Hariyali Amavasya 2025 : हरियाली अमावस्या के दिन लगाएं ये एक पेड़ और करें पूजा, ग्रहदोष से मिलेगा छुटकारा

हिंदू पंचांग के अनुसार हरियाली अमावस्या सावन माह की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। इस दिन पेड़-पौधों की पूजा का भी विशेष महत्व है। आइए इस लेख में विस्तार से नीम के पेड़ की पूजा विधि के बारे में जानते हैं। 
Hariyali Amavasya  neem tree puja vidhi

इस दिन लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए श्राद्ध कर्म भी करते हैं। ऐसा माना जाता है कि अमावस्या पर किया गया श्राद्ध पितरों को संतुष्टि प्रदान करता है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति में मदद करता है।

हरियाली अमावस्या विशेष रूप से किसी भी नए कार्य को शुरू करने के लिए बेहद उत्तम दिन मानी जाती है। इस दिन दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व है, जिससे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

हरियाली अमावस्या के दिन नीम के पेड़ की पूजा का विशेष विधान है। आइए ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि इस दिन नीम के पेड़ की पूजा किस विधि से करने पर शुभ परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।

नीम के पेड़ की पूजा के लिए सामग्री क्या है?

हरियाली अमावस्या के दिन नीम के पेड़ की पूजा के लिए सामग्री के बारे में विस्तार से जानें।

  • जल का लोटा
  • चमेली का तेल
  • दीपक
  • धूप
  • कुंकुम
  • अक्षत
  • नैवेद्य
  • कच्चा सूत
  • चंदन
  • कलश

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नीम के पेड़ की पूजा का महत्व क्या है?

what happens if we worship neem tree

हरियाली अमावस्या के दिन आप नीम के पेड़ की पूजा ब्रह्म मुहूर्त और संध्या के समय कर सकते हैं। इसलिए आप अपने हिसाब से पूजा कर सकते हैं।

  • इस दिन पूजा करने से पहले सबसे पहले पेड़ को गंगाजल से शुद्धि करें।
  • उसके बाद नीम के पेड़ को जल से स्नान कराएं।
  • नीम के पेड़ के तने पर कुमकुम का तिलक लगाएं।
  • उसके बाद चमेली के तेल का दीपक जलाएं और धूपबत्ती
  • नीम के पेड़ के नीचे बैठकर आप मंगलदेव की पूजा भी कर सकते हैं।
  • नीम के पेड़ को कच्चे सूत से लपेटें और 11 बार परिक्रमा लगाएं।
  • उसके बाद फूल और मिठाई अर्पित करें।
  • आखिर में नीम के पेड़ की आरती करें।
  • इस दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान अवश्य करें। इससे पूजा पूर्ण मानी जाती है।

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नीम के पेड़ की पूजा का महत्व क्या है?

neem tree puja

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नीम के पेड़ में देवताओं का वास होता है। इसलिए, नीम की पूजा करने से ग्रह दोष शांत होता है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। शास्त्रों के अनुसार, नीम की पूजा करने से शनि दोष भी शांत होता है। शनि देव को नीम के पेड़ बहुत प्रिय हैं। नीम के पेड़ में नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने की शक्ति होती है। इसकी पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और वातावरण शुद्ध होता है। नीम की पूजा करने से धन लाभ होता है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। नीम का पेड़ सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इसकी पूजा करने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है। वहीं हरियाली अमावस्या के दिन नीम के पेड़ की पूजा करने से पितृदोष से भी छुटकारा मिल जाता है।

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Image Credit- HerZindagi

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FAQ

  • हरियाली अमावस्या को क्या नहीं करना चाहिए?

    इसके साथ ही अमावस्या तिथि पर बाल धोने की भी मनाही है। साथ ही इस तिथि पर शुभ कार्य जैसे मुंडन और गृह प्रवेश आदि भी नहीं करने चाहिए।
  • हरियाली अमावस्या को क्या दान करना चाहिए?

    हरियाली अमावस्या पर दान का बड़ा महत्व माना जाता है। कहा जाता है कि इस शुभ दिन पर अन्न और भोजन का दान सर्वोत्तम है।