खाना ना केवल पेट भरने के लिए होता है, बल्कि यह हमें दिनभर एनर्जी भी देता है। इतना ही नहीं, अगर सही तरह से डाइट ली जाती है तो इससे व्यक्ति अधिक स्वस्थ भी रहता है। हालांकि, यह देखने में आता है कि जब भी हेल्दी डाइट की बात होती है तो लोग सिर्फ तीन मेन मील्स मतलब ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर पर ही फोकस करते हैं और मिनी मील्स की अनदेखी कर देते हैं। अमूमन लोग ब्रेकफास्ट के बाद सीधे लंच ही करते हैं। हालांकि, ऐसा करना बिल्कुल भी सही नहीं माना जाता है।
मिनी मील्स ना केवल आपकी हल्की भूख को खत्म करने का बेहतरीन उपाय होते हैं, बल्कि इनसे आपको कुछ अन्य फायदे भी मिलते हैं। चाहे आप वजन कम करना चाहते हों या फिर एक हेल्दी लाइफस्टाइल जीना चाहते हों, आपको मिनी मील्स को अपनी डाइट का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि मिनी मील्स लेने से आपको क्या-क्या फायदे मिल सकते हैं-
अधिकतर लोग सोचते हैं कि मिनी मील्स स्किप करने से उनका वजन कम हो जाएगा। जबकि वास्तविकता इसके बिल्कुल विपरीत है। जब आप छोटे-छोटे मील्स लेते हैं तो इससे आपको अपनी भूख को नियंत्रित करने और अधिक खाने से रोकने में मदद मिल सकती है। इतना ही नहीं, इससे आप अपनी भूख के लेवल को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं और अत्यधिक कैलोरी सेवन से बच सकते हैं।
जो लोग छोटे-छोटे मील्स लेते हैं, उन्हें फूड क्रेविंग्स अपेक्षाकृत कम होती हैं। दरअसल, जब आप दो मील्स के बीच लॉन्ग गैप करते हैं तो इससे आपको बहुत तेज भूख लगने लगती है और ऐसे में तरह-तरह के फूड्स खाने की इच्छा होती है। अमूमन इस सिचुएशन में लोग मीठा या फिर फ्राइड खाते हैं, जिससे उनकी सेहत को नुकसान पहुंचता है।
अगर आप चाहते हैं कि आपकी बॉडी का एनर्जी लेवल दिनभर ऐसे ही बना रहे तो आपको मिनी मील्स जरूर लेने चाहिए। मिनी मील्स आपके ब्लड शुगर लेवल को स्थिर बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। जिससे आपको थकान या फिर एनर्जी क्रैश की शिकायत नहीं होती है। वहीं, एकदम से लिया गया हैवी मील आपको थकान का अहसास करवा सकता है।
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मेटाबॉलिज्म होता है इंप्रूव
मिनी मील्स लेने का पॉजिटिव असर आपके मेटाबॉलिज्म पर भी पड़ता है। जब आप दिनभर में मिनी मील्स लेते हैं, तो इससे आपको अपने मेटाबॉलिज्म को दिनभर एक्टिव रखने में मदद मिल सकती है। जब आपका मेटाबॉलिज्म बेहतर तरीके से काम करता है तो आप खाना फैट में स्टोर होने की जगह एनर्जी में बदल जाता है, जिससे आप बेहतर फील करते हैं।
यह देखने में आता है कि जो लोग मिनी मील्स नहीं लेते हैं, वे अपने मेन मील के दौरान बहुत अधिक भूख का अनुभव करते हैं और इसलिए जल्दी-जल्दी व बहुत अधिक खा लेते हैं। ऐसे में पेट में दर्द, ब्लोटिंग व अनकंफर्ट फील होना आम बात है। वहीं, मिनी मील्स टेस्ट के लिए खाए जाते हैं, जिससे व्यक्ति की भूख बैलेंस होती हैं और ब्लोटिंग आदि की शिकायत कम होती है। इतना ही नहीं, मिनी मील्स लेने से बॉडी के लिए खाना डाइजेस्ट करना भी अधिक आसान हो जाता है।
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