सीता नवमी 16 मई गुरुवार को है। हर साल देवी सीता का जन्म वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। देवी सीता की जयंती को जानकी नवमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग माता का आर्शिवाद पाने के लिए जगह-जगह मंदिर दर्शन के लिए जाते हैं।
भारत में ऐसे कई मंदिर है, जिनका माता सीता और श्री राम से गहरा नाता है। लेकिन केवल भारत में नहीं बल्कि विदेशों में भी माता सीता के मंदिर स्थित है। विदेश में एक ऐसी भी जगह है, जहां माता सीता का सबसे बड़ा मंदिर स्थित है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको माता सीते के कुछ फेमस मंदिर के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
नेपाल में स्थित माता सीता का प्रसिद्ध मंदिर काठमांडू से 400 किलोमीटर दूर है। यह माती सीता के सबसे बड़े मंदिरों में से एक माना जाता है, क्योंकि इसे 4860 वर्ग फीट में बनाया गया है। इस मंदिर को सुहागिनों के लिए इसलिए प्रसिद्ध माना जाता है, क्योंकि यहां ही श्री राम और माता सीता का विवाह हुआ था। इस विवाह कुंड के दर्शनों के लिए हर दिन दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आते हैं।
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अशोक वाटिका (जिसे सीता एलिया भी कहा जाता है): जहां रावण द्वारा सीता माता को संरक्षित रखा गया था।
— SANATAN (@Eternaldharma_) October 10, 2022
यहां भगवान हनुमान के पैरो के निशान पत्थरों पर अंकित है। pic.twitter.com/IhKK6HR8JT
इस जगह पर ही श्रीलंका में रावण ने माता सीता का अपहरण कर कुछ दिनों के लिए रखा था। सीता माता जिस अशोक के पेड़ के नीचे बैठती थी, वह जगह आज भी सीता एल्या के नाम से प्रसिद्ध है। इसके अलावा श्रीलंका में एक ऐसा महल भी है, जो रामायण काल का माना जाता है।
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माना जाता है कि यहां की मिट्टी आज भी काली है। ऐसा इसलिए, क्योंकि हनुमान द्वारा लंका जलाए जाने के बाद यहां की मिट्टी काली हो गई थी। श्रीलंका के अन्य भागों में मिट्टी लाल है, लेकिन केवल इसी हिस्से में मिट्टी काली देखी गई है। यह माता सीता के फेमस मंदिर में से एक है।
श्रीलंका में माता सीता का एक विशाल मंदिर बन रहा है। 19 मई को मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसके लिए अयोध्या की पवित्र सरयू नदी का जल श्रीलंका भेजा जाएगा। इससे आप समझ सकते हैं कि केवल देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी माता सीता के भक्तों के लिए पूजा- अर्चना करने की सुविधा के लिएव लिए खास कदम उठाए जा रहे हैं।
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