Mosques To Visit In Haryana: Eid Ul Adha पर बनाएं इन मस्जिदों में बकरीद, त्योहार का मजा हो जाएगा दोगुना

हरियाणा में शीशे से नक्काशी वाली मस्जिद आपको हैरान कर देगी। यह मस्जिद ना सिर्फ आस्था का, बल्कि पर्यटकों के लिए आकर्षण का भी केंद्र बन गया है।

 

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ईद पर लोग दोस्तों और परिवार के साथ जगह-जगह घूमने का प्लान बनाते हैं। यह त्योहार मुस्लिम समुदाय के लिए सबसे खास होता है। इर्द उल अदा को बकरीद के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन कई लोग लोग अपने खास रिश्तेदारों और दोस्तों को बुलाकर घर पर दावत भी रखते हैं।

अगर इस बार आप ईद हरियाणा में मना रहे हैं, तो परेशान न हो। यहां भी आपको ऐसे कई अनोखे मस्जिद मिल जाएंगे, जहां ईद पर जाना आपके लिए यादगार होगा। इन मस्जिदों का इतिहास आपको यहां जाने के लिए मजबूर कर देगा। आज के इस आर्टिकल में हम आपको इन मस्जिदों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

शीशे वाली मस्जिद

अगर हरियाणा में सबसे अनोखे मस्जिद में ईद मनाना है, तो आप रोहतक के शीशे वाली मस्जिद में जाने का प्लान बनाएं। इस मस्जिद का इतिहास 200 साल पुराना बताया जाता है। इस मस्जिद को देखने के लिए केवल हरियाणा वासी ही नहीं बल्कि अन्य शहरों के पर्यटक भी आते हैं।

इस मस्जिद के बारे में बताया जाता है, कि यहां पास में कसाई रहा करते थे। इसलिए इस जगह को कसाई चौक कहा जाता है। माना जाता है कि मस्जिद भी कसाईयों ने ही बनवाई थी। बकरीद पर यहां जाना सबसे खास माना जाता है। रोहतक में शीशे वाली मस्जिद के अलावा लाल मस्जिद और नूरानी मस्जिद भी जा सकते हैं।

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लाट की मस्जिद

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इस मस्जिद को इसके आकार के लिए जाना जाता है। इसकी स्थापना 1354 में सम्राट फिरोज शाह तुगलक ने करवाई थी। यह मस्जिद हरियाणा के हिसार में स्थित है। इस मस्जिद को एल आकार में बनाया गया है। ईद पर अगर आप हरियाणा में किसी अनोखे मस्जिद जाना चाहते हैं, तो यहां जाने का प्लान बना सकते हैं। यह हरियाणा में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह में से एक है।

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काबुली बाग मस्जिद

पानीपत में हुई पहली लड़ाई के दौरान इस मस्जिद का निर्माण करवाया गया था। सम्राट बाबर द्वारा 1527 में पहली लड़ाई जीतने के बाद अपना नाम चिन्हित करने के लिए इसे बनाया गया था। इस मस्जिद का नाम सम्राट बाबर की बेगम काबुली बेगम के नाम पर रखा गया था। यह पानीपत शहर से 2 किलोमीटर दूर काबुल बाग कॉलोनी में स्थित है।

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