पित्त की पथरी यानी गॉल ब्लैडर स्टोन आज के समय में एक आम लेकिन बेहद परेशान करने वाली स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। यह पथरी गॉल ब्लैडर में कोलेस्ट्रॉल बिलीरुबिन के जमने से बनती है और समय के साथ यह दर्द, अपच, मतली, सूजन और यहां तक कि इमरजेंसी सर्जरी का कारण बन सकती है।
गॉल ब्लैडर का काम पित्त को जमा करना और पाचन के लिए उसे छोटी आंत में छोड़ना है। इससे हमारा खाना पचता है, लेकिन जब पित्ताशय ही ठीक ढंग से काम न करे तो मुश्किल पैदा हो सकती है।
अगर समय रहते खानपान का ध्यान न दिया जाए, तो पथरी का आकार और संख्या दोनों बढ़ सकते हैं। इसलिए डॉक्टर्स हमेशा सही डाइट लेने की सलाह देते हैं। अगर आपको पित्त की पथरी है, तो आपको कुछ चीजों से परहेज करना चाहिए। कई बार लोग अनजाने में ऐसे फूड्स खा लेते हैं जो पित्त की थैली को इरिटेट करते हैं और समस्या को और बढ़ा देते हैं। खासकर बारिश के मौसम में यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। आइए जानते हैं कौन-कौन से फूड्स पित्त की पथरी की समस्या के दौरान खाने से बचना चाहिए।
पित्त की पथरी में ऐसी चीजों को न खाने की सलाह दी जाती है, जो गॉल ब्लैडर को इरिटेट कर सकते हैं। ऐसे कुछ खाद्य पदार्थ हैं-
टमाटर और बैंगन जैसे फूड्स में छोटे-छोटे बीज होते हैं, जो पाचन में दिक्कत पैदा कर सकते हैं। ये बीज गॉल ब्लैडर को इरिटेट करते हैं और दर्द या सूजन बढ़ा सकते हैं। खासतौर पर बैंगन में पाया जाने वाला सोलानिन नामक तत्व कुछ लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
इसे भी पढ़ें: कैसे पता करें आपको है पित्त की थैली में पथरी? हर बॉडी पार्ट में दिखने वाले इन लक्षणों को बिल्कुल न करें नजरअंदाज
कैफीनयुक्त पेय पदार्थ जैसे चाय और कॉफी गॉल ब्लैडर को अधिक बाइल रिलीज करने पर मजबूर करते हैं, जिससे गॉल ब्लैडर में दर्द या मरोड़ हो सकती है। ये ड्रिंक्स शरीर को डिहाइड्रेट भी करती हैं, जिससे पित्त की पथरी बनने की संभावना और भी बढ़ती है।
पालक और चुकंदर में ऑक्जेलेट की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में कैल्शियम के साथ मिलकर क्रिस्टल्स बना सकते हैं। यह स्थिति पित्त की पथरी को बढ़ा सकती है। इसलिए जिन्हें पहले से पथरी की समस्या है, उन्हें इनका सेवन सीमित करना चाहिए।
यह विडियो भी देखें
राजमा, छोले, उड़द की दाल आदि में हाई फाइबर और प्रोटीन होते हैं, लेकिन ये भारी भी होते हैं और पाचन में समय लेते हैं। ऐसे में गॉल ब्लैडर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और पथरी के लक्षण तेज हो सकते हैं।
5. तले-भुने और फैटी फूड आइटम्स
गहरे तेल में तली हुई चीजें और हाई फैट फूड्स जैसे समोसे, पकौड़े, बटर-क्रीम वाले फूड्स गॉल ब्लैडर से ज्यादा बाइल रिलीज करवाते हैं। इससे पथरी के आकार या संख्या में वृद्धि हो सकती है। यह दर्द और सूजन का कारण बनते हैं।
रेड मीट और अंडे की जर्दी में सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होती है। इन्हें पचाना आसान नहीं होता। गॉल ब्लैडर में पथरी होने से उसकी कार्य क्षमता धीमी हो जाती है। जब आप मीट खाते हैं, तो गॉल ब्लैडर में उसके पार्टिकल्स जमने लगते हैं। यह पाचन तंत्र को कमोजर करते हैं। ऐसे में इनका सेवन बेहद सीमित या पूरी तरह से टालना बेहतर है।
इसे भी पढ़ें: पित्त की थैली में पथरी होने से क्या परेशानियां होती हैं? एक्सपर्ट से विस्तार में जानें
गॉल ब्लैडर स्टोन की समस्या में डाइट का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है ताकि दर्द, सूजन और नई पथरी बनने की संभावना को कम किया जा सके। ऐसे में कुछ खाने की चीजें हैं जो पाचन में मदद करती हैं और पित्त के सही प्रवाह को बनाए रखने में सहायक होती हैं।
अगर आप भी पथरी से जूझ रही हैं, तो इन चीजों का ध्यान रखें और ऐसे खाद्य पदार्थ खाने से बचें। हमें उम्मीद है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसे लाइक करें और फेसबुक पर शेयर करना न भूलें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit: freepik
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।