Pitru Paksha में जा रहे हैं हरिद्वार, तो इन 3 शिव मंदिरों के दर्शन करके जरूर आएं

भगवान शिव को यमराज पर नियंत्रण रखने वाला भी माना जाता है। उन्हें भक्त मोक्ष प्रदान करने वाले के रूप में पूजते हैं। माना जाता है पितृ पक्ष में उनकी पूजा करने से पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है। 
image

पितृ पक्ष एक महत्वपूर्ण हिंदू परंपरा है, जिसे पूर्वजों और परिवार के किसी खास सदस्य की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए मनाया जाता है। माना जाता है कि जो लोग इस दिन श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण विधिवत करते हैं, तो दिवंगत आत्माओं को शांति मिलती है। पितृ पक्ष का मुख्य उद्देश्य पूर्वजों का सम्मान करना और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करना होता है। इस दिन भगवान शिव, जिन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है, उनकी पूजा का खास महत्व माना जाता है।

शिव को 'मृत्युंजय' अर्थात मृत्यु पर विजय प्राप्त करने वाला माना जाता है। इसलिए लोग इस दिन भोले बाबा के दर्शन के लिए जगह-जगह मंदिर में जाते हैं। अगर आप पितृ पक्ष में हरिद्वार जा रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके काम आएगा। आज के इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐतिहासिक भोलेनाथ के मंदिरों के बारे में विस्तार से बताएंगे।

शिव मंदिर शिवालिक नगर

bilkeshwar to daksheshwar haridwar famous shiva temples to visit in pitru paksha 2024

पितृ पक्ष एक ऐसा समय होता है जब भक्त अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उनके मोक्ष की कामना करते हैं। अगर आप इस दिन भोले बाबा के दर्शन के लिए जाना चाहते हैं, तो शिवालिक नगर में स्थित शिव मंदिर में जा सकते हैं। लोग हरिद्वार में स्नान के बाद इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर शांत और सुकून वातावरण वाला है। यहां ज्यादा भीड़ भी नहीं होती। सबसे खास बात यह है कि मंदिर चारों तरफ हरियाली से घिरा हुआ है। इसलिए यहां आप अपने परिवार के साथ शांति से बैठ सकते हैं।यहभगवान शिव के सबसे फेमस मंदिरमें से एक है।

  • मंदिर खुलने का समय- सुबह - 6:00 बजे से शाम 7:30 बजे तक
  • सर्दियों में खुलने का समय- सुबह 6:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक
  • ध्यान रखें मंदिर हर दिन दोपहर 1 से 4 बजे तक बंद रहता है।

बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर

bilkeshwar mahadev

हरिद्वार के बिल्वकेश्वर महादेव मंदिर में स्थित शिवलिंग को स्वयंभू कहा जाता है। इस मंदिर से बहुत सी प्राचीन कहानियां जुड़ी हैं। इसी मंदिर में एक प्राचीन पेड़ भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां पर ही नीचे बैठकर माता गौरी ने 3000 साल तक तपस्या की थी। मान्यता है कि स्वयंभू शिवलिंग की पूजा करने से सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। हरिद्वार आने वाले लोग, इस मंदिर में भोले बाबा के दर्शन के लिए आ सकते हैं।

  • लोकेशन-हरिद्वार के बिल्ला पर्वत की घाटी में स्थित है।
  • यह मंदिरहरिद्वार रेलवे स्टेशन से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर है।
  • समय- सुबह 5 बजे से शाम 4 बजे तक खुला रहता है।

दक्षेश्वर महादेव मंदिर

daksheswara mahadev

यह मंदिर 4 किमी दूर कनखल शहर में स्थित है। माना जाता है कि इस मंदिर में दक्षेश्वर महादेव के नाम से गंगाजल चढ़ाने व पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। मान्यता है कि दक्षेश्वर महादेव मंदिर माता सती के पिता राजा दक्ष की याद में बनवाया गया था। इस मंदिर की संरचना सुंदर और सुकून दायक है। हर साल यहां लाखों पर्यटक घूमने के लिए आते हैं।

अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।

साथ ही आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।

image credit- freepik, insta

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP