जब उम्र बढ़ने लगती है तो उसका प्रभाव आपकी स्किन पर भी नजर आने लगता है। उम्र बढ़ने के साथ ही स्किन पर मौजूद फाइन लाइन्स और रिंकल्स बिल्कुल भी अच्छे नहीं लगते हैं। ऐसे में हम इस उम्र में एंटी-एजिंग प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं। लेकिन मार्केट में मिलने वाली एंटी-एजिंग क्रीम काफी महंगी होती हैं और कई बार इनसे आपकी स्किन पर नेगेटिव इफेक्ट भी आता है। ऐसे में सबसे अच्छा तरीका होता है कि आप खुद घर पर ही एंटी-एजिंग क्रीम बनाकर उसका इस्तेमाल करें।
हालांकि, जब आप घर पर एंटी-एजिंग क्रीम बनाती हैं तो आप यही चाहती हैं कि इससे आपको बेस्ट रिजल्ट मिले। इसके लिए जरूरी है कि आप एंटी-एजिंग क्रीम बनाते समय कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें। अगर आप अपनी स्किन की जरूरतों को समझते हुए सही क्रीम बनाते हैं तो इससे आपको काफी फायदा मिल सकता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि घर पर एंटी-एजिंग क्रीम बनाते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए-
सही इंग्रेडिएंट्सका करें चयन
जब आप एंटी-एजिंग क्रीम बना रही हैं तो यह बेहद जरूरी है कि आप सही इंग्रीडिएंट्स का चयन करें। मसलन, रेटिनॉल अपने शक्तिशाली एंटी-एजिंग गुणों के लिए जाना जाता है, जो सेल टर्नओवर को बढ़ाने और फाइन लाइन्स को कम करने में मदद करता है। इसी तरह, विटामिन सी एक एंटीऑक्सीडेंट है, जो कोलेजन उत्पादन को बूस्ट करता है। एंटी-एजिं क्रीम बनाते हुए हयालूरोनिक एसिड, पेप्टाइड्स, नियासिनमाइड जैसी इंग्रीडिएंट्स का इस्तेमाल भी कर सकती हैं।
नेचुरल इंग्रेडिएंट्सको भी करें शामिल
एंटी-एजिंग क्रीम तैयार करते समय उसमें नेचुरल इंग्रीडिएंट्स को भी जरूर शामिल करना चाहिए। इससे स्किन को कई तरह के फायदे मिल सकते हैं। एंटी-एजिंग क्रीम में एलोवेरा जेल, ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट व रोजहिप ऑयल आदि का इस्तेमाल किया जा सकता है। ये स्किन को यूथफुल बनाने के साथ-साथ उसे अधिक हाइड्रेटिड रखती है। जिससे स्किन नेचुरली ब्यूटीफुल नजर आती है।
स्किन टाइप के अनुसार बनाएं क्रीम
घर पर एंटी-एजिंग क्रीम तैयार करते समय आपको अपनी स्किन टाइप का भी ध्यान रखना चाहिए। मसलन, अगर आपकी स्किन रूखी है तो आपको ऐसे इंग्रीडिएंट का इस्तेमाल करना चाहिए, जो अधिक हाइड्रेटिंग हों। वहीं, ऑयली स्किन के लिए लाइट व नॉन-कॉमेडोजेनिक तेलों का उपयोग करना अच्छा रहता है।
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मौसम का रखें ध्यान
एंटी-एजिंग क्रीम बनाते समय स्किन टाइप की ही तरह मौसम का भी ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है। आप मौसमी बदलावों को ध्यान में रखते हुए फ़ॉर्मूलेशन को एडजस्ट करें। उदाहरण के तौर पर सर्दियों में, आपको अधिक रिच फ़ॉर्मूला की आवश्यकता हो सकती है, जबकि गर्मियों के लिए लाइट फ़ॉर्मूला इस्तेमाल करना अधिक बेहतर माना जाता है।
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रहें कंसिस्टेंट
अधिकतर लोगों को यह शिकायत होती है कि होममेड एंटी-एजिंग क्रीम से उन्हें फायदा नहीं हो रहा है। ऐसा इसलिए होता है, क्यांकि वे अपने स्किन केयर रूटीन को लेकर कंसिस्टेंट नहीं रहते। आप इसे दिन में दो बार सुबह और रात में लगाएं। इसके अलावा, क्रीम को पहली बार अपनी स्किन पर लगाने से पहले, एक छोटे से हिस्से पर पैच टेस्ट जरूर करें, ताकि आपको यह पता चल सके कि आपकी स्किन पर कोई नेगेटिव रिएक्शन तो नहीं हो रहा है।
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मिताली जैन
Image Credit- freepik
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