क्या आप अक्सर सर्दी-जुकाम, साइनस या नाक से जुड़ी अन्य समस्याओं से परेशान रहती हैं? क्या आप जानना चाहती हैं कि कैसे प्राचीन यौगिक क्रिया आपके रेस्पिरेटरी सिस्टम को हेल्दी और एक्टिव रखकर आपको कई बीमारियों से बचा सकती है? आज हम बात करेंगे जल नेति योग की, जो हठयोग की छह शुद्धिकरण विधियों में से एक है और इसे 'षटकर्म' कहते हैं। यह क्रिया शरीर को अंदर से साफ करने के लिए बेहद असरदार मानी जाती है।
जल नेति में एक खास तरह के नेति पॉट का इस्तेमाल करके गुनगुने खारे पानी से नासिका मार्ग यानी नाक के रास्ते को सावधानीपूर्वक साफ किया जाता है। यह प्रोसेस न सिर्फ नाक के मार्ग को साफ करती है, बल्कि रेस्पिरेटरी सिस्टम को भी मजबूत बनाती है। इस पुरानी और पावरफुुल क्रिया को कैसे किया जाता है और खासकर महिलाओं के लिए इसके क्या-क्या खास फायदे हैं, इस बारे में हमें फिटनेस एक्सपर्ट रीता विस्तार से बता रही हैं।
यह सिर्फ नाक की सफाई नहीं है, बल्कि गहरी शुद्धिकरण प्रक्रिया है, जो आपके शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाती है। जब नाक के रास्ते साफ होते हैं, तब हवा का फ्लो अच्छी तरह से होता है, जिससे फेफड़ों तक शुद्ध ऑक्सीजन पहुंचती है और शरीर के सेल्स को नई एनर्जी मिलती है। यह प्राचीन तकनीक आज के प्रदूषण भरे माहौल में ज्यादा असरदार है, जहां धूल, पराग और अन्य एलर्जी कारक रेस्पिरेटरी सिस्टम पर बुरा असर डालते रहते हैं।
जल नेति योग को एक स्पेशल बर्तन की मदद से किया जाता है। इसे नेति पॉट के नाम से जानते हैं। इसके प्रोसेस को सही ढंग से समझना जरूरी है।
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रेगुलर जल नेति करना शरीर और मन दोनों को कई फायदे देता है-
नासिका मार्ग की गहराई से सफाई होने से रेस्पिरेटरी सिस्टम ज्यादा आसान और असरदार तरीके से काम करता है। यह फेफड़ों तक साफ वायु के पहुंचता है।
नासिका मार्ग में जमे हुए एक्स्ट्रा कफ, बलगम, पराग कण और अन्य धूलकण बाहर निकल जाते हैं, जिससे एलर्जी और सांसों से जुड़ी समस्याओं में कमी आती है।
यह विशेष रूप से साइनस संक्रमण, मौसमी एलर्जी और जुकाम के लक्षणों से राहत दिलाने में बहुत ज्यादा असरदार है। यह नाक के मार्ग को साफ करके सूजन कम करता है।
नासिका मार्ग के शुद्ध होने से ब्रेन में ऑक्सीजन का फ्लो अच्छी तरह से होता है, जिससे एकाग्रता बढ़ती है और मानसिक शांति का अनुभव होता है।
जल नेति प्राणायाम और मेडिटेशन करने के लिए नासिका मार्ग को पूरी तरह से तैयार करती है, जिससे इन यौगिक क्रियाओं का पूरा लाभ मिल पाता है।
नाक के मार्ग को साफ करने से सिर और चेहरे के आस-पास प्रेश्र कम होता है, जिससे सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या बार-बार नहीं होती है।
नासिका मार्ग के साफ होने से सूंघने की शक्ति में सुधार होता है।
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जल नेति ऐसी पावरफुल यौगिक क्रिया है, जो श्वसन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।
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