30 की उम्र के बाद आस-पास कई बार महिलाओं को हार्मोनल इंबैलेंस, वजाइनल इंफेक्शन और फर्टिलिटी से जुड़ी दिक्कतें परेशान करने लगती हैं। बिजी लाइफस्टाइल, घर और परिवार को मैनेज करने की जद्दोजहद और तनाव का सीधा असर महिलाओं की सेहत पर होता है। आजकल महिलाएं बाहर जाकर करियर बनाना और घर की जिम्मेदारियों को संभालना दोनों काम कर रही हैं। 30 की उम्र तक आते-आते जिंदगी में भागदौड़ और तनाव भी बढ़ने लगता है। ऐसे में महिलाओं के लिए धीरे-धीरे अपने लिए वक्त निकालपाना मुश्किल हो जाता है। लेकिन, असल में यह सही नहीं है। 30 की उम्र के बाद महिलाएं अपनी बिजी रूटीन से अगर रोजाना 10 मिनट निकालकर कुछ योगासनों को अपने रूटीन का हिस्सा बनाएंगी, तो बीमारियां दूर रहेंगी। इस बारे में योगा एक्सपर्ट नताशा कपूर जानकारी दे रही हैं। वह सर्टिफाइड योगा टीचर हैं।
तितली आसन (Titli Asana)
- इस आसन को करना बहुत आसान है।
- सबसे पहले आप सुखासन में बैठ जाएं।
- अब आपको अपने पैरों को एक खास तरह से रखना है।
- आपके पैरों के तलवे एक-दूसरे को छूने चाहिए।
- एड़ियों को अंदर की तरफ लेकर आएं।
- दोनों हथेलियों से पैरों के तलवों को पकड़ें।
- बैकबोन को एकदम सीधा रखें।
- सांस को अंदर लेते हुए हाथों को घुटनों पर रखें।
- अब आपको सांस लेते हुए घुटनों को नीचे और सांस छोड़ते हुए घुटनों को ऊपर लेकर आना है।
- इसे रिपीट करें और कुछ देर इसे तेजी से करें।
- इस आसन को करे से डाइजेशन दुरुस्त होता है।
- इससे फर्टिलिटी में भी सुधार होता है।
- शरीर में हार्मोनल बैलेंस बनाए रखने में भी यह मदद करता है।
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- पर्वतासन (Parvatasana)
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पेट के बल ले जाएं।
- अब आपको अपनी हथेलियों और पंजों पर दबाव डालना है।
- ऐसा करते हुए आपकी हथेलियां कंधों के एकदम नीचे होना टाहिए।
- घुटनों को कूल्हों के नीचे रखें।
- अब कूल्हों को थोड़ा ऊपर उठाएं।
- ऐसा करते हुए आपका शरीर एक वी शेप में नजर आएगा।
- इस समय पर आपके शरीर का पूरा भार आपकी हथेलियों और पंजों पर होगा।
- आपको अपनी एड़ियों को भी ऊपर उठाना है।
- अपनी नजरें पैरों की उंगलियों पर टिकाएं।
- कुछ देर सांस को धीमा करें।
- इसके बाद धीरे-धीरे ओरिजलन पोजिशन में लौट आएं।
- इस आसन को करने से बालों का झड़ना कम होता है।
- स्ट्रेस को कम करने और शरीर को फ्लेक्सिबल बनाने में यह मदद करता है।
- इससे महिलाओं की रिप्रोडक्टिव हेल्थ में सुधार होता है।
- यह पीरियड्स से जुड़ी दिक्कतों को कम करने और फर्टिलिटी को सुधारने में मदद करता है।
- इसके रोज अभ्यास से बेली फैट भी कम हो सकता है।
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महिलाओं को 30 की उम्र के बाद, इस योग रूटीन को अपनाना चाहिए। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock
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