शिव भक्तों के लिए महाशिवरात्री बेहद ही पवित्र दिन होता है। इस दिन शिव भक्त सुबह से ही पसंदीदा शिव मंदिर में दर्शन और पूजा-पाठ के लिए मंदिर के लाइन में लग जाते हैं। उत्तर-भारत में ऐसे कई प्राचीन और प्रसिद्ध शिव मंदिर मौजूद है जहां महाशिवरात्री के दिन लाखों भक्त सुबह से लेकर दोहपर तक मंदिर के प्रांगण में मंत्र उच्चारण करते हैं। लेकिन, ऐसा नहीं है कि सिर्फ उत्तर-भारत में ही प्राचीन और प्रसिद्ध शिव मंदिर मौजूद है। दक्षिण-भारत में भी कुछ ऐसे शिव मंदिर मौजूद है, जो बेहद ही पवित्र और प्राचीन मंदिर है। इन मंदिरों में भी महाशिवरात्री के दिन लाखों भक्त शिव दर्शन के आते हैं और पूजा-पाठ करते हैं। आज इस लेख में हम आपको दक्षिण-भारत के कुछ प्राचीन और प्रसिद्ध शिव मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आप भी घूमने या फिर महाशिवरात्री के दिन जा सकते हैं।
मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर
शुरुआत करते हैं आंध्र प्रदेश के कृष्णा नदी के तट पर स्थित मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर से। यह मंदिर श्रीशैलम नाम के पर्वत पर स्थित है। कई लोग इस मंदिर को दक्षिण का कैलाश भी कहते हैं। एक मान्यता ये कि महाभारत के अनुसार श्रीशैलम पर्वत पर भगवान शिव का पूजन करने से अश्वमेध यज्ञ करने का फल प्राप्त हुआ था। कहा जाता है कि भारत के प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर भी शामिल है। इस मंदिर में शिव को मल्लिकार्जुन और देवी पार्वती को भद्रकाली के रूप में भक्त पूजा-पाठ होता है। महाशिवरात्री के दिन यहां सुबह से लेकर रात तक भक्तों की भीड़ लगी रहती हैं।
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अरुल्मिगु रामानाथास्वमी मंदिर
ये लगभग हर कोई जनता है कि तमिलनाडु का रामेश्वरम शहर दक्षिण-भारत में धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यहां ऐसे कई छोटे-छोटे और पवित्र मंदिर है जहां हमेशा भक्तों की भीड़ लगी रहती हैं। अरुल्मिगु रामानाथास्वमी मंदिर साउथ में सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। कहा जाता है कि यह मंदिर हिन्दुओं के चार धाम में भी शामिल है। कहा जाता है कि यहां भगवान राम ने रावण को मारने के बाद पूजा-पाठ की थी। अगर आप इतिहास प्रेमी और प्राचीन वास्तुकला के दीवाने के साथ-साथ शिव भक्त हैं तो आपको यहां ज़रूर जाना चाहिए। (सिरसी का सहस्रलिंग तीर्थ)
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श्री कोतिलिंगेश्वारा स्वामी मंदिर
तमिलनाडु के बाद चलते हैं कर्नाटक में। भारत के साथ-साथ विश्व के सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिरों में से एक है श्री कोतिलिंगेश्वारा स्वामी मंदिर। कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थित शिवलिंग लगभग 33 मीटर लंबी है। शायद आपको जानकारी हो, अगर नहीं मालूम हो तो जानकारी के लिए बता दें कि इस मंदिर के प्रांगण में लगभग 1 करोड़ शिवलिंग स्थापित है। इस मंदिर में महाशिवरात्री के दिन भगवान शिव के विवाह का भी आयोजन किया जाता है। कर्नाटक के कोलार जिले स्थित इस मंदिर को कोटिलिंगेश्वर धाम भी कहा जाता है।
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श्री वादाक्कुन्नाथान मंदिर
वास्तुकला के साथ-साथ केरल में सबसे लोकप्रिय शिव मंदिरों में से एक है श्री वादाक्कुन्नाथान मंदिर। केरल के त्रिशूर शहर में स्थित इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर को भगवान परशुराम ने बनवाया था। यह मंदिर एक विशाल पत्थर की दीवार से घिरा हुआ है। कई लोग इस मंदिर को 'टेंकैलाशम' या फिर 'ऋषभाचलम्' के नाम से भी जानते हैं। यहां दिन-रात घी में दीप जलाया जाता है और उसी घी को प्रसाद के रूप में भी भक्तों को दिया जाता है।
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