महिलाओं के सेहतमंद रहने के लिए पीरियड्स का सही समय पर आना और हर महीने आना बहुत जरूरी है। लड़कियों में 10-12 साल की उम्र में पीरियड्स आना शुरू हो जाना चाहिए। पीरियड्स आना शुरू होने के बाद हर महीने नियमित रूप से पीरियड साइकिल चलना चाहिए। शुरुआत में कई बार पीरियड के दिन, फ्लो और दर्द में अंतर हो सकता है। लेकिन पीरियड्स का रूक जाना या फिर 14-15 साल तक पीरियड्स शुरू न होना बिल्कुल न सही नहीं है। अगर 14-15 साल की उम्र तक पीरियड्स न आएं या फिर पीरियड्स आते-आते अचानक से बीच में रूक जाएं तो इसे एब्सेंट पीरियड्स या एमेनोरिया कहा जाता है। यह क्या होता है, इसके क्या कारण हो सकते हैं, आइए इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी हमें डॉक्टर नीमा शर्मा, डायरेक्टर, प्रसूति और स्त्री रोग विभाग, फोर्टिस अस्पताल, वसंत कुंज, दे रही हैं।
क्या होता है एब्सेंट पीरियड या एमेनोरिया?
एब्सेंट पीरियड्स या एमेनोरिया उस स्थिति को कहा जाता है जब किसी महीने अचानक से महिला को पीरियड होना बंद हो जाते हैं। यानी की आपको हर महीने नॉर्मल पीरियड्स आ रहे थे, पर अचानक से पीरियड्स आना बंद हो गए। महिला न तो प्रेग्नेंट है, न ही मेनोपॉज के करीब है, फिर भी अगर ऐसा हो रहा है तो उसे एब्सेंट पीरियड्स कहते हैं।
एब्सेंट पीरियड या एमेनोरिया को समझें
यह दो प्रकार का होता है। अगर किसी महिला के पीरियड आने की उम्र निकल गई है, यानी की महिला 14-16 साल की उम्र में पहुंच गई है, लेकिन फिर भी उसे पीरियड्स आना शुरू नहीं हुए हैं, तो इसे प्राइमरी एमेनोरिया कहा जाता है। प्राइमरी एमेनोरिया के कई कारण हो सकते हैं। महिला का यूट्रस न बना होना, वजाइना में कोई दिक्कत होना, क्रोमोसोम संबंधी समस्या जैसे टर्नर सिंड्रोम के वजह से ऐसा हो सकता है। टर्नर सिंड्रोम में ओवरीज, हार्मोन्स नहीं बनाती हैं, जिसकी वजह से पीरियड्स नहीं आते हैं। वहीं, कुछ कंडीशन्स में ब्रेन से हार्मोन्स रिलीज नहीं होते हैं। जिनके चलते भी पीरियड्स नहीं आते हैं। इसे हाइपोथैलेमिक एमेनोरिया कहा जाता है। प्यूबर्टी डिले होने पर भी प्राइमरी एमेनोरिया हो सकता है।
वहीं, अगर पीरियड्स नॉर्मल आते-आते अचानक से रूक जाएं तो इसे सेकेंडरी एमेनोरिया कहा जाता है। यह स्थिति लाइफस्टाइल में बदलाव, जेनेटिक कारण, एबॉर्शन, हार्मोनल बदलाव, खान-पान का सही न होना, शरीर में किसी जरूरी न्यूट्रिशन की कमी, स्ट्रेस या अन्य कई वजहों से हो सकती है।
एमेनोरिया का इलाज
अगर आपके पीरियड्स अचानक से रूक गए हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें। आप तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। इस दौरान डॉक्टर कुछ टेस्ट्स करवा सकती है। साथ ही हार्मोन साइकिल को बैलेंस करने के लिए आपको हार्मोनल पिल्स भी दे सकती है। प्राइमरी और सेकेंडरी एमेनोरिया का ट्रीटमेंट इस बात पर निर्भर करता है कि इसका कारण क्या है। अगर किसी लड़की को 14 साल की उम्र तक पीरियड्स न आए लेकिन प्यूबिक हेयर और ब्रेस्ट डेवलेपमेंट होने लगे, तो 16 साल तक पीरियड्स आने का इंतजार करना चाहिए। लेकिन अगर कोई भी लक्षण न नजर आए, तो फिर इसे प्राइमिक एमेनोरिया माना जाता है।
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एमेनोरिया से जटिलताएं
इसका सही समय पर इलाज करवाना जरूरी है वरना इससे कई मुश्किले खड़ी हो सकती हैं। इसके चलते इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है। वहीं, एस्ट्रोजन के लेवल में कमी के चलते दिल से जुड़ी बीमारियां और ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या भी हो सकती है। इसलिए इस पर तुरंत ध्यान दें।
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