नए साल का आगमन होने में बस कुछ ही दिन बाकी हैं। ऐसे में अबतक बहुत लोगों ने घूमने का प्लान बना लिया होगा। साथ ही, कुछ लोग अभी भी कंफ्यूजन में चल रहे होंगे कि कौन सी जगह जाएं। हर इंसान के घूमने की चॉइस अलग होती है किसी को पहाड़ों, किसी को मैदानी क्षेत्रों में घूमना पसंद होता है। कुछ लोग नए साल की शुरुआत भगवान के आशीर्वाद के साथ करते हैं। ताकि पूरे साल उनके परिवार और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे। भारत के हर कोने प्रसिद्ध मंदिर होने के साथ अनेको छोटे मंदिर भी हैं।
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध मंदिर
दरअसल, छतीसगढ़ आस्था के प्रतीक लोगों की धरती हैं। यहां आपको भगवानों के मंदिर के दर्शन करने को मिल जाएंगे। यह राज्य देश के मध्य में बसा हुआ है, यह राज्य अपनी उत्कृष कलाकारी, प्राचीन स्मारकों, महलों, गुफाओं और हजारों साल पुराने मंदिरों के लिए फेमस है। इन मंदिरों पर की गई नक्काशी आपका मन मोह लेती है। ऐसे में यदि आप भी फैमिली के साथ मंदिरों के दर्शन करने की सोच रहे हैं, तो आज हम आपको छतीसगढ़ के कुछ फेमस मंदिर के नाम की लिस्ट दिखाने जा रहे हैं। जिन्हें आप नववर्ष के आगमन पर एक्सप्लोर कर सकते हैं।
हटकेश्वर महादेव मंदिर
नए साल पर भगवान शिव के भक्तों के लिए हटकेश्वर महादेव मंदिर बेस्ट ऑप्शन रहेगा। इसको छतीसगढ़ का मिनी काशी भी कहा जाता है। यह मंदिर खारुन नदी के तट पर बना हुआ है। मान्यता है कि इस मंदिर के अंदर बना शिवलिंग खुद प्रकट हुआ है। रायपुर से हटकेश्वर महादेव मंदिर की दूरी करीब 5 किमी की है।
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दंतेश्वरी देवी मंदिर
बस्तर की सबसे पूजनीय देवियों में से एक दंतेश्वरी देवी मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता के अनुसार यहां देवी सती का दांत गिरने की वजह से इस मंदिर का नाम दंतेश्वरी देवी पड़ा। बताया जाता है इस मंदिर का निर्माण 14वीं शताब्दी में किया हुआ था। ऐसे में यह काफी प्राचीन मंदिरो में से एक है। दंतेश्वरी देवी मंदिर शंखिनी और डंकिनी नदियों के संगम पर बसा है। यह मंदिर छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा शहर में स्थित है। कहा जाता है इस मंदिर में आज भी बाली चढ़ाई जाती है। दंतेश्वरी देवी मंदिर अंबिकापुर पहाड़ी पर बसा हुआ है।
अमरकंटक मंदिर
अमरकंटक मंदिर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के बॉर्डर पर स्थित है। यह जगह आपको प्रकृति के बेहद करीब ले जाती है। मंदिर के दर्शन करने के अलावा आप यहां झरनों और पहाड़ों के खूबसूरत नजारों का भी आनंद ले सकती हैं। मैकाल पर्वत पर बसा यह मंदिर करीब 3,500 फीट की ऊंचाई पर बसा है। यह मंदिर गहन जंगलों और पहाड़ियों से घिरा हुआ है। अमरकंटक में जनवरी के महीने में नर्मदा जयंती मनाई जाती है। यह शहर का सबसे बड़ा फेस्टिवल होता है। इस मंदिर में भगवान शिव की करीब 51 फीट ऊंची मूर्ति बनी हुई है।
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Image Credit: Wikipedia
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