नवरात्रि का पर्व आज यानी 3 अक्टूबर से शुरू हो गया है। माता के भक्त नौ दिनों के इस पर्व में हर दिन उनके अलग-अलग स्वरूप की पूजा करते हैं। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। वहीं दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। ब्रह्मचारिणी दो शब्दों से मिलकर बना है। इसमें ब्रह्म का अर्थ तपस्या और चारिणी का अर्थ आचरण है। यानी तपस्या का आचरण करने वाली। अगर आप नवरात्रि के दूसरे दिन माता के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा करने के लिए मंदिर ढूंढ रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके काम आएगा। आज के इस आर्टिकल में हम आपको कुछ खास मंदिरों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित सबसे ऐतिहासिक मंदिर वाराणसी में स्थित है। माता के इस स्वरूप आगमन भगवान शिव की प्राप्ति के लिए हुआ था। मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। काशी में माता का मंदिर स्थित है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यह दिखने में भव्य और सुंदर है। यहां लाखों की संख्या में भक्त माता के दर्शन के लिए यहां आते हैं। ब्रह्मचारिणी दुर्गा मंदिर में भक्तों की भीड़ सुबह से ही लग जाती हैं। अगर आप यहां जा रहे हैं, तो समय का ध्यान रखें, क्योंकि दोपहर में मंदिर बंद हो जाता है। यह माता के फेमस मंदिर में से एक माना जाते हैं।
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बेहरी के जंगल में स्थित बगोई माता के मंदिर को मां ब्रह्मचारिणी के रूप में पूजा जाता है। इस मंदिर तक पहुंचने में आपको थोड़ी परेशानी हो सकती है, क्योंकि रास्ता कच्चा है। लेकिन यह मंदिर ऐतिहासिक और चमत्कारी माना जाता है। देवास जिले के जंगल में यह मंदिर स्थित है। यहां लोग मंदिर में मन्नत पूरी होने पर मिश्री व पंचामृत भोग चढ़ाते हैं।
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अगर आप लखनऊ में माता के दर्शन के लिए जाना चाहते हैं, तो मां पूर्वी देवी बाघम्बरी मंदिर जा सकते हैं। मां पूर्वी देवी बाघम्बरी मंदिर में स्थित माता मां ब्रह्मचारिणी के रूप में पूजा जाता है। हर साल नवरात्रि के दूसरे दिन यहां भक्तों की भीड़ दर्शन के लिए आती है। सुबह से मंदिर में दर्शन के लिए लाइन लग जाती है। यह मंदिर नवरात्रि में सुंदर लाइटों और फूलों से पूरे 9 दिनों तक सजा रहता है। अगर आप इस मंदिर में दर्शन करने आए, तो बादाम, काजू और मखाने भोग लगा सकते हैं। माता को यह प्रिय माना जाता है। यह लखनऊ के फेमस मंदिरों में से एक है।
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