प्रेग्नेंसी प्लान करते वक्त Ovulation Days का पता होना है जरूरी, इन संकेतों से करें पहचान

अगर आप प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं, तो आपको अपने ओव्युलेशन डेज के बारे में जरूर पता होना चाहिए। पीरियड साइकिल को ट्रैक करने और ओव्युलेशन डेज के दौरान, सेक्शुअल रिलेशन बनाने से प्रेग्नेंसी के चांसेज काफी हद तक बढ़ जाते हैं।
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बॉलीवुड मूवीज का हमारी जिंदगी पर काफी असर रहता है और इनसे जुड़ी बातें भी अक्सर हमें याद रहती हैं। अगर आपने करीना कपूर और अक्षय कुमार की मूवी गुड न्यूज देखी है, तो आपको जरूर याद होगा कि किस तरह करीना कपूर उस मूवी में अक्षय कुमार यानी अपने ऑनस्क्रीन हसबैंड से अपने ओव्युलेशन डेज यानी फर्टाइल डेज के बारे में बात करती हैं और बाकायदा उन्होंने इन दिनों की एक चेक लिस्ट बनाई होती है। करीना ने इस मूवी में जिक्र किया था कि क्यों कंसीव करने के लिए इन दिनों में सेक्शुअल रिलेशन जरूरी हैं। क्या वाकई ऐसा है? क्या सच में ओव्युलेशन डेज में सेक्सशुअर रिलेशन बनाने से प्रेग्नेंसी के चांसेज बढ़ जाते हैं और कैसे आप अपने ओव्युलेशन डेज की पहचान कर सकती हैं, इस बारे में हमने डॉक्टर से बात की और इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश की। यह जानकारी डॉक्टर अदिति बेदी दे रही हैं। वह कंसल्टेंट गायनेकोलॉजिस्ट और आब्स्टिट्रिशन हैं।

प्रेग्नेंसी प्लान करते वक्त इस तरह करें Ovulation Days की पहचान, बढ़ सकते हैं कंसीव करने के चांसेज

how to calculate ovulation days

  • एक्सपर्ट का कहना है कि ओव्युलेशन के दिनों में सेक्शुअल रिलेशन बनाने से प्रेग्नेंसी के चांसेज बढ़ जाते हैं। असल में जब कोई भी महिला ओव्युलेट करती है, उस दिन का समय और उसके आस-पास के 2-3 दिन कंसीव करने की संभावना बढ़ जाती है।
  • दरअसल, जब ओवरी से एग रिलीज होता है और इस समय पर जब स्पर्म एग से मिलता है, तो प्रेग्नेंट होने में आसानी होती है। अगर आपकी पीरियड साइकिल रेगुलर है और आपको हर महीने 28वें दिन पीरियड्स आते हैं, तो आपका ओव्युलेशन 14वें दिन होगा। इसलिए, जब भी कोई कपल कंसीव करने की प्लानिंग कर रहा है, उस समय पर महिलाओं के लिए अपनी पीरियड साइकिल और ओव्युलेशन डेज को कैलकुलेट करना जरूरी है।
  • पीरियड की डेट को ध्यान में रखकर भी ओव्युलेशन डेज को कैलकुलेट किया जा सकता है। लेकिन, जब ओवरी से एग रिलीज होता है यानी ओव्युलेशन होता है, तो आपके शरीर में भी कुछ संकेत नजर आते हैं, जिन्हें समझकर आप इन दिनों की पहचान कर सकती हैं।
  • इन दिनों में महिलाओं के शरीर का तापमान सामान्य से कुछ ज्यादा हो सकता है। दरअसल, इस समय पर शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है और इसके कारण बॉडी टेम्परेचर बढ़ सकता है।

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  • ओव्युलेशन के दौरान कुछ महिलाओं को हल्की स्पॉटिंग हो सकती है। हालांकि, यह सभी के लिए सटीक नहीं बैठता है।
  • इस समय पर होने वाले हार्मोनल उतार-चढाव के कारण, कुछ महिलाओं को ब्लोटिंग हो सकती है। इस समय पर कई बार महिलाओं को पेट के एक साइड दर्द महसूस हो सकता है।
  • ओव्युलेशन के दिनों में वजाइनल डिस्चार्ज काफी पतला और पारदर्शी हो सकता है। दरअसल, यह एग के फर्टाइल होने की संभावना बढ़ाने के लिए होता है।
  • आप पीरियड ट्रैकर एप या ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट की मदद भी ले सकती हैं।

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अगर आप प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं, तो आपके लिए अपनी पीरियड साइकिल और ओव्युलेशन डेज को ट्रैक करना जरूरी है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock

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