
सनातन धर्म में भगवान विष्णु को सृष्टि के पालनहार के रूप में पूजा जाता है। उन्हें ब्रह्मा, विष्णु और महेश इस त्रिदेव स्वरूप के मध्यस्थ के रूप में भी पूजा जाता है जो संसार के संचालन और संतुलन की शक्ति हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब भी पृथ्वी पर अधर्म, अन्याय या पाप बढ़ता है, तब भगवान विष्णु अपने विभिन्न अवतारों के माध्यम से धरती पर अवतरित होकर धर्म की रक्षा करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से भगवान विष्णु की आराधना करता है, उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उसे धन, वैभव और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। इसी वजह से विष्णु जी की अलग-अलग स्वरूपों में पूजा की जाती है और उनके मंदिरों में श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते हैं। भगवान विष्णु पंच देवों में से एक प्रमुख देवता माने जाते हैं। उन्हें सृष्टि के पालन और संतुलन का प्रतीक कहा जाता है। हर योग में विष्णु जी ने अलग-अलग अवतार लिए और उनकी पूजा से लोगों को पुण्य की प्राप्ति हुई। ऐसे ही कलयुग में भी भगवान विष्णु को अलग-अलग रूपों में पूजा जाता है और उनके मंदिर अलग-अलग स्थानों पर स्थापित हैं। आइए आपको बताते हैं भगवान विष्णु के ऐसे ही 5 मंदिरों के बारे में जिनके लिए मान्यता है कि उनके दर्शन मात्र से भक्तों की मुरादें पूरी होती हैं। आइए जानें ऐसे मंदिरों के बारे में।
आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर भगवान विष्णु के वेंकटेश्वर रूप को समर्पित है। यह भारत का सबसे प्रसिद्ध और धनी मंदिर माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि कलयुग में भगवान विष्णु इसी मंदिर में वास करते हैं और उनके दर्शन से जीवन के सभी कष्ट मिट जाते हैं।

यहां आने वाला कोई भी भक्त कभी खाली हाथ नहीं लौटता। जो भी भक्त विष्णु जो को समर्पित इस मंदिर में प्रवेश करते हैं, उनकी मनोकामनाओं को स्वयं विष्णु जी पूर्ण करते हैं। इस मंदिर में भक्त अपने बालों को भी अर्पित करते हैं और भगवान से मन्नत मांगते हैं।
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पुरी स्थित भगवान श्री जगन्नाथ मंदिर भगवान विष्णु के श्री कृष्ण अवतार को समर्पित है। यह चार प्रमुख धामों में से एक है। इस स्थान पर हर साल होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा में भगवान अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण करते हैं। यह यात्रा लाखों भक्तों की श्रद्धा का केंद्र मानी जाती है। मान्यता है कि आज भी इस मंदिर में भगवान कृष्ण का दिल धड़कता है और जो व्यक्ति इस मंदिर में मिन्नतें मांगता है उसकी मनोकामनएं पूर्ण होती हैं।
पद्मनाभ स्वामी मंदिर भारत के सबसे रहस्यमय और धनी मंदिरों में से एक माना जाता है। यहां भगवान विष्णु शेषनाग पर शयन मुद्रा में विराजमान हैं। त्रावणकोर राजवंश द्वारा निर्मित यह मंदिर अपनी रहस्यमयी संपत्ति और भव्य वास्तुकला के लिए विश्वप्रसिद्ध है। मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं।

द्वारकाधीश मंदिर भगवान कृष्ण को द्वारका के राजा के रूप में समर्पित है। लगभग 2200 वर्ष पुराना यह मंदिर चारधाम यात्रा का एक मुख्य भाग माना जाता है। समुद्र तट पर स्थित इस भव्य मंदिर की दीवारों पर अद्भुत नक्काशी की गई है। कहा जाता है कि इसे कृष्ण जी के पोते वज्रनाभ ने निर्मित कराया था। इस मंदिर में जो भी भक्त दर्शन के लिए जाता है उसकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
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वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर भगवान विष्णु के श्रीकृष्ण रूप को समर्पित है। यहां की मूर्ति राधा-कृष्ण के एकाकार स्वरूप मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि स्वामी हरिदास जी के अनुरोध पर भगवान ने यह रूप धारण किया था। भक्तों का विश्वास है कि बांके बिहारी के दर्शन से जीवन के दोष और बाधाएं दूर होती हैं। इस मंदिर को मनोकामनाओं की पूर्ति का मंदिर माना जाता है जहां भक्तों का तांता पूरे साल लगा रहता है।
विष्णु जी के ये कुछ ऐसे मंदिर हैं जहां भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और दर्शन से ही पूजा का पूर्ण फल मिलता है। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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