Pitru Paksha 2025: 1, 2 या 3 नहीं कई पीढ़ियों तक रहता है पितृ ऋण, पूर्वजों को प्रसन्न करने के उपाय यहां जानें

कई बार आपके घर में कई ऐसी समस्याएं आने लगती हैं जिनका कारण जान पाना मुश्किल होता है। ऐसी परेशानियों का कारण पितृ ऋण या पितृ दोष हो सकता है। ऐसा कहा जाता है कि यह एक ऐसा ऋण है जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में में चला जाता है। आइए आपको बताते हैं कि इससे कैसे बचा जा सकता है और पूर्वजों को प्रसन्न कैसे  किया जा सकता है।
image
image

हिंदू धर्म में पितृपक्ष के 16 दिनों का विशेष महत्व है। यह वह समय होता है जब हम अपने पूर्वजों को याद करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए विशेष उपाय करते हैं। इस पूरी अवधि में उनके निमित्त कर्म किए जाते हैं जिनमें तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म शामिल होते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान हमारे पूर्वज किसी न किसी रूप में धरती पर आते हैं और हमारे आस-पास ही मौजूद होते हैं। यही नहीं अपने वंशजों से जल और भोजन भी ग्रहण करते हैं। इस दौरान जो भी तर्पण किया जाता है वो पूर्वजों के लिए ही होता है। पूर्वज जब संतुष्ट हो जाते हैं तब वो हमें कुशलता का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। यही नहीं अगर हम इस पूरी अवधि में पितरों के लिए श्राद्ध या तर्पण नहीं करते हैं तो वो नाराज होकर वापस लौट जाते हैं और जीवन में कई समस्याएं आने लगती हैं। ऐसे ही कई लोगों की कुंडली में पितृ ऋण मौजूद होता है। ऐसा कहा जाता है कि पितृ ऋण एक या दो पीढ़ियों तक नहीं बल्कि आगे की पीढ़ियों में भी जाता है और उसका नकारात्मक प्रभाव वंशजों पर होता है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें कि पितृ ऋण कितनी पीढ़ियों के लोगों को झेलना पड़ता है और इससे बचने के उपाय क्याहैं?

पितृ ऋण क्या होता हो?

पितृ ऋण वह होता है जो हमारी कई पीढ़ियों से चला आ रहा होता है। पितृ ऋण आपके कर्मों से जुड़ा होता है और अगर आप एक पीढ़ी में वो ऋण नहीं चुका पाते हैं तो यह आगे की पीढ़ियों में वंशजों पर लग जाता है। पितृ ऋण का अर्थ केवल आर्थिक कर्ज से नहीं होता है, बल्कि उन दायित्वों और अधूरे कर्मों से भी है जो हमारे पूर्वजों से जुड़े होते हैं।

pitra rin kya hota hai

पितृ ऋण केवल नकारात्मक कर्मों से ही नहीं, बल्कि पूर्वजों द्वारा अधूरे छोड़े गए सकारात्मक कार्यों और उनके प्रति कर्तव्यों को न निभाने से भी जुड़ा होता है। इसी ऋण को चुकाने के लिए श्राद्ध, तर्पण, दान जैसे कर्म करने की सलाह दी जाती है।

इसे जरूर पढ़ें: Pitru Paksha Kutup Kaal Muhurat 2025: क्या होता है कुतुप काल? क्यों पितृपक्ष के दौरान सिर्फ यही मुहूर्त देखकर किया जाता है तर्पण और श्राद्ध

पितृ ऋण कितनी पीढ़ियों तक रहता है?

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो पितृ ऋण केवल 1 या 2 पीढ़ियों तक ही सीमित नहीं रहता है बल्कि यह 14 पीढ़ियों तक चलता है। ऐसा कहा जाता है कि जब तक वंशज अपने पितरों का सम्मान और श्राद्ध नहीं करते हैं, तब तक पूर्वजों की आत्माएं तृप्त नहीं होती हैं और वंशजों पर भी पितरों का ऋण चढ़ता जाता है और यह आगे की पीढ़ियों में भी पहुंच जाता है। ज्योतिष की मानें तो 14 पीढ़ियों में से 7 पीढ़ियां पितृलोक में रहती हैं और 7 पीढ़ियां मातृलोक में विराजमान होती हैं। इसी वजह से आपके कर्मों का फल 14 पीढ़ियों तक होता है और पितृ ऋण भी इतनी ही पीढ़ियों तक लगता है।

इसे जरूर पढ़ें: Pitru Paksha Shradh Date 2025: कब से शुरू हो रहा है पितृपक्ष? एक क्लिक में जानें श्राद्ध की सभी तिथियों के बारे में

pitru rin se kaise bachen

पितृ ऋण से मुक्ति के उपाय

  • अगर आप भी पितृ ऋण से मुक्ति पाना चाहते हैं तो आपको पितृपक्ष के दौरान कुछ आसान उपाय आजमाने की सलाह दी जाती है। सबसे आसान उपाय पूर्वजों के लिए तर्पण कर्म करना है। आपको सलाह दी जाती है कि आप नियमित रूप से पूर्वजों को जल अर्पित करें और तर्पण करें।
  • पितृपक्ष के दौरान आपको पीपल के पेड़ में जल चढ़ाना चाहिए। पीपल के पेड़ को पितरों से जुड़ा माना जाता है और यह पितृ ऋण से मुक्ति का अच्छा उपाय माना जाता है।
  • पितृपक्ष के दौरान नियमित रूप से 3 जगहोंपर भोजन निकालें। पहला ग्रास गाय के लिए, दूसरा कौए के लिए और तीसरा कुत्ते के लिए निकालें। इस उपाय से 14 पीढ़ियों के पितृ ऋण को दूर किया जा सकता है।

यदि आप यहां बताई बातों का ध्यान रखते हैं तो पितृ ऋण से बचा जा सकता है। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Images: freepik. com

HerZindagi Video

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP