाषा सीख सकते हैं या फिर कोई नई एक्टिविटी।
खुद के लिए 'मी टाइम' निकालें
जीवन की भागदौड़ में लोग खुद के लिए वक्त नहीं निकाल पाते हैं और इसका उनकी मानसिक सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। दरअसल, घर से लेकर बाहर तक की जिम्मेदारियों को पूरा करते हुए व्यक्ति के दिमाग में काम का जो तनाव बना रहता है उसे राहत के लिए ‘मी टाइम’ के रूप में एक ब्रेक जरूरी है। जब आप बिना किसी तनाव के राहत की सांस लें सकें। इसलिए हर रोज अपने लिए कुछ वक्त जरूर निकाल लें और इस मी टाइम का खुलकर आनंद लें।
योग या ध्यान का करें अभ्यास
मानसिक सेहत को बेहतर बनाने के लिए योग और ध्यान काफी प्रभावी साबित होते हैं, इसलिए आपको नियमित रूप से इनका अभ्यास करना चाहिए। अगर आपके पास योग करने का वक्त नहीं है तो आप ध्यान को अपना सकते हैं। इसके लिए आपको अलग से समय या स्थान की जरूरत नहीं पड़ेगी। बल्कि आप घर के किसी कोने में बैठ कर ध्यान का अभ्यास कर सकते हैं। दरअसल, ध्यान के जरिए आपकी सांसे नियमित होती है और इससे शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है। शरीर और मस्तिष्क में रक्त संचार के सुचारू होने से मानसिक सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और मानसिक बीमारियों से बचाव होता है। इसलिए हर रोज कुछ देर के लिए ध्यान का अभ्यास जरूर करना चाहिए।
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