यह तो हम सभी जानते हैं कि स्वस्थ रहने की कुंजी आपका आहार है। अमूमन लोग अपने शरीर की जरूरतों व हेल्थ गोल्स को ध्यान में रखकर अपनी डाइट लेते हैं। इतना ही नहीं, इन दिनों कई तरह की अलग-अलग डाइट को फॉलो करने का चलन काफी बढ़ गया है। मसलन, अगर किसी को वेट लॉस करना होता है तो ऐसे में वे कीटो डाइट या फिर वीगन डाइट को फॉलो करते हैं।
ये दोनों ही डाइट ऐसी हैं, जिन्हें वेट लॉस के लिए काफी अच्छा माना जाता है। आमतौर पर, लोगों को यह समझ में ही नहीं आता है कि इन दोनों में से किसे फॉलो किया जाए। अगर आप भी ऐसी ही किसी कशमकश में हैं तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको वीगन डाइट और कीटो डाइट के बीच के अंतर के बारे में बता रही हैं-
कीटो डाइट क्या है?
कीटो डाइट में मुख्य रूप से फैट पर फोकस किया जाता है। जबकि प्रोटीन को कम और कार्बोहाइड्रेट को लगभग ना के बराबर लिया जाता है। जिसके कारण शरीर को कीटोसिस की स्थिति में चला जाता है। इस स्थिति में शरीर एनर्जी के लिए फैट का इस्तेमाल करना शुरू कर देता है।
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वीगन डाइट क्या है?
वीगन डाइट मुख्य रूप से प्लांट बेस्ड डाइट है, जिसमें प्लांट्स से मिलने वाले फल, सब्जियां, अनाज, फलियां, नट्स और सीड्स आदि को डाइट का हिस्सा बनाया जाता है। इसमें किसी भी तरह से एनिमल या एनिमल प्रोडक्ट्स जैसे दूध, दही, पनीर, शहद आदि को शामिल नहीं किया जाता है।
कीटो डाइट किसके लिए बेहतर है
कीटो डाइट को फॉलो करने से पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि आपके गोल्स क्या हैं और आपकी हेल्थ कंडीशन कैसी है। मसलन, अगर आपको हार्मोनल असंतुलन, पीसीओडी या शुगर आदि की प्रोब्लम है तो ऐसे में कीटो डाइट लेना यकीनन आपके लिए अच्छा विचार है।
वीगन डाइट किसके लिए बेहतर है
इसी तरह, अगर किसी को एसिडिक या गैस की प्रोब्लम रहती हैं या फिर किसी का यूरिक एसिड लेवल हाई रहता है। बॉडी में बहुत अधिक इन्फ्लेमेशन या हेयर फॉल की समस्या रहती है, तो ऐसे में वीगन डाइट लेना अधिक अच्छा रहेगा।
इसका रखें ध्यान
जब भी आप कीटो या वीगन डाइट फॉलो करते हैं तो उसके साथ आपको न्यूट्रिशन सप्लीमेंट सपोर्ट की जरूरत होती है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको फायदे की जगह नुकसान उठाना पड़ सकता है। मसलन, कीटो डाइट में कार्ब्स को बाहर निकाल दिया जाता है। जब आप ग्रेन्स को अपनी डाइट में शामिल नहीं करते हैं तो इससे विटामिन बी की कमी हो जाती है। जिससे स्किन व लिवर फंक्शन पर असर पड़ता है।
यहां तक कि हार्ट अटैक आने के चांसेस भी काफी बढ़ जाते हैं। इसी तरह, वीगन डाइट में विटामिन बी 12, विटामिन डी, मैग्नीशियम, जिंक, कॉपर आदि की कमी होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, अगर आप किसी भी डाइट को फॉलो कर रहे हैं तो न्यूट्रिशन सप्लीमेंट सपोर्ट अवश्य लें। अन्यथा आपको 20- 28 दिन के बाद अपनी बॉडी में साइड इफेक्ट्स नजर आने शुरू हो जाएंगे।
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किसका सेवन है बेहतर?
अब सवाल यह उठता है कि वीगन डाइट या कीटो डाइट में से कौन सी डाइट अधिक बेहतर है। ऐसे किसी एक डाइट को बेहतर कहना सही नहीं है। यह दोनों ही डाइट अपनी तरह से काम करती है। यह पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका लाइफस्टाइल रूटीन, वर्कआउट गोल्स व हेल्थ इश्यूज क्या हैं। आप अपने शरीर को समझकर उसके अनुसार डाइट फॉलो कर सकते हैं।
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Image Credit- freepik
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