1st Day of Navratri Vrat Katha 2025: चैत्र नवरात्रि के पहले दिन पढ़ें मां शैलपुत्री की कथा, सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी

Navratri Vrat Katha 2025: हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। अब ऐसे नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। अब ऐसे में अगर आप इस दिन व्रत रख रहे हैं तो माता शैलपुत्री की व्रत कथा जरूर पढ़नी चाहिए। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 
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हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री का स्वरूप बेहद सौम्य है। मां बैल पर सवार हैं और उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल है। मां शैलपुत्री को पर्वतराज हिमालय की पुत्री माना जाता है। अब ऐसे में अगर आप चैत्र नवरात्रि पहले दिन मां शैलपुत्री की व्रत कथा के बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन पढ़ें मां शैलपुत्री की व्रत कथा (Maa Shailputri Vrat Katha)

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देवी भागवत पुराण में वर्णित कथा के अनुसार, प्रजापति दक्ष ने एक बार एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया। उन्होंने सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया, लेकिन भगवान शिव और अपनी पुत्री सती को नहीं बुलाया। जब माता सती ने भगवान शिव से यज्ञ में जाने का अनुरोध किया, तो उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया। फिर, देवी सती ने स्वयं जाने का निर्णय लिया।

यज्ञ स्थल पर, अपने पति भगवान शिव के अपमान से क्रोधित होकर, देवी सती ने अपने उस शरीर को यज्ञ की अग्नि में समर्पित कर दिया, जो उन्होंने अपने पिता दक्ष से प्राप्त किया था। इस घटना से भगवान शिव के प्रथम गण वीरभद्र क्रोधित हो गए और उन्होंने दक्ष का वध कर दिया।

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इसके बाद, देवी सती ने पर्वतराज हिमालय और उनकी पत्नी मैनावती के घर में देवी पार्वती यानी कि माता शैलपुत्री के रूप में पुनर्जन्म लिया। उन्होंने भगवान शिव को अपने पति के रूप में फिर से प्राप्त किया।

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मां शैलपुत्री की व्रत कथा पढ़ने का महत्व

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मां शैलपुत्री को स्थिरता और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। उनकी कथा सुनने से मन को शांति मिलती है और जीवन की कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति मिलती है। मान्यता है कि मां शैलपुत्री की पूजा और कथा सुनने से सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है और जीवन में समृद्धि आती है। मां शैलपुत्री की कथा पढ़ने से व्यक्ति को जीवन की सभी चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती है। साथ ही व्यक्ति का भाग्योदय हो सकता है। इसके अलावा अगर आपको किसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो इस व्रत कथा को पढ़ने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी हो सकती है।

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Image Credit- HerZindagi

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