अरब सागर के तट पर स्थित दक्षिण भारत के केरल राज्य का प्राकृतिक नज़ारा देखते ही बनता है। यहां के कण-कण में बसी हरियाली हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है। खूबसूरत बीच, वॉटरफॉल, पर्वतमालाएं, और नारियल के पेड़ को देखते ही दिल खुश हो जाता है। यूं तो केरल में घूमने और देखने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन सब कुछ देखने और घूमने के बाद भी कुछ ऐसी जगह घूमना भूल जाते हैं, जिसके बारे में ना ही कभी सुना होता है और नहीं कभी पढ़ा होता है। आज इस लेख में हम आपको केरल के एक सीक्रेट डेस्टिनेशन यानि तृश्शूर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां शायद आप पहले कभी घूमने नहीं गए हों। तो चलिए जानते हैं-
अथिराप्पिल्ली वॉटर फॉल्स
तृश्शूर में घूमने और और देखने के लिए सबसे बेहतरीन कोई जगह है, तो सबसे टॉप स्थान पर है अथिराप्पिल्ली वॉटर फॉल्स। यह मुख्य शहर से लगभग 60 किमी की दूरी पर है। लगभग 80 फीट की ऊंचाई से गिरता हुआ यह एक अद्भुत झरना है, जो आपकी यात्रा में चार चांद लगा सकता है। इस वाटर फ़ॉल को 'भारत के नियाग्रा फॉल्स' के रूप में भी जाना जाता है। इसके आसपास घने जंगल और नारियल के पेड़ को प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान माना जाता है।
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त्रिसूर जू एंड म्यूजियम
अथिराप्पिल्ली वॉटर फॉल्स के बाद घूमने लायक अगर सबसे कोई बेहतरीन जगह है, तो वो है त्रिसूर जू एंड म्यूजियम। कहा जाता है कि यह जू लगभग 14 एकड़ में फैला हुआ है। इस जू एंड म्यूजियम को साल 1885 में आम लोगों के लिए खोला गया था। यहां जानवरों और पक्षियों की एक विस्तृत विविधता मौजूद है। इस जू के अंदर एक म्यूजियम भी है जहां आप घूमने के लिए जा सकते हैं। यहां आप सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक घूमने के लिए जा सकते हैं, प्रति व्यक्ति 15 रुपया टिकट लेकर।
विंटेज कार क्लब
अगर आप विंटेज कार के शौकीन है और पुराने ज़माने की क्लासिक कारें देखना पसंद है तो पहुंच जाइए विंटेज वॉक्सहॉल वेलॉक्स कार क्लब। यहां आपको 60 से 70 के दशक के एक से एक बेहतरीन कारे देखने को मिलेगी। फोर्ड, सिट्रोएन, मिनी कूपर, राजदूत और कई लक्जरी कार इस क्लब में शामिल है। इस जगह के बारे में कहा जाता है कि हर साल देश-विदेश से आई करों की भी यहां नीलामी होती है। इस जगह आप घूमने के लिए सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे के बीच कभी भी जा सकते हैं, रविवार दिन को छोड़कर।
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श्री वादाक्कुन्नाथान मंदिर
अगर अपनी यात्रा में किसी घार्मिक स्थल को शामिल करना चाहते हैं तो आपको श्री वादाक्कुन्नाथान मंदिर को शामिल करना चाहिए, क्यूंकि तृश्शूर में इस मंदिर को सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। यहां हर समय भक्तों की भीड़ लगी रहती है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह लगभग 100 साल पुराना मंदिर है। इस मंदिर के बारे में ये भी मान्यता है कि भगवान परशुराम द्वारा निर्मित यह पहला मंदिर है जो भगवान शिव के साथ भगवान विष्णु के लिए भी समर्पित है।
कैसे पहुंचें-
यहां जाने के लिए आप केरल की राजधानी तिरुवनन्तपुरम से होते हुए भी जा सकते हैं। आप चाहें तो मून्नार पहुंच के भी वहां से तृश्शूर के लिए लोकल गाड़ी से जा सकते हैं। वायनाड से भी यहां जाने के लिए सही रास्ता है।
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