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jal neti kriya benefits for women health

जल नेति से महिलाओं के शरीर को क्‍या फायदे होते हैं? एक्‍सपर्ट से जानें

नाक की सफाई की प्राचीन यौगिक क्रिया जल नेति योग आपको बीमारियों से कैसे बचा सकती है? फिटनेस एक्सपर्ट रीता से जानें इसे करने का तरीका और महिलाओं के लिए इसके खास फायदे।
Editorial
Updated:- 2025-06-09, 12:04 IST

क्या आप अक्सर सर्दी-जुकाम, साइनस या नाक से जुड़ी अन्य समस्याओं से परेशान रहती हैं? क्या आप जानना चाहती हैं कि कैसे प्राचीन यौगिक क्रिया आपके रेस्पिरेटरी सिस्‍टम को हेल्‍दी और एक्टिव रखकर आपको कई बीमारियों से बचा सकती है? आज हम बात करेंगे जल नेति योग की, जो हठयोग की छह शुद्धिकरण विधियों में से एक है और इसे 'षटकर्म' कहते हैं। यह क्रिया शरीर को अंदर से साफ करने के लिए बेहद असरदार मानी जाती है।

जल नेति में एक खास तरह के नेति पॉट का इस्तेमाल करके गुनगुने खारे पानी से नासिका मार्ग यानी नाक के रास्ते को सावधानीपूर्वक साफ किया जाता है। यह प्रोसेस न सिर्फ नाक के मार्ग को साफ करती है, बल्कि रेस्पिरेटरी सिस्‍टम को भी मजबूत बनाती है। इस पुरानी और पावरफुुल क्रिया को कैसे किया जाता है और खासकर महिलाओं के लिए इसके क्या-क्या खास फायदे हैं, इस बारे में हमें फिटनेस एक्‍सपर्ट रीता विस्तार से बता रही हैं।

जल नेति इतनी खास क्यों है?

यह सिर्फ नाक की सफाई नहीं है, बल्कि गहरी शुद्धिकरण प्रक्रिया है, जो आपके शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाती है। जब नाक के रास्ते साफ होते हैं, तब हवा का फ्लो अच्‍छी तरह से होता है, जिससे फेफड़ों तक शुद्ध ऑक्सीजन पहुंचती है और शरीर के सेल्‍स को नई एनर्जी मिलती है। यह प्राचीन तकनीक आज के प्रदूषण भरे माहौल में ज्‍यादा असरदार है, जहां धूल, पराग और अन्य एलर्जी कारक रेस्पिरेटरी सिस्‍टम पर बुरा असर डालते रहते हैं।

जल नेति की विधि (नासिका शुद्धि की प्रक्रिया)

how to do jal neti kriya

जल नेति योग को एक स्‍पेशल बर्तन की मदद से किया जाता है। इसे नेति पॉट के नाम से जानते हैं। इसके प्रोसेस को सही ढंग से समझना जरूरी है।

  • सबसे पहले एक नेति पॉट में गुनगुना पानी लें। पानी ज्‍यादा गरम या ठंडा नहीं होना चाहिए। यह शरीर के तापमान के आस-पास होना चाहिए।
  • इसमें आधा चम्मच सेंधा नमक मिलाएं। नमक की सही मात्रा जरूरी है, क्योंकि यह पानी को शरीर के तरल पदार्थों के समतुल्य बनाता है, जिससे नाक में जलन नहीं होती है।
  • सिर थोड़ा एक ओर झुकाएं और नेति पॉट की नली को एक नासिका छिद्र में लगाएं।
  • पानी धीरे-धीरे पॉट से डालें। यह पानी एक नासिका छिद्र से अंदर जाएगा और दूसरी से बाहर निकलेगा। इस प्रोसेस के दौरान मुंह से सांस लेते रहें।
  • अब यही प्रोसेस दूसरी नासिका छिद्र से दोहराएं।
  • दोनों नाक से जल नेति करने के बाद, सिर को आगे की ओर झुकाकर और हल्का टेढ़ा करके तेजी से सांस बाहर निकालकर नासिका मार्ग में बचे हुए पानी को बाहर निकालें।
  • क्रिया के अंत में 5 मिनट कपालभाति कर लें, ताकि शेष जल बाहर निकल जाए और नासिका मार्ग पूरी तरह शुद्ध हो जाए।

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जल नेति के फायदे

रेगुलर जल नेति करना शरीर और मन दोनों को कई फायदे देता है-

श्वसन प्रोसेस में सुधार

नासिका मार्ग की गहराई से सफाई होने से रेस्पिरेटरी सिस्‍टम ज्‍यादा आसान और असरदार तरीके से काम करता है। यह फेफड़ों तक साफ वायु के पहुंचता है।

कफ और धूल कण निकलते हैं बाहर

नासिका मार्ग में जमे हुए एक्‍स्‍ट्रा कफ, बलगम, पराग कण और अन्य धूलकण बाहर निकल जाते हैं, जिससे एलर्जी और सांसों से जुड़ी समस्याओं में कमी आती है।

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साइनस, एलर्जी और जुकाम में राहत

यह विशेष रूप से साइनस संक्रमण, मौसमी एलर्जी और जुकाम के लक्षणों से राहत दिलाने में बहुत ज्‍यादा असरदार है। यह नाक के मार्ग को साफ करके सूजन कम करता है।

एकाग्रता और मानसिक शांति

नासिका मार्ग के शुद्ध होने से ब्रेन में ऑक्सीजन का फ्लो अच्‍छी तरह से होता है, जिससे एकाग्रता बढ़ती है और मानसिक शांति का अनुभव होता है।

प्राणायाम और मेडिटेशन के लिए तैयारी

जल नेति प्राणायाम और मेडिटेशन करने के लिए नासिका मार्ग को पूरी तरह से तैयार करती है, जिससे इन यौगिक क्रियाओं का पूरा लाभ मिल पाता है।

सिरदर्द और माइग्रेन में कमी

नाक के मार्ग को साफ करने से सिर और चेहरे के आस-पास प्रेश्‍र कम होता है, जिससे सिरदर्द और माइग्रेन की समस्‍या बार-बार नहीं होती है।

गंध की बेहतर समझ

नासिका मार्ग के साफ होने से सूंघने की शक्ति में सुधार होता है।

जल नेति के दौरान सावधानियां

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  • जलनेति हमेशा खाली पेट करें।
  • पानी का तापमान और नमक की मात्रा संतुलित रखें।
  • जलनेति के बाद नासिका मार्ग में पानी न रहे, इसका पूरा ध्यान रखें। यदि पानी रह जाता है, तो यह बाद में इंफेक्‍शन या असुविधा का कारण बन सकता है।
  • शुरुआती अभ्यास किसी योग ट्रेनर की देख-रेख में करें।

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जल नेति ऐसी पावरफुल यौगिक क्रिया है, जो श्वसन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।

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Image Credit: Shutterstock 

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