रेप और गैंगरेप के मामले में पिछले कई सालों से फांसी की सजा की मांग की जा रही है। शिवराज सिंह चौहान खुद रेप के लिए फांसी की सजा की वकालत कई बार कर चुके हैं। फांसी की सजा की ये मांग मध्यप्रदेश सरकार ने पूरी कर दी है। बीते रविवार को शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट ने किसी भी उम्र की महिला के साथ गैंगरेप और 12 साल या उससे कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप करने वाले अपराधी को फांसी की सजा देने की मंजूरी दे दी है।
376AA और 376DA के रूप में किया संशोधन
यह मंजूरी मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले लिया गया है। इस तरह का कानून लाने के लिए कैबिनेट ने 376AA और 376DA के रूप में संशोधन किया है। कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त मंत्री जयंत मलैया ने कहा, "मंत्रिमंडल ने 12 साल या उससे कम उम्र की बच्ची के साथ बलात्कार के दोषी को मृत्युदंड की मंजूरी दे दी है, गैंगरेप के दोषियों को भी मृत्युदंड का प्रस्ताव पारित कर दिया गया है।''
#MadhyaPradesh Cabinet approves death sentence for rape convicts in the cases involving girls of 12 years of age and below. pic.twitter.com/CbLRvLktGg — ANI (@ANI) November 26, 2017
काफी दिनों से चल रही थी बैठक
इस संशोधन को मंजूरी देने के लिए पिछले काफी समय से बैठक चल रही थी। पिछले कैबिनेट की बैठक में मलैया और ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने आशंका जताते हुए इस संशोधन पर आपत्ति जताई थी। उनका मानना था कि दुष्कर्मियों के लिए मौत की सजा पीड़ितों के लिए एक बड़ा खतरा होगा क्योंकि अपराधी उन्हें मारने की कोशिश करेंगे। इसलिए कैबिनेट की मुहर लगाने से पहले इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने काफी अधिक विचार-विमर्श किया था।
Resolution for death sentence for gang rape convicts passed too. Amendment in penal code to increase fine and punishment for rape convicts approved. #MadhyaPradesh — ANI (@ANI) November 26, 2017
इसके अलावा अब दोषियों को जमानत मिलनी भी मुश्किल हो जाएगी। क्योंकि संशोधन करने के साथ ये भी कहा गया है कि लोक अभियोजन की सुनवाई का अवसर दिए बिना जमानत नहीं दी जाएगी।
Read more: छेड़छाड़ के बाद आरोपी हुआ गिरफ्तार लेकिन ज़ायरा वसीम का ट्विटर अकाउंट हुआ सस्पेंड
किए गए कई और भी संशोधन
अब शादी का लालच देकर शारीरिक शोषण करने वाले अपराधी को सजा देने के लिए 493क में संशोधन करके संज्ञेय अपराध बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। इस पर अभी मुहर लगनी बाकी है। लेकिन विचार-विमर्श होने के बाद पूरी उम्मीद है कि इसे भी अपराध घोषित कर दिया जाए।
इसी तरह वो लोग जो महिलाओं के खिलाफ आदतन अपराध करते हैं उन्हें धारा 110 के तहत गैर जमानती अपराध और जुर्माने की सज़ा दी जाएगी। साथ ही अगर महिलाओं का पीछा करने वाला अपराधी दोबारा फिर से इसी अपराध के लिए साबित होता है तो उस पर न्यूनतम एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।