जब भारत में घूमने की कुछ पॉपुलर जगहों की बात आती है तो उसमें केरल का नाम जरूर लिया जाता है। कपल्स के अलावा फैमिली ट्रिप के लिए भी यह एक बेहतरीन जगह है। यूं तो केरल में अलेप्पी से लेकर कोचीन, मुन्नार जैसी कई खूबसूरत जगहें स्थित हैं, लेकिन वायनाड का अपना एक अलग ही चार्म है। यह केरल के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। वायनाड पूरे साल अपनी सुखद जलवायु और अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। इसलिए, लोग अक्सर यहां आना पसंद करते हैं। इसके अलावा, बैंगलोर, मैसूर, चेन्नई और कोच्चि जैसे स्थानों से इसकी निकटता इसे कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के यात्रियों के बीच एक पसंदीदा गंतव्य बनाती है। हालांकि, बहुत से लोगों को वायनाड से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको वायनाड से जुड़े कुछ इंटरस्टिंग फैक्ट्स के बारे में बता रहे हैं, जो यकीनन आपको भी काफी रोमांचित करेंगे-
बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि वायनाड केरल का एकमात्र ऐसा जिला है जो कर्नाटक और तमिलनाडु के साथ अपनी सीमा को शेयर करता है। यह भी एक मुख्य कारण है कि केरल के वायनाड में अक्सर इन राज्यों के पर्यटक घूमने के लिए आते हैं।
वायनाड शब्द दो मलयालम शब्दों ’वायल’ और ’नाडु’ से मिलकर बना एक नाम है जिसका अर्थ क्रमशः ’धान का खेत’ और ’देश की भूमि’ है। चूंकि यह क्षेत्र अपने धान के खेतों के लिए जाना जाता है, इसलिए इसे वायल नाडु कहा जाता था, जो वर्षों में वायनाड में बदल गया। बारहमासी नदियों के साथ अनुकूल जलवायु परिस्थितियाँ सुनिश्चित करती हैं कि वायनाड पूरे वर्ष उपजाऊ बना रहे। यहां की परिस्थितियाँ भूमि को फसलों की खेती के लिए उपयुक्त बनाती हैं और चावल यहाँ की मुख्य फसल है जिसकी खेती की जाती है।
वायनाड में कूट्टामुंडा का कांच का मंदिर अपनी तरह का एक अनूठा मंदिर है। यह एक जैन मंदिर है जो जैनियों के तीसरे तीर्थंकर पार्श्वनाथ स्वामी को समर्पित है। इस मंदिर विशिष्टता इस तथ्य में निहित है कि यह एकमात्र मिरर टेम्पल है। सुनने में अजीब लगे, लेकिन सच है। मंदिर की अंदर दीवारें सैकड़ों दर्पणों से सजी हैं। मंदिर के गर्भगृह में पार्श्वनाथ स्वामी और पद्मावती देवी की मूर्तियां मौजूद हैं।
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यह भी वायनाड से जुड़ा एक अमेजिंग फैक्ट है, जो सच में आपको चौंका देता है। हालांकि दक्षिणी राज्य केरल की एक लंबी कोस्टलाइन है, वायनाड इससे दूर है। समुद्र तट केरल की पश्चिमी सीमा के साथ फैला है, जबकि वायनाड इसके पूर्वी किनारे पर है। वायनाड के बारे में एक और दिलचस्प तथ्य यह है कि यह रेल से जुड़ा नहीं है। भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है, और फिर भी वायनाड में कोई रेल नेटवर्क नहीं है। इसका संभावित कारण यह है कि भूभाग एक वन आरक्षित क्षेत्र है, जो वन्यजीवों के लिए है। यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन कोझीकोड में 110 किमी की दूरी पर है।
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आपको शायद पता ना हो लेकिन वायनाड में बाणासुर सागर बांध भारत का एकमात्र अर्थ डैम है। यह एशिया का दूसरा सबसे बड़ा अर्थ डैम भी है। बानासुर पहाड़ियों के बीच में लुभावने दृश्योंका आनंद लेते हुए, आप यहां पर स्पीडबोटिंग और कैंपिंग का अनुभव भी कर सकते हैं।
केरल का एकमात्र देवदार का जंगल वायनाड जिले के मनंतवाडी में चंदनथोड है। आप पाइऩ की खुशबू में पहाड़ियों पर ट्रेकिंग का आनंद ले सकते हैं। यहां पर केरल का एकमात्र पाइन फोरेस्ट मौजूद है, जो यकीनन आपको एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करेगा।
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Image Credit- Travel Websites
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