आज के समय में लोग हर चीज के लिए एक शॉर्टकट ढूंढते हैं, फिर चाहे बात वजन कम करने की ही क्यों ना हो। अमूमन लोग कम समय में तेजी से वजन कम करने के लिए तरह-तरह की डाइट को फॉलो करते हैं। इन्हीं में से एक है फ्रूट डाइट। अमूमन एक हफ्ते में ही 2-3 किलो तक वजन कम करने और अपनी स्किन को ग्लोइंग बनाने के लिए लोग फ्रूट डाइट को फॉलो करना पसंद करते हैं। यह एक ऐसी डाइट है, जिसमें ज़्यादातर समय आप सिर्फ फल ही खाते हैं। यह सच है कि फल सेहत के लिए काफी अच्छे माने जाते हैं, क्योंकि इनमें विटामिन, मिनरल्स, एंटी-ऑक्सीडेंट्स और पानी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। जब फलों को डाइट का हिस्सा बनाया जाता है तो इससे सेहत और स्किन दोनों पर पॉजिटिव असर पड़ता है। चूंकि फ्रूट डाइट एक लो कैलोरी डाइट होती है, इसलिए इससे तेजी से वजन कम करने में मदद मिलती है। लेकिन जैसे हर डाइट के फायदे और नुकसान होते हैं, वैसे ही फ्रूट डाइट के भी अपने कुछ नुकसान हैं। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको फ्रूट डाइट से होने वाले कुछ नुकसान के बारे में बता रही हैं-
फ्रूट डाइट क्या है?
फ्रूट डाइट एक ऐसी डाइट है, जिसमें ज्यादातर लोग सिर्फ फलों का ही सेवन करते हैं। इसमें दिनभर की 80-90 प्रतिशत कैलोरी सिर्फ फलों से ही ली जाती है। फ्रूट डाइट में अमूमन लोग सीजनल फ्रूट खाते हैं और उन्हें अक्सर कच्चा ही खाया जाता है। यूं तो फ्रूट डाइट में मुख्यतः फल ही शामिल होते हैं, लेकिन इसके अलावा अगर आप चाहें तो इसमें थोड़े नट्स, सीड्स, नारियल पानी या हर्बल टी भी शामिल कर सकते हैं।
फ्रूट डाइट क्यों की जाती है
अक्सर लोग सोचते हैं कि फ्रूट डाइट कैसे किया जाता है, अगर कम समय में अधिक वजन घटाने के लिए करते हैं। साथ ही साथ, यह बॉडी को डिटॉक्स करके स्किन को ग्लोइंग भी बनाती हैं। इसे अमूमन 3 से 7 दिन तक फॉलो किया जा सकता है।
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फ्रूट डाइट से क्या नुकसान है
यूं तो फ्रूट डाइट से कम समय में वेट लॉस करना संभव है, लेकिन फिर भी इस डाइट को बहुत अच्छा नहीं माना जाता है। दरअसल, अगर इसे लंबे समय तक किया जाता है तो इससे आपके शरीर को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। मसलन-
- चूंकि फलों में प्रोटीन काफी कम होता है, इसलिए इससे आपकी मसल्स को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इससे आपकी बॉडी की स्ट्रेंथ भी कम हो सकती है।
- फलों में कई तरह के न्यूट्रिएंट्स होते हैं, लेकिन फिर भी इसमें आयरन, जिंक, कैल्शियम, विटामिन बी12 और हेल्दी फैट्स की कमी होती है।
- फलों में नेचुरल शुगर पाई जाती है, जिससे सिर्फ फलों के सेवन से ब्लड शुगर स्पाइक व क्रैश की शिकायत हो सकती है।
- अगर आपको डायबिटीज़, पीसीओडी, थायरॉइड या इंसुलिन रेज़िस्टेंस से जुड़ी समस्या है, तो यह डाइट आपके लिए नहीं है।
- इस डाइट से वजन कम होता है, लेकिन आप फैट बर्न नहीं करते हैं। इसलिए वापिस नार्मल डाइट पर आने से वह वजन वापिस आ जाता है।

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