योग और ध्यान के सामान्य स्वास्थ्य लाभ सर्वविदित हैं। लेकिन हमारे संवेदी अंगों, विशेषकर हमारे कानों के लिए योग और ध्यान के विशिष्ट लाभों पर कम ही चर्चा की जाती है। योग और ध्यान कान के स्वास्थ्य की रक्षा और उसे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
योग और मेडिटेशन के सामान्य स्वास्थ्य लाभ से तो हम सब वाकिफ हैं लेकिन हमारे सेंसरी ऑर्गन खासकर कानों के लिए योग और ध्यान के खास फायदे पर कम ही चर्चा की जाती है। लेकिन आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि कैसे योग और ध्यान कान के स्वास्थ्य की रक्षा करता है,और कैसे इससे हियरिंग पावर में सुधार होता है। इस बारे में योगा एक्सपर्ट Dr. Hansaji Yogendra ने कुछ खास जानकारी हमारे साथ साझा की है।
क्या योगासन से सुनने की क्षमता में सुधार हो सकता है?
एक्सपर्ट बताती हैं की हमारे कान सिर्फ सुनने के लिए बल्कि संतुलन बनाए रखने के लिए भी जरूरी हैं। वहीं आजकल कानों से जुड़ी कई सारी बीमारियां हैं जैसे टिनिटस यानी कानों में बजना, कानों में संक्रमण, उम्र बढ़ने के कारण या तेज आवाज के संपर्क में आने के कारण सुनने की क्षमता खोना शामिल हैं। तनाव और खराब परिसंचरण इन स्थितियों को बढ़ा सकते हैं। ऐसे में कुछ योगासन की मदद से सुनने की क्षमता में सुधार किया जा सकता है।
कानों की हेल्थ के लिए कौन-कौन से योगासन फायदेमंद हैं?
विपरीत करनी आसन
यह मुद्रा पूरे सिर और कान क्षेत्र में रक्त परिसंचरण में सुधार करती है। यह आसन आपके दिमाग को तनाव मुक्त करने में भी बहुत कारगर है। जो कि बेहतर सुनने की क्षमता में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
- इस आसन को करने के लिए पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं।
- अपने हाथों को जमीन से चिपकाकर रखें।
- अब अपने पैरों को दीवार के सहारे 45 डिग्री कोण पर उठाएं।
- हाथों से कमर को सहारा देते हुए कूल्हों को ऊपर उठाएं
- टांगों को तब तक उठाएं जब तक ये बिलकुल सीधी ऊपर नहीं हो जाती ।
- इस पोजीशन में कम से कम 3 से 4 मिनट रहें और गहरी सांस लें।
- अब धीरे-धीरे सामान्य पोजिशन में आ जाएं और आराम करें।
- इस आसन का अभ्यास करने से पहले ध्यान रखें कि आपका पेट खाली हो।
- सुबह-सुबह ये योग करना अच्छा माना जाता है।
- अगर सुबह वक्त नहीं मिलता है तो आप रात को सोने से पहले ये आसन कर सकते हैं।
बालासन
बालासन भी बहुत ही प्रभावी आसन है यह आपके कानों को सुरक्षा देने में मदद कर सकता है। इस मुद्रा को करने से सिर और कानों में रक्त के प्रवाह को बढ़ावा मिलता है,जिससे जमाव और दबाव कम होता है।
- इस आसन को करने के लिए मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं।
- दोनों टखनों और एड़ियों को आपस में छुएं।
- धीरे-धीरे घुटनों को बाहर की तरफ निकालें
- फिर अपने दोनों हाथों को सिर की सीध में ऊपर की तरफ लाएं।
- सांस छोड़ते हुए आगे की तरफ जाएं और हथेलियों को जमीन पर टिकाएं
- अब सिर को जमीन पर रख दें।
- कुछ देर इस मुद्रा में रहें।
यह भी पढ़ें-फिट रहने के लिए अनन्या पांडे की तरह आप भी करें आर्मचेयर पिलाटेस एक्सरसाइज
इसके अलावा मत्स्यासन कर सकते हैं। इसे फिश पोज के नाम से जाना जाता है। यह आसन छाती और गले को खोलता है। यह मुद्रा ऊपरी शरीर में परिसंचरण में सुधार करती है और कान की परेशानी से राहत दिलाने में मदद कर सकती है।अनुलोम-विलोम, भ्रामरी प्राणायाम, कर्ण रंध्र धौति आसन करने से भी फायदा मिलता है।
यह भी पढ़ें-उम्र से कम दिखने में मदद करेंगी ये 2 फेशियल एक्सरसाइज, रोजाना 10 मिनट करें
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें।
Image Credit: Freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों