अधिक वजन कई तरह की समस्याओं की वजह बन सकता है। जब वजन बढ़ने लगता है तो इसके साथ-साथ कई तरह की बीमारियां भी हमें घेर लेती हैं। ऐसे में एक हेल्दी लाइफ जीने के लिए जरूरी है कि अतिरिक्त वजन को कम करने की जरूरत होती है। इसके लिए डाइट के साथ-साथ वर्कआउट करना भी काफी जरूरी होता है। हालांकि, ओवरवेट लोगों के लिए वर्कआउट करना इतना भी आसान नहीं होता है। जब आपका वजन ज्यादा होता है तो शायद आपके लिए रनिंग करना या जिम जाकर इंटेंस वर्कआउट करना संभव ना हो। लेकिन फिर भी आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है।
यहां आपको यह समझने की जरूरत है कि वर्कआउट करने का मतलब अपने शरीर को सज़ा देना नहीं होता, बल्कि खुद को अधिक एक्टिव बनाना और शरीर की बेहतर तरीके से देखभाल करना होता है। अगर आपका वजन ज्यादा है तो आप वर्कआउट करते हुए अपने घुटनों पर जोर डालने या फिर एनर्जी को पूरी तरह निचोड़ने से बचें। तो चलिए आज इस लेख में पावरलिफ्टिंग में नेशनल रिकॉर्ड होल्डर और एनीटाइम फिटनेस के फिटनेस ट्रेनर विनय माहौर कुछ ऐसे ही छोटे-छोटे टिप्स के बारे में बता रहे हैं, जो ओवरवेट महिलाओं को वर्कआउट करते हुए काम आएंगे-
धीरे-धीरे करें शुरुआत
अगर आप ओवरवेट हैं और अभी-अभी वर्कआउट शुरू कर रही हैं तो एकदम से जोश में आकर हैवी एक्रसाइज ना करें। अभी आपका शरीर इसके लिए तैयार नहीं है और शुरुआत में इंटेंस वर्कआउट आपको परेशान कर सकता है। साथ ही, इस तरह आपको बहुत अधिक दर्द का सामना भी करना पड़ सकता है। कोशिश करें कि आप पहले दिन टहलना, हल्की स्ट्रेचिंग या लो-इम्पैक्ट एक्सरसाइज़ से शुरू करें। इससे आपका शरीर धीरे-धीरे खुद को एक्टिव करना सीखता है।
एक्टिविटी को बनाएं वर्कआउट
अगर आपने पहले कभी एक्सरसाइज नहीं की है तो ऐसे में जिम जाकर वर्कआउट करना आपको बोरिंग लग सकता है। हो सकता है कि आप दो-चार दिन में ही जिम जाना छोड़ दें। इसलिए, अगर आप सच में खुद में बदलाव चाहती हैं तो ऐसे वर्कआउट रूटीन को चुनें, जिसे आप भरपूर एन्जॉय करें। आप अपनी पसंद को ध्यान में रखकर डांस, स्विमिंग, या ज़ुम्बा आदि को अपने डेली रूटीन का हिस्सा बनाएं। फंडा बिल्कुल आसान है। जो चीज पसंद आती है, वही रोज़ की जा सकती है। जबरदस्ती वाली एक्सरसाइज को आप लंबे समय तक नहीं कर पाएंगी।
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करें लो-इम्पैक्ट एक्सरसाइज
अगर आपका वजन ज्यादा है तो आप ऐसी एक्सरसाइज करने की कोशिश करें, जो लो इम्पैक्ट हो। इसके लिए आप एक ही जगह पैरों से मार्चिंग, कुर्सी पर बैठकर वर्कआउट, रेसिस्टेंस बैंड से लाइट एक्सरसाइज आदि कर सकती हैं। याद रखें कि हाई इम्पैक्ट वर्कआउट आपके घुटनों पर जोर डाल सकता है। जिससे आपको कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को भी करें शामिल
भले ही आप ओवरवेट हैं, लेकिन कुछ दिनों बाद अपने वर्कआउट रूटीन में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को जरूर शामिल करें। आप चाहें तो बॉडीवेट एक्सरसाइज़ से शुरुआत कर सकती हैं। आप वॉल पुश-अप व ग्लूट ब्रिज जैसी एक्सरसाइज कर सकती हैं। दरअसल, जब आप कार्डियो के साथ-साथ स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी करती हैं तो इससे मसल्स ज़्यादा फैट जलाती हैं। यहां तक कि जब आप आराम कर रही होती हैं, तब भी आपके शरीर से फैट बर्न हो रहा होता है।
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