थायराइड में भूलकर भी न करें ये योगासन, सेहत को हो सकता है नुकसान

अगर आपको थायराइड की समस्या है तो ऐसे में आपको कुछ योगासनों का अभ्यास करनेसे बचना चाहिए। इससे आपकी सेहत पर उल्टा असर पड़ सकता है। जानिए इस लेख में।
image

थायराइड एक ऐसी समस्या है, जिससे आजकल अधिकतर महिलाएं परेशान रहती हैं। चाहे हाइपोथायरॉइड हो या फिर हाइपरथायरॉइड, इसमें हॉर्मोन गड़बड़ा जाते हैं। जिसकी वजह से थकान से लेकर मूड स्विंग्स, वजन में उतार-चढ़ाव या हेयर फॉल आदि की शिकायत का सामना करना पड़ता है। यूं तो थायराइड को मैनेज करने के लिए हम सभी दवाइयों का सहारा लेती हैं, लेकिन इसके अलावा आप कुछ नेचुरल तरीकों को भी अपना सकती हैं। इसी में से एक है योग। योग आपके तन मन से जुड़ी हर समस्या को नेचुरल तरीके से हल करने में सहायक है।
लेकिन यहां आपको यह भी समझना चाहिए कि हर योगासन आपके लिए सही नहीं हो सकता। यही वजह है कि आपको अपनी सेहत की जरूरतों को समझते हुए योगासन करना चाहिए। दरअसल, कुछ आसन ऐसे होते हैं, जो थायराइड ग्लैंड पर ज़्यादा दबाव डालते हैं या उसे ज़रूरत से ज़्यादा एक्टिव कर देते हैं, जिससे आपकी समस्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है। तो चलिए आज इस लेख में ब्लॉसम योगा के फाउंडर और योगविशेषज्ञ जितेन्द्र कौशिक आपको कुछ ऐसे ही योगासन के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको थायराइड होने पर करने से बचना चाहिए-

सर्वांगासन (Sarvangasana)

yogasan in thyroid

थायराइड की समस्या होने पर सर्वांगासन करने से बचना चाहिए। दरअसल, जब आप सर्वांगासन का अभ्यास करती हैं तो इससे पूरा शरीर उल्टा हो जाता है और सारा भार गर्दन और कंधों पर आ जाता है। इस पोश्चर में थायराइड ग्रंथि पर सीधा दबाव पड़ता है। इसलिए, थायराइड के मरीजों को इस आसन को ना करने की सलाह दी जाती है। अगर किसी को हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत रहती है तो भी आपको सर्वांगासन नहीं करना चाहिए। बेहतर होगा कि आप सर्वांगासन की जगह सेतु बंधासन का अभ्यास करें, क्योंकि इसमें गर्दन पर ज़ोर नहीं पड़ता।

yogasan for thyroid

शीर्षासन (Sirsasana)

सर्वांगासन की तरह ही थायराइड होने पर शीर्षासन भी करने से बचना चाहिए। इसमें खून सीधा सिर और गर्दन में जाता है। अगर किसी को हाइपरथायराइड है तो ऐसे में शीर्षासन का अभ्यास आपको काफी नुकसान पहुंचा सकता है, क्योंकि पहले से एक्टिव ग्रंथि और ज़्यादा एक्टिव हो जाती है। हो सकता है कि इस आसन का अभ्यास करते हुए आपको घबराहट, चक्कर, धड़कन तेज़ होना जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

उष्ट्रासन (Ustrasana)

ustrasan for thyroid

उष्ट्रासन का अभ्यास करते हुए अमूमन कमर को पीछे झुकाते हैं और गर्दन को पूरी तरह पीछे ले जाते हैं। यही वजह है कि इस आसन को थायराइड के मरीजों को नहीं करना चाहिए। दरअसल, जब आप इस आसन को करती हैं तो इससे गर्दन पर खिंचाव आता है जिससे आपको चक्कर या दर्द आदि की समस्या हो सकती है। बेहतर होगा कि आप उष्ट्रासन की जगह भुजंगासन का अभ्यास करें।
इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Image Credit- Freepik

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP