Property Circle Rate: आखिर क्या होता है सर्कल रेट? जानिए मार्केट रेट से कितना है यह अलग

Circle Rate Kya Hai: सर्किल रेट क्षेत्र के प्रशासन द्वारा जारी किया जाता है। यह टैक्स चोरी को रोकने के लिए किया जाता है, जो जमीन खरीदने के लिए रजिस्ट्रेशन के समय स्टांप ड्यूटी देनी होती है। ऐसा न करने पर प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने वाले टैक्स की चोरी कर सकते हैं।
image
image

सर्किल रेट का निर्धारण प्रशासन द्वारा इसलिए किया जाता है, ताकि प्रॉपर्टी लेन-देन में पारदर्शिता बनी रहे और टैक्स चोरी रोकी जा सके। यह न्यूनतम मूल्य तय करता है, लेकिन प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू इससे अलग हो सकती है। इससे खरीद-बिक्री में धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाती है। स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क से सरकार को राजस्व प्राप्त होता है।

आपने अक्सर सुना होगा कि किसी क्षेत्र, जैसे दिल्ली या फरीदाबाद में सर्किल रेट बढ़ा दिया गया है। इससे उस इलाके में प्रॉपर्टी की औसत कीमत का एक अनुमान लगाया जा सकता है। हालांकि, सर्किल रेट और बाजार वाल्यू में अंतर होता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि सर्किल रेट आखर क्या है और यह मार्केट वैल्यू से कितना अलग है?

सर्किल रेट क्या है? (What Is Circle Rate?)

properety circle rate

सर्किल रेट किसी क्षेत्र के प्रशासन द्वारा निर्धारित किया गया वह न्यूनतम मूल्य होता है, जिस पर प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त की जा सकती है। इसे लागू करने का मुख्य उद्देश्य टैक्स चोरी को रोकना होता है। अगर सर्किल रेट की व्यवस्था न हो, तो खरीदार और विक्रेता कम मूल्य दिखाकर टैक्स चोरी कर सकते हैं। जब भी कोई जमीन या प्रॉपर्टी खरीदी या बेची जाती है, तो रजिस्ट्रेशन के समय स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान करना पड़ता है।

इसे भी पढ़ें-कितना होता है एक हिंदू महिला का पति की संपत्ति पर अधिकार

सर्किल रेट प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू से कैसे अलग है?

home loan rules in hindi

सर्किल रेट किसी इलाके में प्रॉपर्टी का न्यूनतम मूल्य निर्धारित करता है। इससे कम कीमत पर कोई सौदा कानूनी रूप से मान्य नहीं होता है। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि प्रॉपर्टी की वास्तविक मार्केट वैल्यू सर्किल रेट के बराबर हो। कई बार प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू सर्किल रेट से ज्यादा या कम हो सकती है। सर्किल रेट को अक्सर वास्तविक मार्केट रेट के करीब रखने की कोशिश की जाती है। हालांकि, दोनों में हमेशा काफी फर्क होता है। मार्केट रेट पूरी तरह से इलाके, सुविधाओं और साइज पर निर्भर करता है। अगर बिल्डर सर्किल रेट पर घर बेचने लगेगा तो उसे बड़ी चपत लगेगी। इसलिए सर्किल रेट पर कभी प्रॉपर्टी नहीं मिलती है।

इसे भी पढ़ें-शादी के बाद कितने समय तक बेटियां कर सकती हैं पिता की संपत्ति पर दावा? एक्सपर्ट से जानें क्या कहता है कानून

इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही,अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ

Image credit- Freepik


HerZindagi Video

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP