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tips to prevent chandipura virus

गुजरात में तेजी से पैर पसार रहा है चांदीपुरा वायरस, जानें लक्षण और बचाव के उपाय

गुजरात में चांदीपुरा वायरस के चपेट में आने से 6 बच्चों की जान जा चुकी है। आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में।
Editorial
Updated:- 2024-07-31, 22:04 IST

मानसून में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के खतरे के बीच एक गंभीर वायरस का प्रकोप देखने को मिल रहा है। गुजरात में चांदीपुरा वायरस  की दस्तक ने लोगों को परेशान कर दिया है। बीते दिनों गुजरात में चांदीपुरा वायरस की चपेट में आने से कुछ बच्चों की मौत हो गई थी। आइए जानते हैं क्या है चांदीपुरा वायरस,यह क्यों फैलता है,इसके कारण क्या हैं और इससे बचाव के उपाय क्या है। Dr.Neeraj Tulara- General Medicine and Infectious Disease Specialist, Dr LH hiranandini Hospital Powai Mumbai इस बारे में जानकारी दे रहे हैं।

क्या है चांदीपुरा वायरस?

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चांदीपुरा वायरस एक गंभीर और दुर्लभ वायरस है जिसकी पहचान सबसे पहली बार 1965 में भारत के महाराष्ट्र में की गई थी। नागपुर के चांदीपुरा गांव में इसकी पहचान हुई थी इसकी वजह से इसका नाम चांदीपुरा रखा गया। इसके बाद साल 2004 से 2006 और 2019 में महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और गुजरात में रिपोर्ट किया गया । यह आरएनए वायरस रबडोविरिडे परिवार और वेसिकुलो वायरस जींस से जुड़ा है। बता दें की यह वायरस मादा फ्लोबोटोमाइन मक्खी, मच्छरों, टिक्स और सैंडफ्लाइज से फैलता है।

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चांदीपुरा वायरस के लक्षण

यह वायरस बुखार, फ्लू जैसे लक्षणों के साथ ही एक्यूट एन्सेफलाइटिस यानी दिमाग की सूजन का कारण बनता है। संक्रमण होने पर बुखार,दस्त, उल्टी, शरीर में अकड़न जैसे लक्षण नजर आते हैं। गंभीर मामलों में संक्रमित व्यक्ति कोमा में जा सकता है या मृत्यु भी हो सकती है। बता दें की यह वायरस मुख्य रूप से 9 से 14 उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है।

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क्या है चांदीपुरा वायरस के बचाव के उपाय?

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  • इस वायरस से बचने के लिए मच्छर, मक्खी और कीड़ों से बचें।
  • सुबह-शाम फुल बाजू के कपड़े पहनें।
  • साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें।
  • मॉस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल करें।

एक्सपर्ट के मुताबिक इसका कोई उपचार नहीं है ऐसे में लक्षणों के आधार पर इलाज करना सबसे सही तरीका है। इसके प्रति जागरुकता फैला कर ही इससे बचाव किया जा सकता है।

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Image Credit- Freepik


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