गैंगरेप और बच्चियों से रेप करने वाले को अब मिलेगी फांसी : मध्यप्रदेश सरकार

अब मध्यप्रदेश सरकार किसी भी उम्र की महिला के साथ गैंगरेप करने वाले अपराधी और 12 साल तक की बच्चियों के साथ रेप करने वाले अपराधी को फांसी की सजा देगी।

Gayatree Verma
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रेप और गैंगरेप के मामले में पिछले कई सालों से फांसी की सजा की मांग की जा रही है। शिवराज सिंह चौहान खुद रेप के लिए फांसी की सजा की वकालत कई बार कर चुके हैं। फांसी की सजा की ये मांग मध्यप्रदेश सरकार ने पूरी कर दी है। बीते रविवार को शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट ने किसी भी उम्र की महिला के साथ गैंगरेप और 12 साल या उससे कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप करने वाले अपराधी को फांसी की सजा देने की मंजूरी दे दी है। 

376AA और 376DA के रूप में किया संशोधन

यह मंजूरी मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले लिया गया है। इस तरह का कानून लाने के लिए कैबिनेट ने 376AA और 376DA के रूप में संशोधन किया है। कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त मंत्री जयंत मलैया ने कहा, "मंत्रिमंडल ने 12 साल या उससे कम उम्र की बच्ची के साथ बलात्कार के दोषी को मृत्युदंड की मंजूरी दे दी है, गैंगरेप के दोषियों को भी मृत्युदंड का प्रस्ताव पारित कर दिया गया है।''

काफी दिनों से चल रही थी बैठक

इस संशोधन को मंजूरी देने के लिए पिछले काफी समय से बैठक चल रही थी। पिछले कैबिनेट की बैठक में मलैया और ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने आशंका जताते हुए इस संशोधन पर आपत्ति जताई थी। उनका मानना था कि दुष्कर्मियों के लिए मौत की सजा पीड़ितों के लिए एक बड़ा खतरा होगा क्योंकि अपराधी उन्हें मारने की कोशिश करेंगे। इसलिए कैबिनेट की मुहर लगाने से पहले इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने काफी अधिक विचार-विमर्श किया था। 

इसके अलावा अब दोषियों को जमानत मिलनी भी मुश्किल हो जाएगी। क्योंकि संशोधन करने के साथ ये भी कहा गया है कि लोक अभियोजन की सुनवाई का अवसर दिए बिना जमानत नहीं दी जाएगी। 

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किए गए कई और भी संशोधन 

अब शादी का लालच देकर शारीरिक शोषण करने वाले अपराधी को सजा देने के लिए 493क में संशोधन करके संज्ञेय अपराध बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। इस पर अभी मुहर लगनी बाकी है। लेकिन विचार-विमर्श होने के बाद पूरी उम्मीद है कि इसे भी अपराध घोषित कर दिया जाए।

इसी तरह वो लोग जो महिलाओं के खिलाफ आदतन अपराध करते हैं उन्हें धारा 110 के तहत गैर जमानती अपराध और जुर्माने की सज़ा दी जाएगी। साथ ही अगर महिलाओं का पीछा करने वाला अपराधी दोबारा फिर से इसी अपराध के लिए साबित होता है तो उस पर न्यूनतम एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

 
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