भारत का इतिहास जब भी पढ़ा जाता है तो इस देश में मौजूद नदियों का जिक्र ज़रूर होता है। जैसे-सिंधु घाटी या नदी का जिक्र हर बार किया जाता है। इसी तरह गंगा, यमुना या फिर गोदावरी आदि नदियों का भी जिक्र ज़रूर होता है।
भारत में मौजूद कुछ नदियां सिर्फ सामरिक रूप से ही नहीं बल्कि कई शहरों के लिए जीवनदायक के रूप में भी काम करती हैं। भारत में मौजूद दर्जनों नदियों में एक भीलांगना नदी भी भारत के लिए बेहद महत्पूर्ण मानी जाती है।
इस लेख में भीलांगना/भिलंगना नदी से जुड़ी रोचक कहानी और उद्गम स्थल के साथ-साथ इससे कुछ तथ्यों के बारे में जानना चाहते हैं तो फिर आपको इस लेख को ज़रूर पढ़ना चाहिए।
भिलांगना नदी का इतिहास
भिलांगना नदी का इतिहास बेहद ही रोचक है। कहा जाता है कि यह एक ऐसी नदी है जिसकी उत्पत्ति आदिकाल से भी प्राचीन है। ईसा पूर्व में यह नदी भारत के साथ-साथ उत्तराखंड के बेहद ही महत्वपूर्ण नदी मानी जाती है। कई लोगों का मानना है कि इस प्राचीन नदी का नाम भील और गंगा शब्द का मेल है यानी इस नदी का नाम गंगा से भी लिया गया है।
भिलंगना नदी का उद्गम स्थल
समुद्र तल से लगभग 12 हज़ार से भी अधिक फीट की ऊंचाई पर मौजूद भीलांगना नदी का उद्गम स्थल खतलिंग गलेश्यिर है। यह हिमानी गोमुख की हिम-गुफा से 50 किमी दक्षिण में है। हिमालय की गोद में मौजूद खतलिंग ग्लेशियर से एक नहीं बल्कि कई छोटी-छोटी नदियां निकलती है, लेकिन सबसे प्रमुख नदी भिलांगना नदी है।
इसे भी पढ़ें: बाणगंगा नदी के उद्गम स्थान और इससे जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में जानें
भिलांगना नदी की सहायक नदी
उत्तराखंड में बहने वाली काली नदी, टोंस नदी और अलकनंदा नदी की तरह ही भिलांगना नदी एक प्रमुख नदी है। लेकिन इसी नदी की कोई सहायक नदी है बल्कि भिलांगना नदी भागीरथी की प्रमुख सहायक नदी है जो गंगा नदी की स्रोते-धारा है। हालांकि यह कहा जाता है कि बाल गंगा एक उपनदी है।
Recommended Video
भिलांगना पर बने बांध
शायद आप उत्तराखंड में मौजूद टिहरी बांध के बारे में ज़रूर जानते होंगे, अगर नहीं जानते हैं तो आपको बता दें कि उत्तराखंड के साथ-साथ भारत का यह प्रमुख बांध
भीलांगना और भागीरथी के संगम पर ही निर्मित है। कहा जाता है कि इस बांध का निर्माण 1953 में शुरू हुआ था और लगभग 2007 में पूरा हुआ था। (ये हैं भारत की श्रापित नदियां)
इसे भी पढ़ें: महानंदा नदी के उद्गम स्थल और इससे जुड़े रोचक तथ्य
भिलंगना नदी से जुड़े अन्य तथ्य
- भीलांगना के बारे में कहा जाता है कि आदिकाल में इस नदी के किनारे कई ऋषि-मुनियों का आश्रम था।
- उत्तराखंड की इस प्राचीन नदी के बारे में कहा जाता है कि इसका इतिहास महाभारत और रामायण से भी जुड़ा हुआ है।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit:(@wiki)