होली का त्यौहार आने से पहले ही हवाओं में एक अलग खुमार छाने लगता है। आसपास का वातावरण बहुत ही वाइब्रेंट और खुशनुमा दिखने लगता है। होली पूरे भारतवर्ष में बड़े ही हर्षोल्लास से मनाई जाती है। रंगों का यह त्यौहार अपने साथ एक नई छटा बिखेरता है। होली के मौके पर बनने वाले पकवान भी तैयार होने लगते हैं। जो लोग घर पर ही कचरी, चिप्स, गुजिया आदि बनाते हैं उन्होंने तो अभी से तैयारियां शुरू कर दी होगी।
होली की सबसे मुख्य और विशेष स्वीट डिश गुजिया और ठंडाई होती है, लेकिन कुछ जगहों पर इसके अलावा भी बहुत कुछ बनता है। भारत के हर राज्य में होली की एक अलग रंगत होती है। होली के मौके पर कई शहरों में कुछ नया और स्वादिष्ट बनने की भी परंपरा है।
आइए इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताएं कि होली पर भारत के अन्य क्षेत्रों में क्या लोकप्रिय बनाया जाता है। इन्हें चाहे तो आप भी इस होली बना सकती हैं और अपने घर आने वाले मेहमानों को नई रेसिपीज से खुश कर सकती हैं।
करंजी, महाराष्ट्र
यह हमारे घरों में बनने वाली गुजिया का एक दूसरा प्रकार है, जिसे छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और बिहार आदि में बनाया जाता है। महाराष्ट्र में इसे करांजी कहते हैं और इसकी फिलिंग्स काफी अलग होती है। इसमें नारियल, खसखस, तिल और मेवों की स्टफिंग का उपयोग किया जाता है। इसे दिवाली और होली में खासतौर से बनाया जाता है। इसके साथ ही महाराष्ट्र में पूरन पोली बनाने का भी काफी चलन है। पूरन पोली को होलिका दहन में नैवेद्य के रूप में भी चढ़ाया जाता है।
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मीठी सेव, गुजरात
गुजरात एक ऐसा राज्य है जो किसी भी फेस्टिवल को भरपूर मजे के साथ मनाता है। यहां होली के अवसर पर एक स्पेशल थाली तैयार होती है, जिसमें गुजराती दाल, भिंडी शाक, रोटी, चावल, होता है। होली पर मिठाई के रूप में खासतौर से मीठी सेव बनाई जाती है। हर साल होली आते ही महिलाएं गेहूं के आटे से सेव बनाने लगती हैं और फिर इसकी मिठाई तैयार होती है। इसके अलावा बासुंदी बनाने गुजरात के कई क्षेत्रों में तैयार की जाती है।
मालपुआ, मध्य प्रदेश
मालपुआ जिसे डीप फ्राई करके शक्कर की चाशनी में भिगोया जाता है, एक सबसे पुरानी स्वीट डिश है। यह भारत के कई क्षेत्रों में बनाई जाती है। मध्य प्रदेश में होली के मौके पर मालपुआ खूब बनता है। इतना ही नहीं, इंदौर जैसे इलाके में घीयर का भी मांग काफी बढ़ जाती है। सिंधी समाज में घीयर मिठाई का अलग ही महत्व है। इसके साथ-साथ जलेबी (जलेबी का इतिहास) और गुजिया तो हर घर में आपको थाली में सर्व होती दिखेगी ही।
ठंडाई, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश
ठंडाई एक भारतीय कोल्ड ड्रिंक है जिसे बादाम, सौंफ के बीज, तरबूज की गुठली, गुलाब की पंखुड़ियां, काली मिर्च, खसखस, इलायची, केसर, दूध और चीनी के मिश्रण से तैयार किया जाता है। इसे अक्सर महाशिवरात्रि और होली या होल्ला महल्ला उत्सव में बनाया और परोसा जाता है। ठंडाई उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में होली पर मुख्य पेय में शामिल होता है। इससे होली का जश्न और भी बढ़ जाता है।
शक्करपारा, लखनऊ
शंकरपाली, शक्करपारा, मुरली, खुरमा, एक मीठा स्नैक है। यह शंकरपाली या शक्करपारा पश्चिमी भारत में बहुत लोकप्रिय है, खासकर उत्तर प्रदेश के लखनऊ में होली के अवसर पर इसे भी बनाया जाता है। वे नारियल पाउडर और इलायची के साथ गहरे तले हुए चीनी के कुरकुरे स्नैक होते हैं। ये सामग्री उन्हें एक दिलचस्प स्वाद से भरती है। गुजिया, ठंडाई के साथ-साथ आप इसे भी मिठाई की थाली में शामिल कर सकती हैं।
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सॉन्देश, बंगाल
मिठाई की बात हो और बंगाल को छोड़ दिया जाए, ऐसे कैसे हो सकता है? बंगाल तो वैसे भी एक से बढ़कर एक मिठाई के लिए लोकप्रिय है। होली पर भी इस दिन तमाम मिठाइयां तैयार की जाती है। मिष्टी दोई, चमचम, रसगुल्ले के साथ सॉन्देश बहुत पसंद किया जाता है। इसे दूध या छेना और चीनी से तैयार किया जाता है और इसे अलग-अलग सांचे में रखकर तैयार करते हैं। नवरात्रि हो, दिवाली हो या फिर होली, इस मिठाई को हर हर त्यौहार पर मनाने का चलन है।
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देखिए गुजिया की जगह तो कोई नहीं ले सकता है, इसलिए इस बार गुजिया के साथ-साथ आप भी ये मिठाई तैयार कर सकती हैं। अगर आपके क्षेत्र में होली पर कुछ नया और खास बनता है तो वो हमें लिख भेजिए।
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