पहाड़ों की आबोहवा जहां सेहत के लिए फायदेमंद मानी जाती हैं, वहीं इस धरती पर उगने वाले वनस्पतियों का भी अपना ही महत्व है। यहां हम आपको एक ऐसी ही वनस्पति के बारे में बताने जा रहे हैं, जो सेहत के लिए बेहद लाभकारी मानी जाती है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं पहाड़ी फूल बुरांश की जो अपने आप में एक औषधि है।
यहां हम आपको बुरांश के फूल के सेहत लाभ और उसकी उपयोग विधि के बारे में विस्तार से बताएंगे। बता दें कि हमने इस बारे में आयुर्वेद विशेषज्ञ संदीप उपाध्याय से बात की है और उनसे मिली जानकारी यहां आपके साथ शेयर कर रहे हैं। संदीप उपाध्याय बताते हैं कि पहाड़ों की धरती पर ऐसे कई सारी वनस्पतियां पाई जाती हैं, जिनका इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता रहा है। बुरांश भी इनमें एक का फूल है, जो उत्तराखंड समेत कई पहाड़ी क्षेत्रों में गर्मियों के शुरुआती महीनों में खिलता है।
गौरतलब है कि बुरांश नेपाल का राष्ट्रीय फूल भी है, जिसका वैज्ञानिक नाम ‘रोडोडेंड्रोन अर्बोरियम’ है। बात करें इसके गुणों और उपयोगिता की तो इस फूल में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और हेपेटो प्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं। इसके चलते इस फूल के अर्क का उपयोग सदियों से आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक चिकित्सा में किया जाता रहा है।
कुछ समय पहले इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी द्वारा हिमालय में दुर्लभ वनस्पतियों पर किए गए शोध में पाया गया कि बुरांश में एंटीवायरल गुण भी मौजूद होते हैं। इसके चलते बुरांश का अर्क SARS- CoV 2 से संक्रमित सेल्स को ट्रीटमेंट में उपयोग किया जा सकता है। चलिए बुरांश के फूल के सेहत लाभ के बारे में विस्तार से जानते हैं।
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आयरन की पूर्ति में सहायक
सुर्ख लाल रंग के इस फूल में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। ऐसे में इस फूल के जूस का सेवन आयरन की कमी को दूर करने में मददगार माना जाता है। इसलिए महिलाओं के लिए इसका सेवन विशेषतौर पर लाभकारी माना जाता है। इसके नियमित सेवन से एनीमिया से बचाव होता है।
त्वचा को स्वस्थ रखने में मददगार
बुरांश में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, इसके चलते यह कील-मुहांसे और त्वचा संबंधी दूसरी समस्याओं से बचाने में सहायक होता है। इसके साथ ही यह स्किन इन्फेक्शन और स्किन इन्फ्लेमेशन के रोकथाम में मददगार होता है।
गठिया के रोकथाम में सहायक
बुरांश का अर्क मांसपेशियों और जोड़ों की सूजन को कम करने में मददगार साबित होता है। ऐसे में यह गठिया के रोकथाम में बेहद फायदेमंद माना जाता है। इसके लिए फूल को पीसकर उसका लेप जोड़ों पर लगाएं, इससे दर्द और सूजन दोनों से राहत मिलेगी।
श्वसन संबंधी समस्याओं से राहत
बुरांश के फूल में फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं जो धूल प्रदूषण से होने वाली एलर्जी के रोकथाम में सहायक माने जाते हैं। ऐसे में बुरांश के फूल का अर्क श्वसन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में भी सहायक माना जाता है। इसके लिए आप बुरांश के पत्तों का चूर्ण बनाकर उसे सूंघ सकते हैं।
पाचन को दुरुस्त रखने में लाभकारी
बुरांश में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण फूड प्वाइजनिंग और डायरिया जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक साबित होता है। साथ ही यह बुरांश के जूस का सेवन पाचन को दुरुस्त रखने में भी लाभकारी होता है।
ऐसे तैयार करें जूस- इसके लिए बुरांश के ताजा फूल लें और उन्हे अच्छी तरह से धोकर कुछ देर के लिए पानी में भिगो कर रख दें। कुछ देर बाद इसमें आवश्यकतानुसार और पानी डालकर उसे धीमी आंच पर उबाल लें। इसके बाद जब पानी आधा बच जाए और इसका रंग गाढ़ा हो जाए तो आंच बंद करके इसे ठंडा होने के लिए रख दें। जब यह ठंडा हो जाए तो उसमें शहद मिलाकर सेवन करें।
आप चाहें तो शहद की जगह शक्कर भी मिला सकते हैं, पर शहद मिलाने से इसका सेहत लाभ और भी बढ़ जाता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप शहद के साथ या सादे रूप में बुरांश के जूस का सेवन करें। उम्मीद करते हैं कि सेहत और सौंदर्य से जुड़ी यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों और परिचितों के साथ शेयर करना न भूलें।
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