क्या आप जानते हैं पिंडर नदी के उद्गम स्थल और इतिहास की कहानी?

Pindar River Origin: अगर आप भी उत्तराखंड की पिंडर नदी का उद्गम स्थल और पौराणिक कथा के बारे में जानना चाहते हैं तो फिर आपको इस लेख को जरूर पढ़ना चाहिए।

 

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Pindar River History In Hindi:सदियों से भारतीय नदियों का महत्व भारत में बेहद ही खास रहा है। जब भी भारतीय पौराणिक कथा और इतिहास का जिक्र होता है तो कुछ पवित्र नदियों का भी जिक्र जरूर होता है।

गंगा, यमुना, कावेरी, नर्मदा और सरस्वती नदियां भारत के लिए हमेशा पवित्र रही हैं। इनमें से कुछ नदियां हिमाचल प्रदेश तो कुछ नदियां उत्तराखंड के पहाड़ों से निकलती हैं। इन्हीं नदियों में की तरह उत्तराखंड से निकले वाली पिंडर नदी भी बेहद खास मानी जाती है।

इस लेख में हम आपको पिंडर नदी का उद्गम स्थल, इतिहास और इस नदी से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं।

पिंडर नदी का उद्गम स्थल

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पिंडर/पिण्डार नदी उत्तराखंड में बहने वाली एक प्रमुख नदी है। इस नदी का उद्गम हिमालय के पिंडारी नमक ग्लेशियर से होता है जो बागेश्वर जिले के कुमाऊं क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

यह नदी जिस स्थान से निकलती है उस जगह की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 12 हजार फीट है। कहा जाता है कि पिंडर नदी का मुंह कर्णप्रयाग की तरफ स्थित है जहां यह अलकनंदा नदी के साथ संगम से समाप्त हो जाती है। पिंडर नदी अलकनंदा नदी की सहायक नदी भी है।

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पिंडर नदी का इतिहास

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पिंडर नदी का इतिहास बेहद ही दिलचस्प है। इस नदी के इतिहास के बारे में कहा जाता है कि यह त्रेतायुग से भी प्राचीन है। इस प्राचीन नदी का इतिहास भगवान शिव और पार्वती के साथ भी जोड़ा जाता है। आपको बता दें कि इस नदी को कई लोग 'कर्ण गंगा' के नाम से भी जानते हैं।(भारत की श्रापित नदियां)

पिंडर नदी की पौराणिक कथा

What is the other name of Pindar River

पिंडर नदी की पौराणिक कथा भी बेहद दिलचस्प है। इस नदी के बारे में कहा जाता है कि जब भगवान शिव और माता पार्वती की शादी हुई थी तब शिव जी ने माता पार्वती को पिंडर घाटी/नदी के रास्ते ही विदा कराकर ले गए थे। इसलिए आज भी हिमालय की बेटियां यह कामना करती हैं कि उनकी विदाई के रास्ते में पिंडर नदी/घाटी के दर्शन हो ताकि जीवन सफल रहें।

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सैलानियों के लिए हैं बेहद खास

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पिंडर नदी जिस तरह पवित्र महत्वपूर्ण माना जाता है ठीक उसी तरह सैलानियों के लिए भी बेहद खास माना जाता है। पिंडर घाटी अद्भुत दृश्य, ऊंचे-ऊंचे पहाड़, देवदार के पेड़ और घास के मैदान के लिए काफी फेमस है।

पिंडर घाटी में हजारों सैलानी ट्रैकिंग करने के लिए पहुंचते हैं, क्योंकि पिंडर ग्लेशियर काफी फेमस ट्रेक है। कहा जाता है कि यह ट्रेकिंग लगभग 56 मिल का है और इसे पूरा करने में लगभग 6 दिन लग जाते हैं। इस रास्ते में लगभग 5-6 गांव और खूबसूरत पहाड़ियों से रूबरू हो सकते हैं।(भारत की 10 सबसे बड़ी और पवित्र नदियां)

पिंडर घाटी या ग्लेशियर सिर्फ ट्रैकिंग के लिए ही नहीं बल्कि साहसिक खेलों जैसे बर्फ पर चढ़ने और माउंटेन बाइकिंग के लिए भी प्रसिद्ध है।

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