भारत में महिलाएं भोले बाबा की पूजा अर्चना करने के लिए दूर-दूर मंदिरों के दर्शन के लिए भी जाती हैं। हिंदू धर्म में सोमवान का दिन भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है, इसलिए कई महिलाएं इस दिन व्रत भी रखती हैं।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको महाराष्ट्र के कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताने वाले हैं, जहां दर्शन के लिए जाने के लिए आपको किसी त्योहार की जरूरत नहीं है।
क्योंकि यहां बिना त्योहार के ही भक्तों की भीड़ हर दिन उमड़ी रहती है। अगर आप भी भगवान शिव के भक्त हैं, तो एक बार यहां दर्शन का प्लान जरूर बनाएं।
भुलेश्वर महादेव मंदिर (Bhuleshwar Temple)
भोले बाबा का यह मंदिर महाराष्ट्र के पुणे जिले में मालशिरस के पास एक पहाड़ी पर स्थित है। इस मंदिर के गर्भगृह में पांच शिवलिंग हैं।
आपको इस शिवलिंग को देखकर हैरानी होगी कि यह एक खाई में छिपा हुआ है जिसे आप केवल अच्छे प्रकाश में ही देख पाएंगे। इस मंदिर में देवी लक्ष्मी, भगवान विष्णु और भगवान महादेव भी हैं।
इस मंदिर में आपको एक और चीज हैरान कर देगी और वह यह है कि यहां भगवान गणेश की एक महिला के रूप में सजी हुई मूर्ति है और उन्हें गणेश्वरी, लम्बोदरी या गणेशयानी कहा जाता है।
इस शिव मंदिर को भुलेश्वर-महादेव या यवतेश्वर के नाम से भी जाना जाता है। स्थानीय मान्यता है कि जब मिठाई भगवान शंकर को अर्पित किया जाता है, तो उसका एक हिस्सा गायब हो जाता है।
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अंबरनाथ महादेव मंदिर (Ambernath Shiv Mandir)
महाराष्ट्र में मुंबई के पास अंबरनाथ शहर में अंबरनाथ मंदिर सबसे पुराना भूमि मंदिर है। मंदिर के एक शिलालेख में उल्लेख है कि यह मंदिर शिलाहार राजवंश के राजा ममवानी के शासनकाल के दौरान 1060 ईस्वी में पूरा हुआ था।(भारत के सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध शिव मंदिर)
महाराष्ट्र के अंबरनाथ का यह प्राचीन शिव मंदिर यूनेस्को द्वारा दुनिया भर में घोषित 218 सांस्कृतिक विरासत स्थलों में से एक है। यहां स्तंभों पर विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाई गई हैं।
इस मंदिर के ठीक बगल में एक जलधारा है। इस धारा को वालधुनी नदी धारा कहा जाता है।
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उनपदेव महादेव मंदिर (Unapdev Mahadev Temple)
यह सातपुडा पर्वत श्रृंखला की तलहटी में स्थित है। इस मंदिर का मुख्य झरना गर्म पानी का झरना है। इससे सटी एक गुफा है, जिसे माना जाता है कि इस गुफा में महादेव का शरीर है।
इस गुफा में एक समय में केवल एक ही व्यक्ति प्रवेश कर सकता है या बाहर निकल सकता है। यहां लोगों का मानना कि भगवान श्री राम ने यहां रहने वाले शरभंग ऋषि के इलाज के लिए अपने तीर से एक गर्म पानी का झरना बनाया था।
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Image Credit- Freepik
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