सुहागिनों का महापर्व वट सावित्री का त्योहार आने वाला है, इस साल यह त्योहार 6 जून को मनाया जाएगा। सुहागिन महिलाएं इस दिन सुबह स्नान कर पूजन की तैयारी करती हैं। जिसके बाद आस पास के बरगद के पेड़ के पास जाकर वट वृक्ष की पूजा करती हैं। देश के कोने-कोने में यह पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। वट सावित्री व्रत वाले दिन सुहागिन महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं, फिर बाद में पूजा और परिक्रमा के बाद बारह चना के दाने के साथ व्रत खोलती है। बहुत से लोगों को इस दिन व्रत में क्या खाना चाहिए क्या नहीं इसके बारे में जानकारी नहीं होती है। यदि आपकी नई-नई शादी हुई है और आपको इस व्रत के नियम और खानपान के बारे में नहीं पता है, तो चलिए आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे।
वट सावित्री व्रत में क्या खाएं क्या नहीं?
- सुबह जल्दी स्नान करके वट वृक्ष की पूजा और परिक्रमा कर लें। पूजा और व्रत पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ करें। पूजन करने पहले और पूजन के दौरान महिलाएं किसी भी चीज का सेवन न करें। व्रत रखने वाली महिलाओं को जल का एक बूंद और भोजन का एक दाना ग्रहण नहीं करना है।
- वट सावित्री व्रत में आप पूजन के बाद प्रसाद में चढ़ाए हुए फल, मेवा, मिठाई (भोग लगाने के नियम) और चना के दाने का भोग लगाएं और पूजा के बाद उसे 12 चना के साथ अपना व्रत खोलें। चना खाने के बाद आप भोग में चढ़ाए हुए मेवा, मिष्ठान और फल का सेवन करें।
- व्रत वाले दिन व्रत रखने वाली महिलाएं किसी भी तरह का अनाज ग्रहण न करें। कई जगहों पर इस दिन चना और बेसन से बनी चीजों का सेवन किया जाता है। ऐसे में आप चना और बेसन से बनी चीजों को प्रसाद लगाकर खा सकते हैं। इसके अलावा चावल, दाल और दूसरे आटे से बनी चीजों को ग्रहण न करें।
- इस दिन घर में अंडा, मांस, और मछली समेत दूसरी तामसिक चीजें न बनें। घर में इस तरह के चीजों का सेवन करने देव नाराज होते हैं, इसलिए यदि घर में कोई व्रत रखा है तो आप अपनी रसोई में तामसिक चीजें न बनाएं।
- वट सावित्री व्रत में आप घर पर बनी शुद्ध मिठाई, हलवा या पुआ का सेवन किया जा सकता है, इसके अलावा आप फलों का भी सेवन कर सकते हैं।
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Image Credit: Herzindagi and freepik
- सुबह जल्दी स्नान करके वट वृक्ष की पूजा और परिक्रमा कर लें। पूजा और व्रत पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ करें। पूजन करने पहले और पूजन के दौरान महिलाएं किसी भी चीज का सेवन न करें। व्रत रखने वाली महिलाओं को जल का एक बूंद और भोजन का एक दाना ग्रहण नहीं करना है।
- वट सावित्री व्रत में आप पूजन के बाद प्रसाद में चढ़ाए हुए फल, मेवा, मिठाई (भोग लगाने के नियम) और चना के दाने का भोग लगाएं और पूजा के बाद उसे 12 चना के साथ अपना व्रत खोलें। चना खाने के बाद आप भोग में चढ़ाए हुए मेवा, मिष्ठान और फल का सेवन करें।
- व्रत वाले दिन व्रत रखने वाली महिलाएं किसी भी तरह का अनाज ग्रहण न करें। कई जगहों पर इस दिन चना और बेसन से बनी चीजों का सेवन किया जाता है। ऐसे में आप चना और बेसन से बनी चीजों को प्रसाद लगाकर खा सकते हैं। इसके अलावा चावल, दाल और दूसरे आटे से बनी चीजों को ग्रहण न करें।
- इस दिन घर में अंडा, मांस, और मछली समेत दूसरी तामसिक चीजें न बनें। घर में इस तरह के चीजों का सेवन करने देव नाराज होते हैं, इसलिए यदि घर में कोई व्रत रखा है तो आप अपनी रसोई में तामसिक चीजें न बनाएं।
- वट सावित्री व्रत में आप घर पर बनी शुद्ध मिठाई, हलवा या पुआ का सेवन किया जा सकता है, इसके अलावा आप फलों का भी सेवन कर सकते हैं।
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